- सामुदायिक रेडियो के माध्यम से टीबी जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
- टीबी के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्मार्ट संस्था और रेडियो मयूर ने शुरू की पहल
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। “टीबी एक खतरनाक बीमारी है, जिसे जड़ से खत्म करने को लेकर भारत सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार मुहिम चलायी जा रही है। अगर किसी को टीबी के लक्षण हैं तो उन्हें सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराना चाहिए, क्योंकि सरकारी अस्पताल में ना सिर्फ मुफ्त इलाज होता बल्कि टीबी पीड़ित व्यक्ति को हरेक सुविधा भी प्रदान की जाती है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने रेडियो मयूर द्वारा आयोजित टीबी जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कही। सिविल सर्जन ने रेडियो मयूर के अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि जहां आज के समय में चारों तरफ सिर्फ नकारात्मक चीजें ज्यादा प्रसारित की जा रही , वहीं रेडियो मयूर एक पॉजिटिव एपरोच के साथ समाज की बेहतरी के लिए सकारात्मक प्रयास कर रहा है। इससे टीबी के प्रति जागरूकता लाने में विभाग को मदद मिलेगी। शहर के एनसीसी संस्थान में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के दौरान मौजूद कई छात्रों ने अपने सवाल भी रखे जिसका जवाब वहां मौजूद एक्सपट ने दिया। वहीं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में एनसीसी के डायरेक्टर और वहां के छात्रों की बड़ी भूमिका रही। साथ ही रेडियो मयूर के आरजे रजत, आरजे कविश ने भूमिका निभाई । इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, टीबी विभाग के डीपीसी हिमांशु शेखर समेत अन्य मौजूद थे।
टीबी के प्रति जागरूकता लाने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने कहा कि “टीबी एक संक्रामक बीमारी है जिसका इलाज समय पर होना जरूरी है। यदि किसी को लगातार दो हफ्तों से खांसी की शिकायत है या उसे बुखार आ रहा हो तो उसे तुरंत बलगम की जांच करानी चाहिए और टीबी का पूरा इलाज कराना चाहिए। साथ ही युवाओं को संबोधित करते हुए डीपीएम ने कहा कि टीबी को लेकर लोगो में जागरुकता लानी भी जरूरी है और युवा इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते ।
सरकारी अस्पताल में टीबी के समुचित इलाज की व्यवस्था:
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि “पिछले कई सालों से टीबी को लेकर लगातार काम किये जा रहे हैं । लेकिन अबतक टीबी पूरी तरह से भारत से समाप्त नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को टीबी की शिकायत है तो वो प्राइवेट अस्पताल में जाने के बजाय सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करायें क्योंकि ना सिर्फ सरकारी अस्पताल में इलाज मुफ्त होता बल्कि टीबी के मरीज को दवा भी मुफ्त मिलती है। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर इस बार हम टीबी को भारत से भगाने में चूक गये तो टीबी से निजात पाना मुश्किल हो जायेगा।
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