नागमणि।छपरा
बिहार चुनाव 2025 में आये नतीजों ने पुरा राजनीतिक परिदृश्य बदल दिया है, एनडीए को बहुमत मिला है। विपक्ष यानी महागठबंधन काफी कम सीटे मिली है। इस परिपेक्ष्य में सारण जिला राजद का गढ़ माना जाता है, वर्ष 2020 के चुनाव में जिले के 10 विधान सभा क्षेत्रों में 07 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा था, लेकिन इस बार महज तीन सीटे हीं जीत पायी है और सात सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी ने जीत दर्ज किया है। इसबार चुनाव में सर्वेक्षणकर्ताओ ने तो सारण में महागबंधन को 7-8 सीटों पर जीत बता रहे थे, लेकिन मतदाताओं के मूड को गहराई से समझने मे चूक की है। सच तो ये है कि महागठबंधन के राजद एवं उनके सहयोगी दलों का वोट भी खीसका है। साथ हीं महिलाओं का वोट जो इस बार पुरूषों से ज्यादा था जो निर्णायक भूमिका में रहा है। जातिगत सीमाओं को ध्यान दें तो इसबार पुरूष एवं महिलाओं को वोट भी अलग-अलग रहा है। विशेषज्ञों की माने तो चुनाव की घोषणा होने के पहले नीतीश सरकार के द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए जीविका समूह से जुड़े महिलाओं के बैंक खाता में 10 हजार रूपये डाले गये, 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली, रोजगार सृजन की योजनाएं एनडीए के सफलता मुख्य कारक बना है। सारण में जातिगत वोट की बात करें तो महागबंधन के राजद समेत सहयोगी दलों के जातिये वोट भी उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। राजद का माय समीकरण भी टूटा है, विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी जिन जातियों के नेतृत्व की बात करते है, उन जातियों के वोट मे भारी टूट पड़ा है एवं तांती-तत्वा जाति की पार्टी आईआईपी को भी पूरा वोट महागठबंधन को नहीं मिला है। यादव एवं मुस्लिम का करीब 15 से 20 प्रतिशन वोट राजद को नहीं मिला है। मुकेश सहनी के दल से जुड़े जाति में नोनिया, बिन्द, मल्लाह का 50 प्रतिशत से भी कम वोट महागठबंधन को मिला है। यहीं हाल तांती-तत्वा जाति की पार्टी आईआईपी का रहा है। इसके अलावें कुम्हार, कहार, लोहार, बढ़ही, बारी, धानुक जाति का वोट महागठबंधन को प्राप्त नहीं हुआ है, ये भी महागठबंधन की हार का वजह है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) चिराग पासवान को दुसाध जाति के वोटर ने खुलकर एनडीए के समर्थन में वोट किया है। जबकि पिछले चुनाव में दुसाध जाति का अधिकांश वोट महागठबंधन को मिला था, जो इसबार नहीं हुआ।
महिलाओं की रोजगार के लिए डाले गये 10 हजार रूपये से महिला वोटर बदले
महिलाओं की उच्च भागीदारी स्पष्ट रूप से एनडीए की जीत का प्रमुख कारक बनी। इसबार महिलाओं का करीब 08 प्रतिशत वोटिंग बढ़ा है। चुनाव से पहले जीविका से जुड़े महिलाओं के रोजगार के लिए नीतीश सरकार ने 10-10 हजार रूपये उनके खाते में डाला है, जो महिलाओं को मतदान केन्द्र तक खीचा है। इन्होंने एनडीए के जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावे कन्या उत्थान योजना, साइकिल वितरण और महिलाओं के लिए आरक्षण जैसी पहलों ने भी महिलाओं को आकर्षित किया। महिलाएं अब बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं, जो पुरुष-प्रधान समाज में एक बड़ा बदलाव है। इसने विपक्ष को भी सबक सिखाया कि महिला मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
एसआईआर से बदला मतदाताओं का मूंड
चुनाव आयोग के द्वारा बिहार चुनाव के पहले विशेष मतदाता पुरीक्षण यानी एसआईआर कराया गया। आंकड़ों की माने तो सारण में जुन 2025 में कुल मतदाता की संख्या 31 लाख 34 हजार 108 थी। एक अगस्त को प्रारूप में मतदाता की संख्या 28 लाख 60 लाख 885 हुई, 30 सितंबर को फाईनल सूची में मतदाता की संख्या 29 लाख 02 हजार 683 है। ऐसे में 02 लाख 31 हजार 425 मतदाता कम हुए। किसी विधान सभा में नाम बढ़े नहीं है। एक आंकलन के अनुसार सबसे ज्यादा अमनौर विधानसभा क्षेत्र से 30 हजार 769 और सबसे कम सोनपुर विधानसभा क्षेत्र से 16 हजार 727 मतदाताओं के मतदाता सूची से काटे गये है। जिससे मतदाताओं का मूंड बदले। एसआईआर के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं राजद के तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के सहयोगी दलों ने वोट चोरी को लेकर यात्रा की। इस दौरान स्थानीय नेता एवं कार्यकताओं में काफी उत्साह, जोश एवं आक्रमकता दिखी। लेकिन महागठबंधन के पक्ष में वोट में नहीं बदला।
जाति आधारित भोजपुरी लोक गीत ने महागठबंधन को हराया
चुनाव प्र्चार के दौरान जाति आधारित भोजपुरी लोक गीत सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंडिग में रहा। रिल्स भी बनाये जा रहे थे। प्रचार एवं रोड पर चलते वाहनों में ऐसे गीत खुब बजाये जा रहे थे। जो महागठबंधन के हार का मुख्य कारक साबित हुआ। जानकारी के अनुसार भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव एवं टुनटुन यादव के द्वारा कई जाति आधारित गीत गाये है। सबसे अधिक जाति आधारित भोजपुरी गीत टुनटुन यादव के गाया गया है। जो चुनाव के दौरान चर्चा का विषय बना रहा है और वोटर ने साइलेन्ट तरीके से महागठबंधन के विरोध में मतदान किया। वहीं ऐसे गीतों से सबसे अधिक नुकसान भोजपुर स्टार खेसारीलाल यादव को हुआ।
खुद की गलतियों के कारण हारे भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव
बिहार विधानसभा चुनाव में भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव उर्फ शत्रुघ्न कुमार यादव की राजनीतिक पारी की शुरुआत ही अच्छी साबित नहीं हुई। छपरा विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के टिकट पर चुनावी मैदान में उतड़े खेसारीलाल को भाजपा की छोटी कुमारी ने 7,600 वोटों के अंतर से हरा दिया। छोटी कुमारी को 86,845 वोट मिले, जबकि खेसारीलाल को 79,245 मत मिले। छपरा की कड़ी टक्कर में भोजपुरी सुपरस्टार खेसारीलाल यादव को हार ने चौंका दिया। तेजस्वी ने छपरा में यादव वोट बैंक को मजबूत करने की जिम्मेवारी खेसारीलाल को दी थी। लेकिन हार के बाद तेजस्वी के उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेसारीलाल के विवादित ब्यान, स्थानीय राजनीति की कमजोर पकड़ एवं जाति आधारित भोजपुरी लोकगीत ने हार सुनिश्चित की। खेसारीलाल के राम मंदिर पर विवादित बयान को भाजपा ने खुब प्रचारित किया। विरोधियों ने इसे ‘भगवान पर सवाल’ कहकर प्रचारित किया। जो धार्मिक मुद्दों पर संवेदनशील छपरा के मतदाताओं को यह बात खटक गई। यह बयान इतना असरदार साबित हुआ और उनकी हार में महत्वपूर्ण योगदान रहा। साथ हीं छपरा में खेसारीलाल पूरी तरह अपने स्टारडम के भरोसे उतरे। स्थानीय नेताओं से कमजोर तालमेल, स्थानीय स्तर पर बूथ प्रबंधन की कमियां और चुनाव प्रबंधन, समुदायों से जुड़ाव और नियमित संपर्क में कमी रही। जनसंपर्क की कमी एवं जनसंपर्क के दौरान कार्यकर्ताओं में जरूरत से ज्यादा उत्साह एवं आक्रमकता और जनसंपर्क में धुमिल छवि वाले कार्यकर्ताओं को साथ रखना उनके अभियान को कमजोर करती रहीं। साथ हीं विरोधियों ने मजबूती के साथ खेसारीलाल के बाहरी होने की बात को संयमित तरीके से प्रचारित किया कि छपरा को ‘बाहरी’ या ‘स्टार’ नहीं, स्थानीय नेता चाहिए। जिससे वोटरों में यह धारणा बनती गई कि खेसारी बाहरी हैं और चुनाव के बाद भोजपुरी फिल्मों मे वयस्त हो जाएंगे इससे इलाके से दूर हो जाएंगे।
खेसारीलाल की अश्लील व गीत से बढ़ी आलोचना
चुनाव के दौरान खेसारीलाल के फिल्मों एवं अश्लील, जातिगत गानों को लेकर खुब आलोचना होती रही। खेसारीलाल पर अश्लीलता, जातिगत गीत और महिलाओं के प्रति अनुचित प्रस्तुति के आरोप लगे। जिसे विरोधियों प्रभावी तरीके से प्रचारित कर मतदाताओं को उलझाया। खेसारीलाल ने इन आरोपों का बचाव तो किया, पर यह बहस वोटरों के नजरिये में भारी पड़ गई। लोकप्रियता के बावजूद वोटिंग में पिछड़ गये।
गड़खा में एनडीए के बाहरी प्रत्याशी बना महागठबंधन के जीत का कारक
सारण जिले के गड़खा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। यह सीट राजद का गढ़ माना जाता है। इस सीट से स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद राजद ने वर्तमान विधायक सुरेन्द्र राम पर भरोसा कर मैदान में उतारा। जबकि एनडीए के सहयोगी दल लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान ने अपने रिश्ते में भांजा सीमांत मृणाल को टिकट देकर मैदान में उतारा। गड़खा विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के टिकट पर चुनावी मैदान में उतड़े सुरेन्द्र राम ने लोजपा (रामविलास) के सीमान्त को 12408 वोटों के अंतर से हराया। सुरेन्द्र राम को 91 हजार 134 मिले, जबकि सीमान्त मृणाल को 78 हजार 330 मत मिले। चुनाव प्रचार के दौरान सुरेन्द्र राम को कई जगहों पर विरोध का भी सामना करना पड़ा। लेकिन विरोध होने के बावजूद सुरेन्द्र राम ने अपने विरोधी कार्यकर्ताओं को मनाने में कामयाब रहे। जो उनके जीत की राह को आसान बना दिया। वर्तमान में विधायक होने के वजह से उनके द्वारा किये गये कार्यो एवं सामाजिक न्याय को मजबूती से फैलाने में सफल रहे। वहीं एकाएक चुनाव के दौरान सीमांत मृणाल क्षेत्र में दिखे। स्थानीय नेताओं से कमजोर तालमेल, स्थानीय स्तर पर बूथ प्रबंधन की कमियां, समुदायों से जुड़ाव और नियमित संपर्क में कमी रही। सबसे अधिक सीमांत के बाहरी होने का मुद्दा वोटरों में धारणा बनाती रही। जिसे राजद प्रत्याशी सुरेन्द्र राम एवं राजद कार्यकर्ताओं ने सफल तरीके से वोटरों तक पहुंचाया औरा वोटरों का मूंड बदल गया।
मढ़ौरा में लोजपा (रामविलास) की प्रत्याशी भोजपुरी अभिनेत्री सीमा सिंह का नामांकन रद्द होने से जीत की राह हुई आसान
मढ़ौरा में पिछले तीन बार से जितेन्द्र राय राजद के विधायक है। अब चौथी बार इस सीट से जीतने में कामयाब रहे। इसबार चुनाव में लोजपा (रामविलास) ने भोजपुरी अभिनेत्री सीमा सिंह को टिकट दिया, लेकिन संवीक्षा के क्रम में सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया। जिससे जितेन्द्र राय का जीत आसान माने जाने लगा, लेकिन जनसंपर्क के दौरान धीरे-धीरे जनसुराज के प्रत्याशी नवीन कुमार सिंह उर्फ अभय सिंह को स्थानीय एनडीए कार्यकर्ताओं एवं नेताओं का समर्थन मिला। छपरा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में निर्दलीय अंकित कुमार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने समर्थन किया, परंतु अंकित पर मढ़ौरा के एनडीए के वोटर भरोसा नहीं कर सके और जनसुराज के प्रत्याशी नवीन कुमार सिंह उर्फ अभय सिंह राजद के प्रत्याशी वर्तमान विधायक जितेन्द्र राय को कड़ी टक्कर दिया। जितेन्द्र राय ने अपने निकटम प्रतिद्वन्दी को 27 हजार 928 वोट से पराजित किया। राजद के जितेन्द्र राय को 86 हजार 118 वोट मिले और जनसुराज के नवीन कुमार सिंह उर्फ अभय सिंह 58 हजार 190 वोट तथा पीएम नरेन्द्र मोदी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी अंकित कुमार को 17310 मत प्राप्त हुआ। जितेन्द्र राय को स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं एवं मढ़ौरा के स्थानीय लोगों पर मजबूत पकड़, बूथ प्रबंधन जीत का राह आसान बना दिया।
दलबदलू छवि, स्थानीय स्तर पर जदयू प्रत्याशी छोटेलाल राय के विरोध के कारण राजद की हुई जीत
वर्तमान विधायक छोटेलाल राय का स्थानीय कार्यकर्ताओं के द्वारा विरोध होने से इसबार राजद ने छोटेलाल राय को टिकट नहीं दिया। जिससे वे जदयू के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे। लेकिन उनकी छवि टिकट के लिए कभी जदयू तो कभी राजद में जाते-आते रहते है। इसलिए उनकी छवि एक दलबदलू नेता के रूप में हो गया था। लेकिन इसबार स्थानीय स्तर पर विरोध होने के कारण राजद ने पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पौत्री डॉ. करिश्मा राय को टिकट दिया। डॉ. करिश्मा राय चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े होने के बावजूद समाज सेवा करती रही है। जिससे परसा में उनकी छवि काफी अच्छी मानी जाती है। डॉ. करिश्मा राय ने जदयू के प्रत्याशी वर्तमान विधायक छोटेलाल राय को 25 हजार 772 वोट से पराजित की। राजद के डॉ. करिश्मा राय को 89 हजार 093 वोट मिले तो जदयू के छोटेलाल राय को 63 हजार 321 मत प्राप्त हुआ। डॉ. करिश्मा राय के जीत की वजह समाजसेवा, परसा में राजद कार्यकर्ताओं का भरपूर समर्थन, बूथ प्रबंधन और वर्तमान विधायक जदयू प्रत्याशी का स्थानीय स्तर पर विरोध है।
सारण जिला के किस विधानसभा क्षेत्र से कितने मत से कौन जीता-हारा:
113 एकमा विधानसभा:
मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह, जदयू-84077
श्रीकांत यादव, राजद-61369
अंतर -22708जदयू जीती
114 मांझी विधानसभा:
रणधीर सिंह -जदयू 68455
डा.सत्येंद्र कुमार यादव -58668
अंतर- 9787जदयू जीती
115 बनियापुर विधानसभा:
केदारनाथ सिंह भाजपा-95606
चांदनी देवी राजद-80170
अंतर- 15436भाजपा जीती
116 तरैया विधानसभा:
जनक सिंह,भाजपा -85401
शैलेंद्र प्रताप,राजद-84070
अंतर-1331भाजपा जीती
117 मढ़ौरा विधानसभा:
जितेंद्र राय राजद-86118
अभय सिंह,जन सुराज-58190
अंतर-27928 राजद जीती
118 छपरा विधानसभा:
छोटी कुमारी,भाजपा-86839
खेसारी लाल यादव, राजद-79245
अंतर- 7594भाजपा जीती
119 गड़खा विधानसभा:
सीमांत मृणाल, लोजपा (रा)-78330
सुरेंद्र राम, राजद-91134
अंतर -12804 राजद जीती
120 अमनौर विधानसभा:
कृष्ण कुमार मंटू,भाजपा-75525
सुनील कुमार,राजद-71717
अंतर- 3808 भाजपा जीती
121 परसा विधानसभा:
करिश्मा,राजद-89093
छोटे लाल राय, जदयू -63321
अंतर -25772 राजद जीती
122 सोनपुर विधानसभा:
विनय सिंह, भाजपा-90842
डा. रामानुज प्रसाद,राजद-86075
अंतर-4767भाजपा जीती


More Stories
जनादेश नहीं – धनादेश की है यह बिहार सरकार
आधुनिक भारत में शिक्षा का विकास
भारत में भ्रष्टाचार और अपराध के कारण तथा उनका निवारण