- आधुनिक सुविधाओं से लैस है रक्त अधिकोष
- पोर्टल के माध्यम से खून की खपत की होती है निगरानी
- समय-समय पर रक्तदान शिविर का होता है आयोजन
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ब्लड बैंक के सेवाओं में लगातार विस्तार किया जा रहा है। जिले में खून की कमी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाता है। सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में 1200 यूनिट खून रखने की क्षमता विकसित की गयी है। ब्लड बैंक में 35 दिनों तक खून रखने का प्रावधान है। ब्लड बैंक को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। यहां पर तीन रक्तदाता चेयर की व्यवस्था है। रक्तदान से पहले प्रत्येक व्यक्तियों की जांच की जाती है। कैंसर, थैलेसीमिया और हीमोडायलिसिस के रोगियों को खून की नियमित अंतराल में जरूरत पड़ती है। रक्तदाताओं को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा डोनर कार्ड दिया जाता है। ताकि वे जरूरत पड़ने पर डोनर कार्ड के माध्यम से किसी जरूरत मंद को खून दिलाया जा सकता है।
रक्तदान के लिए श्रद्धा व सेवा भावना की जरूरत:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि रक्तदान के लिए मन में श्रद्धा व सेवा भावना होनी चाहिए। सभी को रक्तदान के इस पुनीत कार्य में अपनी सहभागिता निभाने की उन्होंने अपील की। कहा कि लोग रक्तदान के लिए आगे आने लगेंगे, तो संसाधनों की कमी को भी समय पर प्रशासनिक स्तर पर दूर कर लिया जाएगा। वैसे रक्तदान के क्षेत्र में पॉजिटिव बदलाव लाने का प्रयास वे कर रहे है।
स्वैच्छित रक्तदान के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास:
हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जा सकता है ताकि ट्रांसफ्यूज़न के लिए सुरक्षित रक्त और रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। यह दिन उन लोगों के योगदान का भी सम्मान करता है, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों में खुद से और बिना पैसे लिए ब्लड डोनेट करते हैं।इस साल विश्व रक्तदाता दिवस की थीम है, “रक्तदान एकजुटता का काम है। प्रयास में शामिल हों और जीवन बचाएं।” इस दिन के लिए हर साल डब्ल्यूएचओ एक विषय तय करता है ताकि स्वैच्छिक रक्तदान जीवन को बचाने और समुदायों के भीतर एकजुटता बढ़ाने में भूमिका को उजागर किया जा सके। रक्त और रक्त से जुड़े प्रोडक्ट्स कई लोगों की जान बचाने का काम करते हैं, जैसे- गर्भावस्था और प्रसव से संबंधित रक्तस्राव से पीड़ित महिलाएं, मलेरिया और कुपोषण के कारण एनीमिया से पीड़ित बच्चें, ट्रॉमा, आपात स्थिति, आपदाओं और दुर्घटनाओं के शिकार, और रक्त और बोन मैरो विकार से पीड़ित लोग, हीमोग्लोबिन के वंशानुगत विकार और प्रतिरक्षा-कमी की स्थिति।


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