पटना/छपरा। भू-सम्पदा विनयामक प्राधिकरण (रेरा), बिहार ने सॅटॅलाइट तकनीक का प्रयोग कर भू-सम्पदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 के प्रावधानों का उलंघन करने वाले प्रमोटर्स की पहचान कर उनपर पर सख्त कारवाई करते हुए जुर्माना लगाने के साथ-साथ उनके प्रोजेक्ट के ज़मीन की रजिस्ट्री एवं दाखिल ख़ारिज पर भी रोक लगा दिया है। ये सभी प्लॉटेड डेवेलपमेंट के प्रोजेक्ट सारण जिले से सम्बंधित हैं और इनमे बैगैर रेरा निबंधन की के ही प्लॉट की खरीद बिक्री हो रही थी। जिन प्रमोटरों के विरुद्ध यह कारवाई की गयी है।
रेरा ने इन प्रमोटर्स पर लगाया जुर्माना व ज़मीन की रजिस्ट्री एवं दाखिल ख़ारिज पर भी लगाया रोक
आर्या कंस्ट्रक्शन, बोल्ड इंडिया इन्फ्रा, ग्रीन होम्स बिल्ड़टेक, लावण्या इंडिया डेवलपर, सारण प्रॉपर्टीज, शीतल बिल्ड़टेक, टी सी डब्लू प्राइवेट लिमिटेड, डीवाईन बिल्डकोन, निधिवन होम्स एवं टेक्नोकल्चर बिल्डिंग सेंटर। इन बिल्डर्स की कुल 14 परियोजनाएं ऐसी पाए गयीं, जहाँ प्लॉटो की खरीद-बिक्री बगैर रेरा निबंधन के ही की जा रही थी । इन बिल्डरों पर कुल 1 करोड़ 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ हीं महानिरीक्षक (निबंधन) को यह निर्देश दिया गया है की इन प्रोजेक्ट्स से सम्बंधित प्लॉट की रजिस्ट्री पर अगले आदेश तक रोक लगाई जाए एवं सम्बंधित अंचलाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि इन प्रोजेक्ट्स के सभी प्लॉटो के दाखिल-खारिज पर भी रोक लगा दी जाए। यहाँ पह बता देना आवश्यक है कि इस वर्ष मई महीने से रेरा बिहार ने रेरा अधिनियम का उलंघन करने वाले प्रमोटरों पर कारवाई करने हेतु इमेजरी आधारित जांच (Imagery Based Inspection अर्थात IBI) की शुरुआत की और पूरे देश के रेराओं में ऐसी शुरुआत करने वाली पहली रेरा है ।
अपने आई बी आई (IBI) अभियान के तहत प्राधिकरण ने अपनी तकनिकी दलों को सॅटॅलाइट चित्र के माध्यम से उन स्थानों की पहचान का कार्य दिया जहाँ प्रोजेक्ट चलाये जाने के संकेत मिल रहे हों। इन चित्रों के केएलएम (Keyhole Markup File अर्थात KLM) फाइल तैयार किये गए ताकि स्थल का अक्षांश एवं देशांतर पहले से पता हो एवं उसकी पहचान आसानी से की जा सके। तत्पश्चात रेरा बिहार ने विशेष दलों का गठन किया एवं स्थानीय प्रशासन की सहायता से इनका स्थल निरक्षण किया गया एवं सम्बंधित अधिकारिओं के सहयोग से चिन्हित ज़मीन की खाता एवं खेसर संख्या भी निकाली गयी। सारे सबूतों के प्राप्त हो जाने के बाद इन प्रोजेक्ट्स के विरुद्ध स्वतः संज्ञान मामले दर्ज किये गए एवं न्यायिक प्रक्रिया के तहत रेरा अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत इन पर कारवाई की गयी ।
पहले चरण में रेरा बिहार द्वारा गठित दलों को सारण, भागलपुर एवं पूर्णिया जिलों में भेजा गया एवं जिला प्रशासन के सहयोग से सम्बंधित अधिकारिओं को इन दलों के साथ स्थल निरिक्षण के लिए भेजा गया ताकि सॅटॅलाइट चित्र से प्राप्त सूचना को स्थल निरिक्षण द्वारा सत्यापित कार्य जा सके । सभी सबूतों को इकठ्ठा करने के पश्चात दोषी बिल्डरों के विरुद्ध रेरा अधिनियम के सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कारवाई शुरू की गयी एवं सम्बंधित पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया गया।
रेरा बिहार के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कार्रवाई पर की टिपण्णी
दोषी प्रमोटरों पर हुई कार्रवाई पर टिपण्णी करते हुए रेरा बिहार के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कहा कि घर एवं प्लॉट खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए प्राधिकरण प्रतिबद्ध है एवं IBI मुहीम की शुरुआत इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। उन्होंने घर एवं प्लॉट खरीदारों से भी अपील किया कि वे ऐसे किसी भी प्रोजेक्ट में पैसा न लगायें जो रेरा निबंधित नहीं है। श्री सिंह ने ये भी बताया की प्राधिकरण सारण, भागलपुर एवं पूर्णिया जिलों के बाद अब राज्य के अन्य जिलों में भी IBI मुहीम के तहत दोषी बिल्डरों पर कारवाई शुरू करेगा ।


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