राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

राष्ट्रीय पोषण मिशन 2.0 के तहत जिला अभिसरण कार्य योजना की बैठक का आयोजन

  • उपविकास आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक का हुआ आयोजन
  • छह माह आयुवर्ग के 66.9 प्रतिशत बच्चों को मिलता है नियमित स्तनपान
  • एनएफएचएस 5 के अनुसार एनीमिया ग्रसित बच्चों का प्रतिशत 69.4 से घटकर 63.5

राष्ट्रनायक न्यूज।

गया (बिहार)। जिला में कुपोषण को शतप्रतिशत दूर करने के लिए विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है। इसे लेकर समाहरणालय स्थित सभागार कक्ष में राष्ट्रीय पोषण मिशन 2.0 के तहत जिला अभिसरण कार्य योजना बैठक का आयोजन उपविकास आयुक्त संतोष कुमार सुमन की अध्यक्षता में की गयी। बैठक में ​सिविल सर्जन डॉ कमल किशोर, जिला स्वास्थ्य समिति डीपीएम नीलेश कुमार, बाल विकास परियोजना डीपीओ सुचिस्मिता पद्म, एलाइव एंड थ्राइव संस्था की डिप्टी डायेरक्टर अनुपम श्रीवास्तव, शिक्षा विभाग तथा ग्रामीण विकास विभाग तथा सभी ​​प्रखंडों के सीडीपीओ तथा प्रखंड समन्वयक, यूनिसेफ, पिरामल स्वास्थ्य, सेव द चिल्ड्रेन तथा सीफार के प्रतिनिधि शामिल हुए। ​​उपविकास आयुक्त ने कहा कि सभी विभाग कुपोषण को दूर करने में समन्वय स्थापित करें। इससे जिला का विकास होगा और इसके लिए सभी की सहभागिता जरूरी है। बैठक के दौरान डीपीओ ने बताया कि मिशन पोषण 2.0 के तहत सभी विभागों के साथ आईसीडीएस समन्वय स्थापित कर रहा है। गया जिला की स्थिति पर चर्चा करते हुए बताया कि कुपोषण को दूर करने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। इसके लिए बेहतर समन्वय की जरूरत है। इससे पोषण अभियान का लक्ष्य पूरा हो सकता है। कुपोषण की स्थिति पर चर्चा करते हुए बताया सालाना शून्य से छह साल के बच्चों में नाटापन 2 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा गया है। कम वजन वाले बच्चों को भी 2 प्रतिशत तक कम करने का सालाना लक्ष्य है।

नाटापन वाले बच्चों में पांच प्रतिशत की कमी:

एलाइव एंड थ्राइव की डिप्टी डायरेक्टर अनुपम श्रीवास्तव ने बताया राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 की रिपोर्ट के अनुसार जिला में छह माह आयुवर्ग के 66.9 प्रतिशत बच्चों को नियमित स्तनपान मिल पाता है। वहीं 42.4 फीसदी बच्चों को जन्म के एक घंटे में स्तनपान ​मिल पाता है। समुदाय स्तर पर स्तनपान के महत्व पर जागरूकता लाकर इसे बढ़ाया जाना जरूरी है। बताया कि कुपोषण की स्थिति में पूर्व के एनएफएचएस 4 के आंकड़ों की तुलना में एनएफएचएस 5 की आंकड़ों में सुधार आया है। नाटापन वाले बच्चों में पांच प्रतिशत की कमी आयी है। यह 52.9 प्रतिशत से घटकर 47.4 प्रतिशत हो गया है। वहीं  कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 53.1 से कम होकर 43.5 फीसदी हो गया है। यह जिला के लिए अच्छी बात है।

एनीमिया ग्रसित बच्चों का प्रतिशत 69.4 से घटकर 63.5:

जिला में एनीमिया के मामले में भी कमी आयी है। एनीमिया ग्रसित बच्चों का प्रतिशत 69.4 से घटकर 63.5 हो गया है। वहीं एनीमिया ग्रसित गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत 63.1 से घटकर 58.3 प्रतिशत हो गया है। 15 से 49 वर्ष आयुवर्ग की महिलाओं में भी एनीमिया का असर कम हुआ है। यह 63.5 प्रतिशत से घटकर 60.3 प्रतिशत हो गया है। वहीं 15 से 19 वर्ष की किशोरियों में भी एनीमिया घटा है। यह 65.7 प्रतिशत से घटकर 61 प्रतिशत हो गया है। कुपोषण को दूर करने के लिए जन्म के तुरंत बाद कमजोर नवजात शिशुओं का नि​यमित अनुश्रवण किया जा रहा है। इसके लिए पोषण ट्रेकर एप्लीकेशन के इस्तेमाल से रियल टाइम मॉनिटरिंग में मदद मिल रही है। चर्चा के दौरान डीपीओ ने बताया बच्चों, गर्भवती तथा धात्री महिलाओं के साथ गोदभराई तथा अन्नप्रशन दिवस पर विशेष काउंसिलिंग करने की आवश्यकता है। इस दौरान उन्हें चार प्रसव पूर्व जांच आवश्यक तौर पर कराने तथा आयरन फॉलिक एसिड टेबलेट के सेवन के प्रति जागरूक करना आंगनबाड़ी सेविका तथा आशा व एएनम के माध्यम से सुनिश्चित किया जाना महत्वपूर्ण है। इस दौरान यूनिसेफ से आशुतोष कुमार, आईसीडीएस से   अरविंद कुमार, सबा सुल्ताना, एलाइव एंड थ्राइव से अभिजीत सिंह तथा अनिल कुमार आदि मौजूद थे।