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तनाव किसी समस्या का समाधान नहीं, बल्कि शरीर को व्याधिग्रस्त बनाने में है सहायक

तनाव किसी समस्या का समाधान नहीं, बल्कि शरीर को व्याधिग्रस्त बनाने में है सहायक

  • अंतरराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर चिकित्सीय सह परामर्श शिविर का हुआ आयोजन
  • सदर अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति किया गया जागरूक

अररिया। अंतरराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सदर अस्पताल में अररिया में मानसिक स्वास्थ्य व परामर्श शिविर का आयोजन किया गया. शिवर में भाग लेने पहुंचे दूर-दराज के ग्रामीणों को रोग के संबंद्ध में विस्तृत जानकारी व इससे बचाव के उपाय बताये गये. शिवर को संबोधिक करते हुए सदर अस्पताल के अधीक्षक जीतेंद्र प्रसाद ने कहा तनाव कभी भी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है. बल्कि यह हमारे शरीर में कई विकारों को जन्म देता है. अत्यधिक तनाव के कारण हम सिरदर्द, माइग्रेन, उच्च व निम्न रक्तचाप, हृदय रोग सहित अन्य दूसरे बीमारी की चपेट में आ जाते हैं. तनाव हमारे जीवन से खुशी व मुस्कान के पल चुरा लेता है. लिहाजा उन्होंने लोगों को तनाव से बचने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने व इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ही हर साल अंरराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया जाता है. इस बार अंतरराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस का थीम मेंटल हेल्थ फॉर ऑल ग्रेटर एक्सेस ग्रेटर इंवेस्टमेंट रखा गया है. यानि इस क्षेत्र में ज्यादा निवेश व इससे जुड़ी सुविधाएं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके. अंतरराष्ट्रीय मानसिक स्वाथ्य दिवस के मौके पर राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा भी निर्देश दिए गए हैं, जिसके आलोक में सभी जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर मानसिक स्वास्थ्य दिवस के आयोजन किया जाना है. राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दिए गए निर्देश में विभिन्न कार्यकलापों के माध्यम से जनमानस के बीच मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता, चिकित्सकीय परामर्श के आयोजन का निर्देश दिया है.

मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी :

मानसिक स्वास्थ्य के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए परामर्शी अविनाश कुमार ने कहा कहा कि मानसिक स्वास्थ्य सलामती की एक ऐसी स्थिति है. जिसमें व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का एहसास रहता है. वह जीवन के सामान्य तनावों का सामना कर सकता है. लाभकारी व उपयोगी तरीके से काम कर सकता है. और अपने समाज में साकारत्मक योगदान देने में सक्षम होता है. उनहोंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 7.5 प्रतिशत भारतीय किसी न किसी रूप से मानसिक रोग के शिकार हैं. रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 तक भारत की लगभग 20 प्रतिशत आबादी मानसिक रोग की चपेट में होगा. मानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन अब तक इस रोग को समुचित पहचान नहीं मिल पाया है. आज भी यह रोग उपेक्षा का शिकार है. इसे एक तरह से काल्पनिक माना जाता है. जबकि यह भी किसी अन्य शारीरिक रोग की तरह ही खतरनाक व घातक साबित हो सकता है.

24×7 घंटे प्राप्त किया जा सकता है मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जरूरी परामर्श :

मानसिक स्वास्थ्य पर परिरचर्चा में भाग लेते हुए अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद ने कहा कि वैश्विक महामारी के इस काल में आम लोगों को मानसिक तनाव से खुद का बचाव जरूरी है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 24×7 मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परामर्श सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही है. टॉल फ्री नंबर 104 पर कोई भी व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जरूरी परामर्श प्राप्त कर सकता है. इस दिशा में निमहांस संस्था द्वारा भी टॉल फ्री नंबर 080-46110007 जारी किया गया है जिसपर मानसिक तनाव के विषय पर जरूरी परामर्श प्राप्त किया जा सकता है.

ऐसे लक्षण दिखे तो विशेषज्ञों से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परामर्श लेना जरूरी :

– स्पष्ट रूप से कुछ सोच पाने में असमर्थता, दैनिक कार्यकलाप के निष्पादन में कठिनाई
– बार-बार मन में नाकारात्मक विचारों का आना
– आदत, मन व एकाग्रता में अचानक परिवर्तन आना
– वैसी चीजों को देखना व सुनना जो आस-पास मौजूद न हों
– मन में आत्महत्या के विचार का आना व इसका प्रयास करना
– क्रोध, भय, चिंता, अपराध बोध, उदासी व खुशी की लगातार अनुभूति
– बिना चिकित्सकीय सलाह के औषधियों का अत्यधिक सेवन

बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिये रखें इन बातों का ध्यान :

बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिये व्यवस्थित दिनचर्या का होना जरूरी है. मानसिक तनाव से बचते हुए लोगों की भावनाओं को स्वीकारें व अपने मनोवेग को साझा करें. कोरोना से संबंधित अटकलों व अफवाहों से बचें. संतुलित आहार का सेवन करें. अपनी रूचि व पसंद का कार्य करें. शारीरिक रूप से खुद को सक्रिय रखें. योग, प्राणायाम व खेलकूद संबंधी गतिविधियों को अपने जीवन में शामिल करें.

कोरोना से बचाव के लिये निम्न बातों का ध्यान रखना भी जरूरी :

भीड़-भाड़ वाली जगहों पर निश्चित रूप से मास्क का उपयोग करें
– हाथों को बार-बार साबुन व सैनिटाइजर से साफ करते रहें
-घर से बाहर निकलने पर अपने साथ सदैव सैनिटाइजर रखें
– खांसते व छींकते वक्त मूंह को हमेशा रूमाल से ढक कर रखें.

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