- ज़िले के दो-दो पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत अभियान से जोड़ने को लेकर दिया गया आवश्यक दिशा-निर्देश: सिविल सर्जन
- टीबी रोगियों के परिवार के सभी सदस्यों का किया जाएगा एक्स-रे: डॉ मिहिरकान्त झा
- पीएमटीपीटी से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का किया गया आयोजन: वर्ल्ड विजन
राष्ट्रनायक न्यूज।
पूर्णिया (बिहार)। टीबी उन्मूलन अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। जिसको लेकर जिला मुख्यालय स्थित एएनएम स्कूल परिसर के सभागार में वर्ल्ड विजन इंडिया के सहयोग से टीबी विभाग के द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें सभी एसटीएस एवं एसटीएलएस को राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन प्रोग्राम के अंतर्गत मैनेजमेंट ऑफ टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, एसीएमओ डॉ आरपी मंडल, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मिहिरकान्त झा, डीएओ अमित कुमार, वर्ल्ड विजन इंडिया के डीसी अभय श्रीवास्तव, जिला पर्यवेक्षक अजय अकेला, सिफ़ार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
ज़िले के दो-दो पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत अभियान से जोड़ने का लेकर दिया गया आवश्यक दिशा-निर्देश: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा टीबी मुक्त पंचायत अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान को जिले में भी शुरू करना है। जिसके लिए जिले के सभी एसटीएस और एचटीएलएस को दो-दो पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत अभियान से जोड़ने का लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। चिह्नित पंचायतों में प्रति एक हजार जनसंख्या पर 50 संभावित मरीजों की खोज की जानी है। मरीज मिलने पर प्रतिवर्ष उस पंचायत में अभियान चलाया जाएगा। वहीं प्रति एक हजार की आबादी पर दो अथवा इससे कम मरीज मिलने पर उक्त पंचायत को टीबी मुक्त घोषित किया जाएगा। जिसके लिए पंचायत से लेकर जिला स्तर की टीम समीक्षा करने के बाद ही सत्यापित करेगी।
टीबी रोगियों के परिवार के सभी सदस्यों का किया जाएगा एक्स-रे: डॉ मिहिरकान्त झा
ज़िला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकान्त झा ने बताया कि टीबी रोगियों के साथ रहने वाले सभी परिवार को आइसोनिया जाइड दवा दी जानी है। 10 वर्ष से नीचे के उम्र वाले बच्चों को 10 मिलीग्राम प्रति किलो बॉडी वजन के अनुसार देना है। इसके साथ ही 10 वर्ष या उससे ऊपर के परिवार के अन्य सदस्यों को 5 मिलीग्राम बॉडी वेट के अनुसार यह दवा दी जानी है। टीबी मरीजों के साथ रहने वाले 5 वर्ष से ऊपर के लोगों का एक्सरे किया जाएगा। अगर एक्स-रे की जांच रिपोर्ट में संक्रमित पाया जाता है तो आगे उनलोगों का टीबी बीमारी की दवा चलायी जाएगी।
पीएमटीपीटी से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का किया गया आयोजन: वर्ल्ड विजन
वर्ल्ड विजन इंडिया के जिला समन्वयक अभय श्रीवास्तव ने कहा कि “टीबी हारेगा देश जीतेगा” अभियान को मूर्त रूप देने के लिए राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) एवं वर्ल्ड विजन इंडिया के सहयोग से टीबी निवारण एवं उपचार परियोजना को लेकर कार्यक्रम प्रबंधन (पीएमटीपीटी) सीएमई से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है। क्योंकि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टीबी को जड़ से मिटाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसको लेकर प्रोग्रामेटिक मैनेजमेंट ऑफ टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेन्ट (पीएमटीपीटी) आयोजन के तहत लेटेंट टीबी इंफेक्शन वाले मरीज को चिह्नित कर उन्हें टीपीटी से जोड़ा जाएगा, ताकि उनके शरीर के अंदर पनप रहे टीबी की बैक्टेरिया को एक्टिव होने से पहले समाप्त कर दिया जाए। इससे टीबी संक्रमण प्रसार के चेन को तोड़ने में मदद मिल सकती है।
क्षयरोग के मुख्य लक्षण:
- लगातार 2 सप्ताह तक या उससे अधिक दिनों तक खांसी का रहना।
- खांसी के साथ खून का आना एवं छाती में दर्द।
- लगातार वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना।
- शाम को बुखार का आना, ठंड लगना व रात्रि में पसीना आना।
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