बोर्ड परीक्षा की बेहतरीन तैयारी हेतु पुराने प्रश्न पत्रों का नियमित रूप से अभ्यास करें: नसीम अख्तर
के के सिंह सेंगर की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (सारण)। सभी सरकारी विद्यालयों में उत्प्रेषण की परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। अक्सर देखा गया हैं कि बोर्ड परीक्षा का समय आते ही छात्र-छात्राओं में एक दहशत की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं। इसलिए कि उनकी पढ़ाई और पाठ्यक्रम या रिवीजन अभी पूरी नहीं हुई रहती हैं। जिससे वे परेशान होने लगते हैं। उनके पढ़ने के समय और मनोबल का स्तर दोनों ही कम होने लगते हैं। परिणाम स्वरूप वे जल्दी-जल्दी परीक्षा की तैयारी करने के लिए नोट्स, गेस पेपर, एटम बम आदि के पीछे भागने लगते हैं। बोर्ड परीक्षा की बेहतरीन तैयारी के लिए नियमित अध्ययन बहुत ही आवश्यक हैं। यह बात उन्नयन बिहार कार्यक्रम के स्मार्ट क्लास योजना के ट्रेनर सह बीबी राम प्लस टू स्कूल के गणित शिक्षक नसीम अख्तर ने एक विशेष भेंटवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि नियमित अध्ययन से छात्र/छात्राएं करेंट टॉपिक के साथ प्रीवियस टॉपिक से भी अप टू डेट रहते हैं। जिससे वे किसी टॉपिक को आसानी से नहीं भूलते और पढ़े हुए टॉपिक उन्हें लंबे समय तक याद भी रहते हैं। छात्र/छात्राओं के पास बोर्ड परीक्षा के लिए अब बहुत ही कम समय रह गया हैं। अब उन्हें अपनी परीक्षा हेतु टाइम टेबल बनाकर नियमित रूप से पढ़ने की आवश्यकता हैं। साथ ही साथ परीक्षा में पूछे गए पुराने प्रश्नों का अभ्यास निरंतर जरूरी हैं। क्योंकि अभ्यास केवल परीक्षा के डर को ही नहीं दूर करता। बल्कि आपके अंदर एक कभी न जाने वाली हिम्मत भी पैदा करता है। जिससे परीक्षार्थी गर्व से बोल सकते हैं कि मैं इस काम को आसानी से कर सकता हूं। पिछले पांच वर्ष पुराने जो क्वेश्चन पेपर जो बोर्ड परीक्षाओं में पूछे गए हों, उसे नियमित रूप से हल करने की कोशिश करें। एक रूटीन-सा बना लें और हल करते रहें। इससे आपके अंदर विश्वास के साथ बोर्ड परीक्षा में आने वाले क्वेश्चन के बारे में आइडिया भी होगा। जो लाभकारी साबित होगा। श्री अख्तर ने कहा कि छात्र-छात्राएं बेकार के गेस पेपर और नोट्स आदि के झांसे में आने से बचें। सभी विषयों के अभ्यास प्रश्न एवं उनके रिवीजन पर समान रूप से फोकस कर खुद से नोट्स तैयार करें। महत्वपूर्ण टॉपिक, फार्मूले और हेडिंग को हाईलाइट करें। सर्वप्रथम किसी भी विषय के किसी भी चैप्टर/अध्याय को तैयार करते समय आप एक अंक या दो अंक वाले प्रश्नों को पहले तैयार करें। ताकि उस चैप्टर के बेसिक कॉन्सेप्ट समझ में आ जाएं। इससे संबंधित बड़े प्रश्नों के उत्तर तैयार करने में मदद मिलेगी। आलस्य से अध्ययन, अभ्यास, रिवीजन आदि को आगे के लिए नहीं टालें। इससे सिर्फ नुकसान ही होगा। जो भी पढ़े उसे अच्छी तरह पढ़ें। ताकि उसे बार-बार पढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़े और बाकी पाठ्यक्रम का नुकसान नहीं हो। स्वास्थ्य, आहार और व्यायाम को अपने दिनचर्या में शामिल कर समय प्रबंधन का हमेशा ख्याल रखें। इस मौके पर उत्क्रमित मध्य सह उच्च माध्यमिक विद्यालय गौसपुर के स्मार्ट क्लास के नोडल शिक्षक कमल कुमार सिंह भी मौजूद रहे।


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