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कालाबाजारी: भेल्दी के रायपुरा राईस मिल में रीसाइक्लिंग के लिए रखा 700 क्विंटल पीडीएस चावल को प्रशासन ने छापामारी कर किया बरामद, एफआईआर 

कालाबाजारी: भेल्दी के रायपुरा राईस मिल में रीसाइक्लिंग के लिए रखा 700 क्विंटल पीडीएस चावल को प्रशासन ने छापामारी कर किया बरामद, एफआईआर 

कशिश भारती की रिपोर्ट 

छपरा(सारण)। जिले के अमनौर प्रखंड के भेल्दी थाना क्षेत्र के रायपुरा बाइपास रोड स्थित एसआर कमल राइस मिल में रीसाइक्लिंग करने के लिये रखे गये पीडीएस चावल को छापामारी कर बरामद किया गया है। अमनौर के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर अमनौर सीओ एवं भेल्दी थाना पुलिस के साथ छापेमारी की है। परंतु इसके बाद राज्य खाद्य निगम यानी एसएफसी की टीम ने छापेमारी की है। उसके बाद एसडीएम मढ़ौरा के नेतृत्व में रीसाइक्लिंग के लिए रखे गये चावल को जब्त कर लिया गया। जानकारी के अनुसार करीब 700 क्वींटल यानि 14 सौ बोरा चावल जब्त की गई है। टीम द्वारा किये गये छापेमारी में भारी मात्रा में कालाबाजारी के लिए रखे गये पीडीएस का चावल बरामद किया गया है। साथ शराब के नशे में मिल के गार्ड सुरेश साह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है एवं मिल के तीन पलदार को हिरासत में लिया गया। जिससे पूछ-ताछ के बाद छोड़ दिया गया है। बताया जा रहा है कि राइस मिल को सील कर दिया गया है।  कालाबाजारी व बिना धान कुटे पीडीएस के चावल को रीसाइक्लिंग कर एसएफसी गोदाम में सप्लाई किया जा रहा था। जिससे शक होने एवं डीएम को मिली गुप्त सूचना के आधार पर रायपुरा स्थित मिल पर छापेमारी की गई है। वहीं सूत्रों का कहना है कि सबसे पहले शनिवार को अमनौर सीओ, एमओ ने छापेमारी की, लेकिन पुनः जिला स्तरीय एसएफसी की टीम ने छापामारी की है। जिसमें भारी मात्रा में कालाबाजारी कर रीसाइक्लिंग करने के लिये रखे गये पीडीएस का चावल बरामद बरामद किया गया है। एसडीओ के नेतृत्व में कार्रवाई पूरी की गई।

एसडीओ के नेतृत्व में की गई कार्रवाई,मिल को किया गया सील,एफआईआर दर्ज

राइस की जांच सारण डीएम के आदेश पर मढ़ौरा एसडीओ व अमनौर सीओ ने की।हर बिंदुओं पर जांच के दौरान मिल में रखे सभी चावल पैक्स से जुड़े दुकानदारों के निकले जिसकी जांच गहनता से की गई। इस मामले पर जानकारी देते हुए अमनौर सीओ सुशील कुमार सिंह ने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी विनोद कुमार तिवारी द्वारा प्राप्त निर्देश के बाद प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी विकास रंजन व प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी प्रशांत कुमार व भेल्दी थाने की पुलिस के साथ राइस मिल में अचानक छापेमारी कर मिल के भीतर रखे चावल की जांच की गई,कई घंटों की जांच में पाया गया कि बरामद सभी चावल धरहरा खुर्द पंचायत के पैक्स के है। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों को भेजा जा रहा है।

ऐसे हो रहा कालाबाजारी, गांव के बिचौलिया तक फैला है नेटवर्क
पीडीएस के कालाबारी का माफियां गांव स्तर पर भी फैल गया है। जानकारों की माने तो जनवितरण प्रणाली दुकानों के माध्यम से राशन कार्डधारियों को चावल का वितरण किया जाता है, जो अरवा चावल होता है। इस वजह से राशन कार्डधारी चावल को गांव के बिचौलियों से करीब 20 रूपये प्रति किलो की दर से बेच देते है। इसके बाद ये बिचौलिया राईस मिल संचालक से मोटी रकम लेकर देते है। इसी चावल को राईस मिल संचालक रीसाईकिलिंग कर राज्य खाद्य निगम यानी एसएफसी गोदाम में सप्लाई कर देते है। फिर इस चावल को पीडीएस के माध्यम राशन कार्डधारियों को जनवितरण के माध्यम दिया जा रहा है।

पहले भी गोदाम में एक करोड़ कीमत से अधिक का चावल किया गया था जब्त,एजीएम सहित तीन बर्खास्त भी हुए थे

पीडीएस चावल का कालाबाजारी का खेल पहले से ही चल रहा है। दो साल पहले  शहर के बाजार समिति स्थित राज्य खाद्य निगम के गोदाम में कालाबाजारी का खेल सामने आया था। डीएम के निर्देश पर गठित टीम द्वारा छापेमारी में एक करोड़ से अधिक का चावल जब्त किया था। जिस मामले में तत्कालीन एजीएम को बर्खास्त कर दिया गया था। साथ ही एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इसमें 14 पैक्स अध्यक्षों पर भी एफआईआर की गई थी।

राइस मिल एक क्विंटल धान के बदले पैक्सों को 67 किलो चावल देते है
जानकारी के अनुसार पैक्सों द्वारा धान अधिप्राप्ति कर चावल बनाने को लेकर राईस मिल को देते है। जिसके बदले में राइस मिल एक क्विंटल धान के बदले पैक्सों को 67 किलो चावल देते है। जिसे पैक्स एसएफसी गोदाम में चावल की आपूर्ति करते है। इसके बाद राशन कार्डधारियों को जनवितरण प्रणाली के माध्यम से चावल की आपूर्ति की जाती है। सूत्रों की माने तो जिले में दर्जनों पैक्सों ने कागजी फाइलों में हीं धान अधिप्राप्ति कर लिया है।

धान की कुटाई के लिए 22 राइस मिलों को पैक्सों से किया गया है टैग
पैक्सों द्वारा किसानों से किये गये धान की कुटाले को लेकर राज्य खाद्य निगम में राईस मिलों का रजिस्ट्रेशन किया गया। इसमें जिले के करीब 29 राईस मिलों का रजिस्ट्रेशन किया। इस बावत डीसीओ नीसार अहमद ने बताया कि धान की खरीदारी करने वाले 225 पैक्सों को 22 राईस मिलों से टैग किया गया है। ताकि धान की कुटाई कर चावल बनाकर राज्य खाद्य निगम के गोदामों में सप्लाई किया जा सके। इन राईस मिलों ने अभी तक एसएफसी गोदामों में करीब साढ़े दस हजार मीट्रिक टन सीएमआर जमा किया है।

धान खरीदार की : 60 हजार एमटी लक्ष्य था 225 पैक्सों ने 30 हजार एमटी धान नहीं खरीद सका

कोरोना वायरस यानी कोविड-19 के संक्रमण से बचाने को लेकर सारण को लॉक डाउन कर दिया गया था। जिसका असर धान खरीदारी पर भी पड़ा है। इस सूरत में सहकारिता विभाग द्वारा किसानों से की जाने वाले धान की खरीदारी भी प्रभावित है। इसके पहले जिले में करीब 323  प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति यानि पैक्सों का चुनाव होने के कारण गत 15 दिसंबर 2019 तक धान की खरीदारी बाधित था। इसके बाद ठंड के कारण धान में नमी होने की वजह से अधिप्राप्त बाधित हुआ। तब तक अधिकांश किसान अपने धान की पैदावार को बिचौलियों के माध्यम से बेच चूके थे। जिसे रोकने में जिला प्रशासन विफल रही। जब ठंड खत्म हुई तो पैक्सों ने धान की खरीदारी शुरू की। जिले के करीब 323  प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति यानि पैक्सों में से धान खरीदारी को लेकर 225 पैक्सों को जिम्मेवारी दी गई है। जिन्होंने अभी तक करीब 30 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदारी की है। जिसे चावल बनाने के लिए राईस मिलों में पैक्सों के माध्यम से भेजा गया है।

74.35 हेक्टेयर में धान की खेती कर 2.71 टन धान का हुआ उत्पादन
पिछले वर्ष जिले में सुखाड़ होने के कारण धान की खेती पर व्यापक प्रभाव पड़ा था। लेकिन इसबार धान का पैदावार दोगुना से अधिक हुआ है। जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल ने बताया कि जिले में करीब 83 हजार हेक्टेयर में धान की खरीदारी करने का लक्ष्य रखा गया था। जिसके आलोक में करीब 74.35 हजार हेक्टेयर में खेती किया गया था। जिसमें करीब 2.71 लाख टन धान का उत्पादन हुआ है। जो पिछले वर्ष की तूलना में अधिक है। जिसका प्रतिवेदन सहकारिता विभाग में भेज दिया गया है।

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