- बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने को लेकर कराया जाता है छिड़काव: डीवीबीडी सलाहकार
- जिले में सघन एसपी पाउडर छिड़काव अभियान का लगातार किया जाता है पर्यवेक्षण:
- कालाजार मरीजों की संख्या शून्य करने की दिशा में किया जा रहा है लगातार प्रयास: डीवीबीडीसीओ
कालाजार मरीजों की संख्या शून्य करने की दिशा में किया जा रहा है लगातार प्रयास: डीवीबीडीसीओ
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ राजेन्द्र प्रसाद मंडल ने बताया कि जिले को कालाजार मुक्त करने को लेकर सभी तरह के आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में कालाजार मरीजों की संख्या शून्य करने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिले के बायसी को कालाजार मुक्त घोषित किया जा चुका है। छिड़काव दल में शामिल कर्मियों को गौशाला, पूजा घर, पाठशाला एवं शयनकक्ष में अनिवार्य रूप से 06 फीट की ऊंचाई तक छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कालाजार मुक्त अभियान को हर हाल में सफल बनाने के लिए प्रत्येक दिन चिकित्सा पदाधिकारी एवं पर्यवेक्षकों द्वारा संध्याकालीन समीक्षा की जाती है। जिसमें दिन भर में कितने घरों में छिड़काव हुआ समेत अन्य चर्चा की जाती है।
कालाजार से बचाव के लिए छिड़काव सबसे बेहतर उपाय:वीडीसीओ
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी (वीडीसीओ) रवि नंदन सिंह ने बताया कि कालाजार से बचाव के लिए कालाजार प्रभावित गांव और क्षेत्रों में एसपी पाउडर से छिड़काव लगातार कराया जा रहा है। इस बीमारी से बचाव के लिए छिड़काव तो सबसे बेहतर उपाय है ही लेकिन लोगों को सावधान और सतर्क रहने की भी आवश्यकता है। इस बीमारी से संबंधित लक्षण महसूस होने के साथ ही इसकी जांच करानी चाहिए। हम सभी के लिए इससे बेहतर और कारगर उपाय नहीं है। छिड़काव के दौरान भी लोगों को सतर्क रहने एवं साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखने सहित अन्य प्रकार की जानकारियां दी जाती हैं।
बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने को लेकर कराया जाता है छिड़काव: डीवीबीडी सलाहकार
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार सोनिया मंडल ने बताया कि बालू मक्खी के काटने से कालाजार बीमारी फैलती है। एसपी पाउडर के छिड़काव से ही बालू मक्खी के प्रभाव को पूर्ण रूप से खत्म किया जा सकता है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार छिड़काव किया जाता है। ताकि बालू मक्खी को जड़ से समाप्त किया जा सके। हालांकि कालाजार का लक्षण मिलने के साथ ही नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जांच करानी चाहिए। उसके बाद ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह के अनुसार इलाज कराएं। सरकारी अस्पतालों में जांच एवं इलाज की मुफ्त व समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। साथ ही इस बीमारी से बचने के जमीन पर नहीं सोएं। मच्छरदानी का प्रयोग नियमित रूप से करना चाहिए।
घरों में छिड़काव के दौरान इन बातों को विशेष रूप से रखें ख्याल:
- छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
- घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं
- छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
- छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री , बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिससे कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
- अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।
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