रंजीत भोजपुरिया। राष्ट्रनायक न्यूज।
सारण (छपरा नगर): राष्ट्रीय राजमार्ग-331 पुराना 101 छपरा-महम्मदपुर पथ पर छपरा शहर के श्याम चक व मगाईडिह के मध्य नवनिर्मित रेल ओवरब्रिज पर आवागमन शुरू हो गया है लेकिन रेल प्रशासन के द्वारा लिए गए निर्णय से अब स्थानीय मुहल्ले वासी अपने को ठगा सा महसूस करने लगे हैं तो उनके समक्ष अब शहरी व्यवस्था से संपर्क टूटने का डर सताने लगा है।
दो भागो में बंटे मोहल्लेवासियों के साथ दोनो रेल लाईनों के मध्य गुजर बसर कर रहे हजारों ग्रामीण एवं शहरी लोगों को भविष्य में और भी परेशानी उठानी पड़ सकती है। चाहे वो बच्चो के स्कूल जाने का हो, अस्पताल जाने का हो या आपातकालीन सेवा हो, किसी धार्मिक आयोजन का हो या घर में मांगलिक आयोजन करना हो या व्यापार/व्यवसाय की सुविधा हो सबके समक्ष बड़ी समस्या आ खड़ी हो गई है कि महिला वर्ग, बुजुर्ग और बच्चों को पैदल इस पार से उस पार जाना व इन मुहल्ले में घरेलू एवं व्यावसायिक वाहनों का आवागमन कैसे होगा? इसकी चिंता अब सताने लगी है।
बताते चले कि रेल ओवरब्रिज के निर्माण कार्य के दौरान निर्माणकर्ता द्वारा वैकल्पिक मार्ग देने की बात कही गई थी हालांकि रेल ओवरब्रिज के नीचे रेल मार्ग के दोनों किनारे सीढ़ी मार्ग का निर्माण तो करा दिया गया है लेकिन दोनों रेल मार्गों के बीच गुजर बसर कर रहे लोगों को किसी तरह के वाहन ले जाने की व्यवस्था नहीं की गई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के मध्य दो रेल फाटक छपरा गोरखपुर रेलखंड समपार 51A तो दूसरा छपरा बलिया रेलखंड समपार 51A है जिससे होकर स्थानीय लोगों का आवागमन सुगम था जिसे रेल प्रशासन द्वारा बंद किया जा रहा है जिसमें से छपरा गोरखपुर रेलखंड के समपार को बंद कर दिया गया है वही दूसरे समपार को बंद करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
इन्हीं समस्याओं को दूर करने को लेकर स्थानीय पीड़ित लोगों ने आज NH 331 पर छपरा बलिया रेल खण्ड के समपार संख्या 51A के पास प्रदर्शन किया और रेल फाटक को यथावत चालू रखने की मांग को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधी, जिला प्रशासन सहित रेल प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर समस्या से अवगत कराने का निर्णय लिया गया।
वैकल्पिक मार्ग:
हजारों की आबादी वाले इस इलाके में वैकल्पिक आवागमन की बात करे तो छपरा बलिया NH 19 से सटे ब्रह्मपुर पुल के समीप छपरा बलिया रेलखंड के मध्य एक रेल अंडरपास का निर्माण किया गया है जिससे होकर छोटे मोटे वाहन का आवागमन हो पाता है लेकिन बरसात के दिनों में उसमें 2 से 3 फुट पानी भर जाता है जिससे आवागमन संपर्क टूट जाता है।
दूसरे वैकल्पिक मार्ग की बात करें तो वह सदर प्रखंड अंतर्गत करिंगा में बने सारण जिला पिंजरापोल गौशाला के समीप छपरा सिवान रेलखंड के मध्य रेल अंडरपास बनाया गया है जिसमें भी उपरोक्त समस्या बनी रहती है वहीं सुनसान क्षेत्र होने के कारण लोगों में किसी अनहोनी की संभावना बनी रहती है।
तीसरे वैकल्पिक मार्ग की बात करे तो इसके लिए यहां के लोगों को छपरा शहर जिला मुख्यालय आने के लिए करीब 6 से 7 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। वहीं मार्ग संकीर्ण होने के कारण आवागमन संभव नहीं हो पाता है।
क्या है समस्या?:
स्थानीय लोगों की माने तो इस रेल ओवरब्रिज के निर्माण से कोई ऐतराज नहीं है परन्तु ब्रिज के निर्माण के बाद अब रेल मार्गों के मध्य हजारों की आबादी जहां दो भागो में बट गई हैं। सभी ग्रामीण करिंगा पंचायत तथा जगलाल चौधरी कॉलेज छपरा के आस-पास के निवासी है। जो N.H 331 छपरा – बनियापुर पथ पर रेलवे समपार सं० 51A (छपरा- सिवान रेलखण्ड मगाईडीह) एवं छपरा बलिया रेलखण्ड पर रेलवे समपार सं० 51A (श्यामचक) के मध्य सड़क के किनारे अवस्थित हैं। वर्तमान में दोनों रेलवे क्रासिंग के ऊपर नये रेल ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण हुआ है तथा आवागमन संचालित है। नव निर्मित ROB के नीचे पूरब एवं पश्चिम दिशा में तथा दोनों रेलवे क्रासिंग के बीच 7, 8 गाँव एवं शहरी क्षेत्र मिलाकर लगभग 1000 मकान अवस्थित है जिनकी आबादी लगभग 10,000 निवास करती है तो हजारों एकड़ जमीन खेती बारी की है। जिनके समक्ष अब मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने का डर सताने लगा है। वहीं सड़क मार्ग बंद होने से लाखों की आबादी का आवागमन प्रभावित होगा।
शैक्षणिक सुविधा:
स्कूली बच्चों की पहुँच रेलवे क्रासिंग बंद होने के बाद स्कूल बस एवं स्थानीय स्नातक स्तरीय शिक्षा के लिए एकमात्र जगलाल चौधरी कॉलेज के छात्र/छात्राओ के लिए कोई अन्य उचित मार्ग उपलब्ध नहीं है। जगलाल चौधरी कॉलेज के पास ब्रह्मपुर में पूर्व से बने रेलवे अंडरपास काफी संकीर्ण है साथ ही बरसात के समय लगभग चार महीने तक पानी भरा रहता है एवं आवागमन बाधित रहता है अंडरपास से होकर कोई भी बड़े वाहन के आवागमन नहीं हो सकता वही छोटे वाहनों के आवागमन में कठिनाई के साथ ही बच्चों के सुरक्षा की दृष्टिकोण से भी काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
आर्थिक प्रभाव :
वर्तमान में इस क्षेत्र में निवास कर रहे कई ऐसे व्यपारी वर्ग हैं, जिनका व्यापारिक वस्तुयें आता है रेलवे गेट के बन्द होने के कारण इस मुहल्ले के आस पास कोई भी ऐसा सड़क उपलब्ध नहीं है जिससे छोटा या बड़ा वाहन क सुगमतापूर्वक आवागमन हो सके। फलतः मुहल्ले के छोटे या बड़े कारोबारी को पलायन करने की स्थिति को झेलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
सामाजिक प्रभाव:
दोनों रेलवे गेट के बन्द हो जाने के कारण दोनों रेलवे लाईन के बीच के क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों के बच्चों की शादी विवाह के अवसर पर भी वाहन को मुख्य सड़क पर जाने के लिए कोई वैकल्पिक सड़क मार्ग नहीं है।
आपातकालीन सेवाएँ:
रेलवे क्रासिंग के बंद होने से ऐम्बुलेंस और आग लगने की स्थिति में फायर बिग्रेड तथा किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की स्थिति में आपातकालीन सेवाओं के लिए छपरा बनियापुर मार्ग को छोड़कर कोई अन्य उचित तथा सुरक्षित मार्ग नहीं है जिससे आपात स्थिति में कारगर हो सके। वर्तमान में ब्रह्मपुर रेल अंडरपास निर्मित है जो काफी संकरा है साथ ही बरसात के समय लगभग 4 (चार) माह तक लगभग 3 से 4 फीट पानी भरा रहता है तथा अंडरपास वाला रास्ता बंद हो जाता है। साथ ही उस अंडरपास से फायर बिग्रेड एवं अन्य आपातकालीन वाहन का आवागमन नहीं हो सकता है जो एक गंभीर समस्या है।
क्या है मांग?:
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि रेल ओवरब्रिज के नीचे के दोनों रेलवे गेट को बंद किया जा रहा है जिसमे मगाईडीह रेलवे गेट को कुछ दिन पहले बंद कर दिया गया है एवं श्यामचक रेलवे गेट को बंद करने की कार्रवाई की जा रही है। छपरा शहर में जाने के लिये हम सभी निवासियों को रेलवे गेट पार कर छपरा शहर में जाने का एक मात्र पथ है जो लाइफ लाईन है। रेल प्रशासन द्वारा सड़क मार्ग को पूर्ण रूप से बंद किए जाने के कारण के सैकड़ों परिवारों के साथ जिला मुख्यालय, हॉस्पिटल, आंगनबाड़ी, विद्यालय से आवागमन सम्पर्क टूट जाएगा तो दूसरी छोड़ के सैकड़ों परिवारों के साथ खेती गृहस्थी की जमीन ऐसे ही खाली रह जाएंगी, उनके व्यवसाय को भी काफी नुकसान होगा जिस कारण लोगो में चिंता बढ़ गई है।
जिलाधिकारी के अचूक निर्णय से जागी उम्मीद
सोमवार को श्याम चक, जगलाल चौधरी कॉलोनी, करिंगा ग्राम पंचायत, रेलवे कॉलोनी, बैंक कॉलोनी, कृष्णा नगर, नारायणपुर के सैकड़ों लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए स्थानीय जिलाधिकारी, स्थानीय विधायक, सांसद से लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तक को ज्ञापन देकर समस्या के समाधान की आवाज उठाई है। उन्होंने बताया कि सभी ग्रामवासीयों द्वारा पिछले 1 वर्ष से रेल ओवरब्रिज के मध्य अंडर पास रास्ता और सर्विस रोड बनवाने की मांग किया जा रहा था तो पिछले मतदान के दौरान सामूहिक वोट बहिष्कार का निर्णय भी लिया गया था जिसपर वर्तमान जिला अधिकारी द्वारा संज्ञान लेते हुए उनकी समस्या का न सिर्फ समाधान किया गया बल्कि ओवरब्रिज को बिना किसी उद्घाटन समारोह के चालू भी करा दिया गया। ऐसे में लोगों को फिर से उम्मीद जगी है कि जिला प्रशासन द्वारा उनकी मांगो पर विचार करते हुए उनके समक्ष आई समस्या का समाधान निकाला जायेगा।
फिलहाल ब्रिज नीचे दोनों किनारे सड़क निर्माण और रेल समपार को बंद करने का कार्य किया जा रहा है। इस से क्षुब्ध ग्रामीणों द्वारा रेल प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई और आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा गया कि अगर इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द नही किया जाएगा तो आगामी दिनों में सभी ग्रामवासीयो द्वारा निर्माण कार्य को अवरूद्ध कर चक्का जाम और अनिश्चितकालीन आंदोलन भी किया जायेगा यही नहीं आगामी चुनाव में सामूहिक वोट बहिष्कार किया जायेगा जिसकी सारी जवाबदेही रेल प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की होगी।
Byte to byte: पीड़ित ग्रामीण
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