धन्यवाद सुप्रीम कोर्ट! यूपी के मदरसे अब बन्द नहीं होगें
लेखक: अहमद अली
आज (5-11-2024) उच्चतम न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए यूपी मरदसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। अर्थात यूपी में अब मरदसे बन्द नहीं होंगे। इस फैसले ने एक तरफ भाजपा के मुस्लिम विरोधी मंसूबों की कलई खोल दी है तो दूसरी तरफ मदरसा तरफदारियों और लगभग 17 हजा़र मदरसों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों को राहत भी बख्शी है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मदरसा कानून को विधि सम्मत करार देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 22 मार्च को दिये गये फैसले को खारिज कर दिया जिसमें कोर्ट ने उक्त ऐक्ट को असंवैधानिक करार देते हुए उस पर रोक लगा दिया था।साथ ही मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का दाखिला सरकारी विद्यालयों में कराने का आदेश भी पारित कर दिया था।इस फैसले का भा ज पा ने दिल खोल कर स्वागत किया था।बिहारी भाजपा नेताओं की भी खुशी का कोई ठिकाना न था और बिहार में भी इसे लागू करने का वकालत घूम घूम कर करते हुए पाये जा रहे थे। ज्ञातब्य है कि 2004 में मुलायम सिंह की सरकार ने इस अधिनियम को जब पारित किया था उस समय भी भाजपा ने इसका पुड़जोर विरोध किया था तथा सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण,जो इनका पूराना शगूफा है,का आरोप भी लगाया था।
हालाँकि कोर्ट ने कुछ सुधारों के भी आदेश दिये हैं जिस पर गौर करना होगा।पर इस अधिनियम से धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धान्त के उल्लंघन वाले तर्क को सिरे से खारिज करते हुए टिप्पणी की है कि सभी धर्मावलम्बियों को अपने मजहब की शिक्षा अर्जित करने के अधिकार को संविधान भी स्वीकृति प्रदान करता है।
(लेखक के अपने विचार है।)
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