छपरा(सारण)। चुनाव आयोग की मनमानी और अलोकतांत्रिक रवैया के विरुद्ध आज माकपा द्वारा राष्ट्रीय आह्वान के तहत छपरा में प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया गया। जुलूस जिला परिषद ग्राउंड से प्रस्थान कर शहर के विभिन्न मार्गो से गुजरते हुए नगर निगम चौक पर पहुंचा जहाँ जिला सचिव बटेश्वाहा की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया। सभी वक्ताओं ने एक स्वर से चुनाव आयोग के आदेश को गैर संवैधानिक और अलोकतांत्रिक करार दिया। वक्ताओं ने कहा कि जब जनवरी माह में मतदाता सूची का समरी रीवीजन हो गया था फिर यह SIR करना एक गहरी साजिश को ही दर्शाता है। इतने कम समय में इतना बडा़ टास्क पूरा करना क्या संभव है ? आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर कार्ड को पहचान सूची मैं शामिल करने के लिये सुप्रीम कोर्ट के सुझाव की अवहेलना की सख्त आलोचना करते हुए वक्ताओं ने बिहार में मतदाता निरीक्षण नहीं बल्कि एनआरसी लागू करने की एक साजिश करार दिया। सबसे अहम पहलु यह है कि मतदाता पूनरीक्षण में जो दस्तावेज मांगे जा रहे हैं वह इस इतने कम समय में संभव नहीं है। गृह मंत्रालय का काम मतदाता की पहचान करना है ना कि चुनाव आयोग का। सभा को मुख्य रुप से राज्य सचिवमंडल सदस्य अहमद अली, डा० सत्येन्द्र यादव (माँझी, विधायक) अरूण तिवारी,विनोद यादव,अमरेन्द्र सिंह ,सुनील राय,राजेन्द्र प्रसाद, देवानन्द प्रसाद, राजू साह मुखिया, राजेश्वर प्रसाद (अधिवक्ता),प्रहलाद राम, दिनेश पंडित, कमलेश यादव, बीरेन्द्र सिंह कन्हैया माँझी, राजनाथ राय आदि ने सम्बोधित किया।
सभा समाप्ति के बाद एक प्रतिनिधिमंडल समाहर्ता सारण को ज्ञापन सौंपते हुए; आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर कार्ड को दस्तावेजों की सूची में शामिल करने तथा काटे गए नामों के साथ कारण का विवरण प्रस्तुत करने की मांग किया।प्रतिनिधिमंडल में बटेश्वर कुश्वाहा,अरुण तिवारी,सुनिल राय,अमरेन्द्र सिंह और देवानन्द प्रसाद शामिल थे।


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