- कार्यपालक सहायकों को जुमला दिखाकर ठग रही बीपीएसएम, कार्यपालक सहायकों ने कहा- मांगें पुरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
- कार्यपालक सहायकों ने स्थायीकरण समेत 11 सुत्री मांगो को लेकर दिया धरना
छपरा(सारण)। बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के आह्वाह्न पर स्थायीकरण समेत 11 सुत्री मांगो को लेकर जिले के सभी विभागों में कार्यपालक सहायको ने जिलाध्यक्ष निलेश कुमार की अध्यक्षता में शहर म्युनिसिपल चौक, छपरा धरना लिया। इस दौरान कार्यपालक सहायक अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। वहीं संघ के जिला अध्यक्ष निलेश कुमार के कहा कि कार्यपालक सहायको को बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाईटी बिहार, पटना के अधिकारियों ने केवल आश्वासन का लॉलीपॉप ही थमाया गया है। मानदेय पुनरीक्षण का सपना तो दिखाया जाता है, पर देने के नाम पर अगली बैठक का हवाला दिया जाता है। पर अब ये बर्दाश्त नही किया जाएगा। अधिकारी भी अब नेताओ की तरह जुमलाबाजी कर रहे है। अगर समय रहते हमारी मांग को पूरा नही किया गया तो और ही अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा।
धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में बिहार सरकार संविदा कर्मियो की सेवा के संदर्भ में बेहतरीन कार्य कर रही है, राज्य के विभिन्न विभागों के 65 से ज्यादा संविदा संवर्गाे का मानदेय और देय सुविधाओं को बढ़ाया है, जिससे राज्य के सभी संविदा कर्मी समेत कार्यपालक सहायको के अन्दर भी एक विश्वास जगा है। 15 सालो से संविदा का अभिशाप झेल रहे कार्यपालक सहायक शोषण को अपनी तकदीर मान चुके है। परंतु जबसे नीतीश कुमार के द्वारा संविदा कर्मियों की बातों को सुनने और उनके जीवन स्तर को सुधारने का कार्य कर रही है, इसे लेकर विश्वास की एक लहर कार्यपालक सहायकों में दौड़ रही है।
मांगे पूरी नहीं हुई तो बाधित होगा महत्वपूर्ण कार्य
कार्यपालक सहायकों ने कहा कि सरकार हमारे मांगो के प्रति अन्य संवर्गाे की तरह सकारात्मक कारवाई नहीं करती है, तो राज्य संघ के नेतृत्व में जिले के सभी-विभागों के कार्यपालक सहायक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होगें। जिससे जाति, आवासीय, आय, दाखिल-खारिज, म्युटेशन, जन्म-मृत्यु, आँगनबाड़ी, प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा, पेंशन, कृषि, बिजली विभाग, पुलिस विभाग समेत विधान सभा निर्वाचन से संबंधित विशेष गहन पुनरीक्षण, भु-सर्वेक्षण महा अभियान से संबंधित सभी कार्य बाधित किया जाएगा।
जिला प्रशासन कार्यपालक सहायक के आंदोलन को दबाने खुले जारी कर रहा तुगलकी की फरमान
जिले में कार्यपालक सहायक संघ के द्वारा स्थाईकरण समिति 11 सूत्री मांगों को लेकर पूर्व में ही धरना प्रदर्शन करने को लेकर आह्वान किया था। इसके बावजुद भी जिले के आला अधिकारियों के निर्देश पर कई कार्यालयों में आंदोलन को प्रभावित करने के उद्देश्य से कार्यपालक सहायकों को रविवार को भी ड्यूटी के नाम पर पत्र जारी किया है। ताकि कार्यपालक सहायकों की आवाज को दबाया जाए। लेकिन कार्यपालक सहायकों ने संघ के प्रति चट्टानी एकता का परिचय देते हुए अधिकारियों के तुगलकी फरमान का परवाह किये बगैर धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। संघ के नेताओं ने कहा कि हमारी मांगे सरकार से है, बावजुद यदि प्रशासन अगर हमारी आवाज को दबाने का प्रयास करेगी तो और ही उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी पूर्ण जवाबदेही प्रशासन की होगी।
धरना को इन कार्यपालक सहायकों ने किया संबंधित
धरना को रूपेश कुमार, मुन्ना कुमार, माधव राय, पप्पु पासवान, मिथलेश कुमार वर्मा, सतीश कुमार पाण्डेय, कर्मेन्द्र कुमार, राकेश कुमार, रितेश कुमार, मीनू कुमारी, प्रियंका कुमारी, रेखा कुमारी, रश्मि कुमारी, अंशुप्रिया, दीपमाला कुमारी आल्का कुमारी, खुशबु कुमारी, अर्पणा कुमारी, अनुप्रिया, अजय कुमार, अश्वनी भारती, विजय, ब्रजेश, अमित, राजेश, कुन्दन, अनिल, अमरजीत रजक, राहुल, संदीप रंजन, निखिल कुमार, निर्भय कुमार, मुकेश कुमार, रत्नेश तिवारी, प्रकाश कुमार, उपेंद्र कुमार, अनिल कुमार, सिंह, सौरभ कुमार, विश्वजीत कुमार, अभिमन्यु कुमार, पूनम कुमारी, राजन शर्मा, तिलेश्वर महतो, प्रषान्त कुमार, मो0 शकील, सोनु कुमार, जगमोहन कुमार, मनमोहन कुमार, नीतीश कुमार, आदित्य मल्होत्रा समेत दर्जनों कार्यपालक सहायकों ने संबोधित किया।


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