- टीकाकरण जानलेवा बीमारियों से बचाव का सरल एवं सहज उपाय
सहरसा, 7 मई। जिले में 2 मई से आरंभ मिशन इंद्रधनुष का तीसरा चरण समाप्त होने को है। ऐसे में सूचीबद्ध सभी पात्र लाभुकों को टीका लगने एवं छूटे हुए बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को आवश्यक टीके लगाये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जिले में घर-घर जाकर सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी लाभार्थियों को टीका लगा है अथवा नहीं। यदि नहीं लग पाया है तो समुचित कारणों का पता लगाया जाए। इस अभियान में जिले में कार्यरत सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, सहयोगी संस्था यूनिसेफ के प्रतिनिधि एवं स्वास्थ्य कर्मी लगाये गये हैं। 2 मई से जारी इस अभियान के तहत जिले में कुल 609 सत्र आयोजित किये गये हैं। जिसमें 8630 बच्चे एवं 1249 गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जाना है।
टीकाकरण जानलेवा बीमारियों से बचाव का सरल एवं सहज उपाय-
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद ने बताया नियमित टीकाकरण के दौरान कोविड सहित अन्य कई कारणों से जो बच्चे एवं गर्भवती महिलाऐं टीकाकारण से वंचित रह गये थे, उनको नियमित टीकाकरण तालिका अनुरूप आवश्यक टीके लगाया जाना मिशन इंद्रधनुष का मुख्य उद्देश्य है। इसके माध्यम से नियमित टीकाकरण की स्थिति जिले में सुदृढ़ होगी। नियमित टीकाकरण बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाव सरल एवं सहज उपाय है। टीकाकरण गंभीर जान लेवा बीमारियों से बचाव के लिए किया जाता है। ऐसी बीमारियां जो आगे जाकर बच्चों की जान को खतरा उत्पन्न कर सकती है। जिसका साधारण उपचार उपलब्ध नहीं है या ऐसी बीमारियाँ जिनका संक्रमण दर काफी अधिक है यानि वे बीमारियाँ जो आसानी से एक दूसरे को संक्रमित कर बड़े पैमाने पर किसी बीमारी को फैला सकती है। टीकाकरण इन सबसे बचाव का सशक्त माध्यम है। इसलिए बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव के टीके जो नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से सरकार द्वारा बिलकुल मुफ्त दी जाती हैं, अपने बच्चों को अवश्य दिलवायें।
कई चरणों में आयोजित किये जायेंगे मिशन इंद्रधनुष-
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया नियमित टीकाकरण का शत् प्रतिशत आच्छादन हो सके इसके लिए मिशन इंद्रधनुष कई चरणों में आयोजित किया जाएगा। नियमित टीकाकरण में उत्तरोत्तर सुधार के लिए प्रत्येक दिन टीकाकरण सत्र समाप्ति पश्चात संध्याकालीन समीक्षात्मक बैठक भी आयोजित की जाती है। ताकि क्षेत्रगत समस्याओं का पता चल सके और इन समस्याओं का निराकरण करते हुए बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को नियमित टीकाकरण से आच्छादित किया जा सके। इस प्रकार से मिशन इंद्रधनुष के आयोजन से जिले में गर्भवती महिलाओं के आंकड़ों का सही-सही मूल्यांकन हो पाता है वहीं गर्भवती महिलाओं में संस्थागत प्रसव, प्रसव के दौरान सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं की भी जानकारी मिल पाती है। गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है कि वे गर्भकाल में अपनी नियमित जांच करवायें। इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर आयोजित कर एएनसी जांच भी की जाती है। जिससे जिले में संस्थागत प्रसव की संख्या में प्रतिदिन बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।


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