- जितना छोटा परिवार उतनी ही ज़्यादा खुशियां : सिविल सर्जन
- सरकारी अस्पतालों में बंध्याकरण कराने वाले लाभार्थियों को दी जाती हैं प्रोत्साहन राशि : डीपीएम
- परिवार नियोजन के विभिन्न आयामों के प्रति लोगों को किया जाएगा जागरूक : डीटीओ (ऑन)
पूर्णिया (बिहार)। बढ़ती जनसंख्या देश की तरक्की के मार्ग में सबसे बड़ी समस्या है। इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक व्यवस्था पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कि छोटा परिवार रखकर ही कोई व्यक्ति अपने भविष्य में सपने को साकार कर सकता है। जितना छोटा परिवार होगा, उसमें उतनी ही ज़्यादा खुशियां मिलने की संभावना रहती है। जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक एवं कर्मियों की जिम्मेदारी बनती है कि सभी लोग अपने-अपने क्षेत्रों के निवासियों को परिवारनियोजन से संबंधित जानकारी देते हुए इसके नियंत्रण के लिए भी प्रोत्साहित करें। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष अलग-अलग थीम को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस बार “परिवार नियोजन के अपनाओ उपाय, लिखो तरक्की का नया अध्याय” थीम के तहत पूरे देश में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
सरकारी अस्पतालों में बंध्याकरण कराने वाले लाभार्थियों को दी जाती हैं प्रोत्साहन राशि : डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसमें योग्य और इच्छुक लाभार्थियों को महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सभी सीएचसी, पीएचसी और सदर अस्पताल में परिवार कल्याण ऑपरेशन किया जाना है। परिवार नियोजन अपनाने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि के रूप में पुरुष नसबंदी का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों को 3000 हज़ार एवं उत्प्रेरक को 400 सौ रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वहीं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थियों को 2000 हज़ार एवं उत्प्रेरक को 300 सौ रुपए की प्रोत्साहन राशी मिलता है साथ हीं प्रसव पश्चात् बंध्याकरण पर लाभार्थियों को 3000 हज़ार एवं उत्प्रेरक को 400 सौ रुपए, प्रसव के बाद कॉपर-टी लगाने वाले लाभार्थियों को 300 सौ रुपए जबकि उत्प्रेरक को 150 रुपए, गर्भपात उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को 300 सौ एवं उत्प्रेरक को 150 रुपए, जबकि गर्भनिरोधक सुई (अंतरा) का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों को 100 रुपए एवं उत्प्रेरक को भी 100 रुपए की सहायता राशि दी जाती है।
परिवार नियोजन के विभिन्न आयामों के प्रति लोगों को किया जाएगा जागरूक : डीटीओ (ऑन)
केयर इंडिया के डीटीओ (ऑन) अमित कुमार ने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े से पूर्व स्वास्थ्य विभाग द्वारा दंपति संपर्क पखवाड़े का आयोजन किया गया था। इसके तहत 27 जून से 10 जुलाई तक ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं द्वारा अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में डोर टू डोर भ्रमण कर महिलाओं एवं परिजनों को परिवार नियोजन के विभिन्न संसाधनों जैसे : कॉपर टी, कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां, सुई सहित कई अन्य प्रकार की जानकारियां उपलब्ध करायी गई। वही सारथी रथ द्वारा विगत 06 से 10 जुलाई तक पूर्णिया शहरी क्षेत्र के सभी वार्डों के अलावा ज़िले के सभी प्रखंडों में निवास करने वाले परिवार के सभी सदस्यों को परिवार नियोजन के विभिन्न आयामों के प्रति जागरूक किया गया है। जिसमें परिवार नियोजन के विभिन्न आयामों जैसे: पुरूष नसबंदी, महिला बंध्याकरण, गर्भनिरोधक गोलियां, गर्भनिरोधक इंजेक्शन, निरोध आदि के उपयोग के लिए जागरूक किया गया। इसके बाद परिवार नियोजन के विभिन्न आयामों का लाभ लेने वाले इच्छुक दंपत्तियों को 11 से 31 जुलाई तक चिकित्सकीय परामर्श एवं सहायता दी जाएगी।


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