राष्ट्रनायक न्यूज

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पंचायत के विकास में जेंडर समानता के मुद्दे पर किया गया पंचायत प्रतिनिधियों का उन्मुखीकरण

  • सहयोगी संस्था द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों का विकास एवं जेंडर सामनता पर हुई चर्चा:
  • पंचायत प्रतिनिधियों की बहुत महतवपूर्ण भूमिका है जेंडर समानता स्थापित करने में:
  • समग्र विकास हेतु पंचायत विकास की योजनाएँ हों जेंडर संवेदनशील:

पटना: 11 मार्च, 2022

आज सहयोगी संस्था के द्वारा बिहटा, पटना के पैनाल पंचायत में पंचायत प्रतिनिधियों के लिए एक उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया, यह कार्यक्रम पैनाल पंचायत भवन में संपन्न हुआ। कार्यशाला में पैनाल पंचायत के 16 प्रतिनिधियों के साथ अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रतिभागिता की। इनमें 9 महिला प्रतिनिधि भी शामिल हुईं। आज के इस उन्मुखीकरण कार्यक्रम में पंचायत प्रतिनिधियों के साथ पंचायत विकास हेतु योजनाएँ बनाने, योजनाओं में जेंडर समानता स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने एवं समाज में व्याप्त जेंडर भेदभाव एवं हिंसा को समाप्त करने हेतु उनके बहुमूल्य भूमिका के बारे में चर्चा की गई।

आज के उन्मुखीकरण कार्यशाला में पैनाल पंचायत के उपमुखिया जयशंकर कुमार, सरपंच बबिता देवी के साथ पंचायत समिति सदस्या, पञ्च एवं वार्ड सदस्यों ने प्रतिभागिता की। इस कार्यक्रम में जेंडर समानता स्थापित करने की दिशा में पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ पंचायत विकास की योजनाओं में जेंडर समानता बनाने के लिए योजनाओं का कार्यान्वयन करने पर विस्तारपूर्वक विमर्श किया गया। सहयोगी संस्था की प्रमुख रजनी ने प्रतिभागियों को बताया कि सहयोगी आरम्भ से ही समाज में लैंगिक हिंसा एवं भेदभाव को समाप्त करने के लिए विभिन्न प्रयास करती रही है, सभी हितधारकों के साथ विमर्श स्थापित कर इस दिशा में जागरूकता फैलाती है, अलग-अलग कार्यक्रम, अभियान, रैली, आदि का आयोजन कर समुदाय को इस सामाजिक कुरीति को समाप्त करने हेतु संवेदनशील बनाती है।

उन्होंने कहा कि आज का आधुनिक समाज में भी लड़कियों–महिलाओं को घर- बाहर सभी जगह गैर-बराबरी और हिंसा झेलना पड़ता है, कामकाजी महिलाएँ एवं लडकियाँ तो दोहरी जिम्मेवारी उठाती हैं, उनके स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षण, आदी की उपेक्षा की जाती है। कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज़ प्रथा के विरुद्ध संवैधानिक उपाय किये जाने के बावजूदये कुरीतियाँ समाप्त नहीं हुई हैं। ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों एवं विशेषकर महिला प्रतिनिधयों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्हें अपने क्षेत्र में इसके विरुद्ध समुदाय को जागरूक करना एवं उनकी हरसंभव सहायता करना उनकी जिम्मेवारी है, साथ ही, पंचायत के विकास की योजनाओं में लड़कियों-महिलाओं को बराबरी में लाने के लिए उपाय करने होंगे। स्थानीय सरकार में वे एक चेंज एजेंट की भूमिका निभाएँ, लड़कियों-महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षण, अधिकार को सुनिश्चितत करने की दिशा में योजनाएँ बनाएँ एवं उन्हें कार्यान्वित करें। सरपंच बबिता देवी ने कहा कि वास्तव में अभी भी बेटी-बेटे में अंतर किया जाता है, माता-पिता एवं अभिभावकों को अपने सभी संतान को समान दर्जा एवं अवसर देना चाहिए  तभी परिवार एवं समाज विकसित होगा। अन्य प्रतिनिधियों ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।

इस अवसर पर अशोक कुमार ने प्रतिभागियों को पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार एवं कार्य के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विकास के कार्यों हेतु योजना बनाने एवं उन्हें कार्यान्वित करने में पंचायत प्रमुख है, योजनाओं में गैर-बराबरी को समाप्त करने हेतु उपायों को शामिल करना चाहिए। उन्होंने प्रतिभागियों को जेंडर हिंसा समाप्त करने हेतु किये गए संवैधानिक प्रावधानों के बारे में भी विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि इस दिशा में सामाजिक सुरक्षा अधिनियमों के अंतर्गत चल रहे योजनाओं का लाभ भी अधिक-से-अधिक जरूरतमंद महिलाओं को मिलने हेतु अपना प्रयास करें।

ज्ञातव्य हो कि सहयोगी संस्था अपने आरम्भ से ही जेंडर हिंसा एवं घरेलु हिंसा को समाप्त करने की दिशा में कार्य कर रही है एवं इस उद्देश्य को पाने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन कर जागरूकता फ़ैलाने का कार्य करती है। सहयोगी द्वारा पटना के बिहटा प्रखंड के 5 पंचायतों एवं 25 गाँवों में जेंडर हिंसा एवं भेदभाव को समाप्त करने के लिए ‘जेंडर हिंसा से मुक्त निजी एवं सार्वजनिक स्थान’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत समुदाय एवं हितधारकों को मुद्दे पर जागरूक करने के लिए उनका उन्मुखीकरण, प्रशिक्षण, बैठकों, सत्रों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, अभियानों, आदि का आयोजन किया जाता है। आज के कार्यक्रम में सहयोग संस्था से मनोज, सुरेन्द्र, धर्मेन्द्र, निर्मला, रिंकी, बिंदु ने प्रतिभागिता की।

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