- शुक्रवार तक एक्टिव केस की कुल संख्या 1385, 122 नए कोरोना पॉजिटिव
- कोरोना जांच के लिए लिया गया है कुल 447730 लोगों का सैम्पल
- कोरोना संक्रमण को हराने के लिए टीकाकरण एवं नियमों का पालन अनिवार्य
राष्ट्रनायक न्यूज।
किशनगंज (बिहार)। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की तुलना में अच्छी खासी संख्या में लोग कोरोना संक्रमण को मात देकर स्वस्थ भी हो रहे हैं। जिले में गुरुवार तक कोरोना जांच के लिए कुल 447730 लोगों का सैम्पल लिया गया जिसमें से अभी कुल 9026 व्यक्ति संक्रमित पाए गये और 7618 व्यक्ति संक्रमण से लड़कर ठीक भी हुए हैं। जिले में संक्रमण का पाज़िटिविटी रेट 2.0, 15.3 % एक्टिव केस और रिकवरी रेट 84.4 है। जिले के सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया शुक्रवार को जिले में कुल 122 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए जिसमें 84 पुरुष और 41 महिलाएं हैं। जिले के विभिन्न आइसोलेशन सेंटर में 60 एवं होम आइसोलेशन में शुक्रवार तक कुल 1325 मरीज भर्ती हुए हैं।
अभी जिले में 1385 केस हैं एक्टिव:
शुक्रवार को 122 नए मरीजों के साथ ही संक्रमित मरीजों की संख्या 1385 हो चुकी है। नगर परिषद क्षेत्र, किशनगंज में 641, किशनगंज ग्रामीण क्षेत्र में 62, दिघलबैंक में 95, ठाकुरगंज में 135, बहादुरगंज में 98, पोठिया में 48, टेढ़ागाछ में 91, कोचाधामन में 99 तथा प्रवासी 116 व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति हैं। वहीं जिले में कुल 267 कन्टेनमेंट जोन बनाये गये हैं। जिसमें से किशनगंज शहरी क्षेत्र में 156, बहादुरगंज में 54, पोठिया में 01, दिघलबैंक में 01, किशनगंज ग्रामीण 06, कोचाधामन 39, ठाकुरगंज 10 माइक्रो कंटेनमेंट जोन सक्रिय हैं। संक्रमण के प्रसार की संभावना बनी हुई है। लिहाजा जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट किया है।
दूसरी बीमारियों की जद में आ सकते हैः
सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन कहते हैं कि अगर आप कोरोना मरीज से मानसिक तौर पर दूरी बनाकर रखेंगे तो वह कोरोना से तो स्वस्थ हो जाएंगे, लेकिन दूसरी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे व्यवहार से वह तनाव में आ सकते हैं। तनाव से अगर हाइपरटेंशन के शिकार हो गए तो फिर वह आगे कई और दूसरी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।
संक्रमित मरीज का बढ़ाते रहें हौसलाः
सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने कहा कि कोरोना की चपेट में आए व्यक्ति का लगातार हालचाल लेते रहना चाहिए। उसका हौसला बढ़ाते रहना चाहिए। इस दौरान मरीज पर किसी तरह का दोष नहीं मढ़ना चाहिए। जैसे कि आपने लापरवाही बरती, इसलिए इसकी चपेट में आ गए। मरीज को यह समझाएं कि आराम से रहिये, जल्द स्वस्थ हो जाएंगे। अब जिले में तेजी से कोरोना के मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। रिकवरी रेट भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में किसी को घबराना नहीं चाहिए। कोरोना की गाइडलाइन संक्रमण से बचाव के लिए है, न कि इसे लेकर अराजकता फैलाने की। मरीजों को समझाते रहें कि हमलोग आपके साथ हैं। एक बार ठीक हो लीजिए, फिर हमलोग पुराने तरीके से एक साथ जीने लगेंगे।
कोरोना संक्रमण को हराने के लिए टीकाकरण एवं नियमों का पालन अनिवार्य:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया जब तक लक्षित वर्ग के लाभुक कोरोना टीका का दूसरा डोज नहीं ले लेते, तब तक शरीर कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षित नहीं हो सकता। दूसरी डोज का टीका बूस्टर डोज होता है और कोरोना को हराने के लिए इसे लेना अनिवार्य है। दूसरी डोज के टीकाकरण में कई समस्याएं आ रही हैं। इसे लेकर जागरूकता का अभाव है। जो बुजुर्ग दूसरी डोज का टीका लेना चाहते हैं, वे टीका केंद्रों पर भारी भीड़ को देखकर हिम्मत नहीं जुटा पाते। कई ऐसे बुजुर्ग वापस लौट जा रहे हैं। दूसरी ओर, जिले में मौसम में बदलाव को लेकर भी लोग बीमार पड़ रहे हैं। जिसके कारण वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए लोग आ नहीं पा रहे हैं।


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