राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

पेट में ऐंठन और दर्द, गैस्ट्रिक, कब्जियत, मल में खून आना कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण

  • कोलोरेक्टल कैंसर करता है बड़ी आंत को प्रभावित, संभावित लक्षणों की रखें जानकारी:
  • बड़ी आंत के कैंसर से बचाव के लिए भोजन में शामिल करें उच्च फाइबर वाले आहार:
  • एक मार्च से 31 मार्च तक मनाया जाता है राष्ट्रीय कोलोरेक्टल कैंसर जागरूकता माह:

गया, 1 मार्च।

भोजन को शरीर में अवशोषित करने की प्रक्रिया में पाचनतंत्र का बड़ा योगदान है। यदि किन्हीं कारणों से पाचनतंत्र प्रभावित होता है तो भोजन का अवशोषण नहीं हो पाता। भोजन का अवशोषण नहीं होने से पेट की समस्या होने लगती है। इसका कारण सही खानपान नहीं होना है जो पाचनतंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। ऐसे में व्यक्ति नियमित तौर पर दस्त या ​कब्जियत की समस्या से जूझने लगता है। इन समस्याओं के साथ पेट में ऐंठन व दर्द रहता है। बाद में यह कोलोरेक्टल कैंसर यानि बड़ी आंत के कैंसर का रूप ले लेता है। कोलोरेक्टल कैंसर दुनिया भर में तीसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। इस कैंसर के प्रति जागरूकता लाने के लिए एक मार्च से 31 मार्च तक राष्ट्रीय कोलोरेक्टल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। बड़ीं आंत का कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। इसकी शुरुआत बड़ी आंत की दीवार के सबसे भीतरी परत में छोटी सूजन से होती है।

बड़ी आंत के कैंसर के संभावित लक्षणों की रखें जानकारी:

टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल के जिला तकनीकी पदाधिकारी डॉ शहबाज खान बताते हैं कि बड़ी आंत के कैंसर के संभावित लक्षणों की पहचान कर पेट की जांच अवश्य करानी चाहिए। कोलोरेक्टल कैंसर के संभावित लक्षणों में मल त्याग की आदतों में परिवर्तन और लगातार दस्त रहना, कब्जियत रहना या पेट का पूरी तरह से साफ नहीं रहना आदि है। इसके अलावा व्यक्ति को हमेशा कमजोरी और थकान, भूख नहीं लगना, वजन कम होना, एनीमिया, पेट में दर्द या बेचैनी, मल में हमेशा खून आना, गैस्ट्रिक, पेट में ऐंठन व दर्द आदि की समस्या रहती है। ऐसे लक्षणों की अनदेखी जोखिम भरा होता है। अमूमन लोग इस प्रकार के लक्षणों को साधारण पेट की समस्या मान कर बिना चिकित्सीय परामर्श के दवा का सेवन करते रहते हैं। ये सब लक्षण बड़ी आंत के कैंसर की ओर इशारा करते हैं। यदि इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजिज से पीड़ित हों तो जांच जरूरी हो जाती है।

फाइबर वाले भोजन और नियमित व्यायाम का रखें ध्यान:

बड़ी आंत के कैंसर से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए वसा वाले भोजन से दूरी बनायें और बहुत अधिक प्रोसेस्ड मीट का सेवन नहीं करें। कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ कब्जियत बनाते हैं। इसलिए आहार में फाइबर वाली सब्जियां व फल लें। मोटापा से बचाव, सही वजन के लिए नियमित व्यायाम आदि का ध्यान रखें। धूम्रपान व शराब से भी पेट की आंत को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के लिए रोजाना 30 मिनट तक व्यायाम जरूर करें। कैल्सियम तथा विटामिन डी से भरपुर खाद्य पदार्थ लें। इसके अलावा मधुमेह, मोटापा,  कम फाइबर आहार लेना, एक बड़ा जोखिम होता है। रेशे वाले फल सब्जियों में फाइबर होता है। फाइबर वाले खाद्य पदार्थ पेट को आसानी से साफ करते हैं। इससे गैस्ट्रिक सिस्टम भी सही ढंग से काम करता है। शरीर में फाइबर की कमी से कई परेशानियां होने का खतरा रहता है। फाइबर नहीं होने से आंतों का काम करना बंद होने लगता है।फाइबर भोजन को एकत्र कर बड़ी आंत तक ले जाता है जिससे पाचन की प्रकिया में मदद मिलती है। फाइबरयुक्त चीजों में चोकर सहित गेहूं के आटे, हरी पत्तेदार सब्जियां, सेब, पपीता, अंगूर, खीरा, टमाटर, प्याज, छिलके वाली दाल, सलाद, ईसबगोल की भूसी, दलिया, सूजी  में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसे अपने आहार का हिस्सा जरूर बनायें।