छपरा(सारण)। भारतीय संविधान के शिल्पकार भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर 133 वीं जयंती शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया। अंबेडकर रविदास महासंघ के तत्वाधान में सदर प्रखंड के चनचौरा स्थित रामकोलवा चौक स्थित बाबासाहेब प्रतिमा स्थल पर हुआ। जहां सर्वप्रथम बाबासाहेब के प्रतिमा को सर्वप्रथम दुध से स्नान कराया गया। इसके बाद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। उसके बाद कार्यक्रम की शुरुआत से अधिवक्ता रामराज राम के अध्यक्षता में की गई। अंबेडकर रविदास महासंघ के जिलाध्यक्ष रामलाल राम, शिवनाथ राम लक्ष्मण राम, देवेंद्र राम, बिंदा राम, रीतलाल राम, बंधु राम, प्यार चंद राम, मनोज राम, रविंद्र राम, रमेश राम सहित दर्जनो नौजवान सदस्यों की उपस्थिति में बाबा शहर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया तथा बाबासाहेब डॉक्टर अंबेडकर के बताए पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। इस दौरान बाबा साहब प्रधान गीत को भी प्रस्तुत किया गया। वक्ताओं ने कहा कि भारत के संविधान की रक्षा करते हुए देश में व्याप्त कुरीतियों अंधविश्वास और सामाजिक विषमताओं के खिलाफ लोगों को जागृत करना होगा। तब ही समाज मे समानता आ सकती है। वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब के विचारों को अपनाकर विचारों को अपनाकर उनके मार्ग पर चलकर देश और समाज की उन्नति का कार्य करने का काम करेंगे। वक्ताओं ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में व्याप्त, असमानता, भेदभाव, अंधविश्वास एवं कुरीतियों को को शिक्षा एवं मानसिक बदलाव करके ही समाप्त कर मानवता में समरसता की स्थापना की जा सकती है। इसके लिए जरूरी है कि अनुसूचित जाति समुदाय के सभी लोग एकजुट होकर शिक्षा ग्रहण करें और अन्य समुदाय के लोग मानसिक बदलाव लाएं। अगर अनुसूचित जाति समुदाय के लोग अपने अधिकारों के प्रति सजग होकर संघर्ष करें, तब ही महापुरूषों के सपनों को साकार किया जा सकता है। वहीं तेनुआ पंचायत के मुसेहरी गांव से अंबेडकर की शोभा यात्रा शुरू होकर विभिन्न गांव होते हुए चनचौरा प्रतिमा स्थल पर पहुंचा, उधर खैरा से अंबेडकर शौभा यात्रा प्रारंभ होकर खैरा-छपरा रोड में पांच किलोमीटर होते हुए चनचौरा प्रतिमा स्थल पर पहुंच कर गगनभेदी नारेबाजी करते हुए समापन किया गया। जिसमें सैकड़ो अंबेडकरवादी शामिल हुए।
नारी मुक्तिदाता, शोषितों के भाग्य विधाता और ज्ञान के प्रतीक है डाॅ. अंबेडकर: रजनीश
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रामनगर के शिक्षक डाॅ. रजनीश कुमार ने कहा कि बाबा साहब एक महान पुरुष थे। भारत रत्न के साथ बोधिसत्व नारी मुक्तिदाता, शोषितों के भाग्य विधाता, ज्ञान के प्रतीक थे। इनका सपना था भारत जाति मुक्त हो,औधोगिक राष्ट्र बने, सदैव लोकतांत्रिक बना रहे, दुर्भाग्य है लोग बाबा साहब को एक दलित नेता के रूप में जानते है। बाबा साहब बचपन से ही जाति प्रथा का खुलकर विरोध किया था। उन्होंने कहा कि बाबा साहब जाति वाद से मुक्त आर्थिक दृष्टि से सिदृढ़ भारत का सपना देखा था। आज के दिन संकल्प लेने का दिन है, उनके मार्ग का अनुशरण करने का, साथ ही संबिधान का पालन करने व इसकी रक्षा करने का।
डॉ. अंबेडकर का 17 किलोमीटर तक निकला शोभा यात्रा
भारतीय संविधान के शिल्पकार भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर 133 वीं जयंती पर शहर में शोभा यात्रा निकाला गया। शोभा यात्रा डाॅ अंबेडकर छात्रावास सू शुरू होकर मालखाना चौक अंबेडकर स्मारक स्थल होकर थाना चौक रोड, साहेबगंज, कटहरीबाग, गांधी चौक, नगरपालिका चौक, कचहरी स्टेशन रोड, साढ़ा, बाजार समिति, रामनगर होते हुए नेवाजी टोला, गड़खा ढाला, नेहरू चौक सहित विभिन्न चौक चौराहे होते हुए 17 किलोमीटर जुलूस निकाला गया, जो अंबेडकर हॉस्टल में आकर समाप्त हुआ।


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