राष्ट्रनायक न्यूज

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जिले में पूर्ण टीकाकरण कार्य में आया काफी सुधार, पांच वर्षों में 25.4 प्रतिशत की वृद्धि

जिले में पूर्ण टीकाकरण कार्य में आया काफी सुधार, पांच वर्षों में 25.4 प्रतिशत की वृद्धि

  • प्राइवेट अस्पतालों में टीकाकरण से लोगों का हुआ मोहभंग
  • जिले में1 प्रतिशत बच्चों का सरकारी अस्पतालों में हो रहा है टीकाकरण
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 का आंकड़ा जारी
  • मात्र9 प्रतिशत बच्चों का प्राइवेट अस्पताल में हो रहा टीकाकरण

राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।

छपरा (सारण)। विगत पांच सालों में जिले में टीकाकरण कार्य में काफी सुधार हुआ है। हाल ही में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के द्वारा जारी आंकड़ा के अनुसार बच्चों के टीकाकरण में 25.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय परिवार हेल्थ सर्वे-4 (वर्ष 2015-16) के अनुसार जिले में 12-23 माह के  60.3 प्रतिशत बच्चों को पूर्ण टीकाकरण होता था जो कि वर्ष 2019-20 में बढ़कर 85.7 प्रतिशत हो गया। ये आंकड़ें बता रहे हैं कि जिले में पूर्ण टीकाकरण में काफी सुधार आया है। साथ ही टीकाकरण को लेकर लोगों में जागरूकता भी आयी है। टीकाकरण बचपन में होने वाली 12 जानलेवा बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावशाली एवं सुरक्षित तरीका है। टीकाकरण बच्चे के रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाता है और उन्हें विभिन्न जीवाणुओं तथा विषाणुओं से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

सरकारी अस्पतालों में 99.1 प्रतिशत बच्चों का हो रहा है टीकारकण:

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार जिले में 12 से 23 माह के  99.1 प्रतिशत के बच्चों का सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण हो रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार 91.1 प्रतिशत बच्चों का सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण होता था, जो अब बढ़कर 99.1 प्रतिशत हो गया है। इस तरह से इसमें 8 प्रतिशत की बढोतरी हुई है।

निजी अस्पतालों से हुआ मोहभंग:

जिले में निजी अस्पतालों टीकाकरण करवाने वाले लोगों में कमी आयी है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार मात्र 0.9 प्रतिशत बच्चों का निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण हो रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 वर्ष 2015-16 के अनुसार 12-23 माह 5.9 प्रतिशत बच्चों का निजी अस्पतालों में टीकाकरण होता था जो कि घटकर 0.9 प्रतिशत हो गया है। इसमें 5 प्रतिशत की कमी हुई है। सरकारी अस्पतालों में टीके की बेहतर गुणवत्ता, मानक अनुरूप संग्रहण एवं महंगे टीकों का निःशुल्क वितरण लोगों का निजी अस्पतालों से मोह भंग करने में कारगर साबित हुआ है.

क्या है आंकड़ा (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5, वर्ष 2019-20):

  • जिले में 12-23 माह के2 प्रतिशत बच्चों को बीसीजी का टीका लगाया जा रहा है
  • 12-23 माह के7 प्रतिशत बच्चों को 3 डोजेज पोलिया की टीका लगाया जा रहा
  • 12-23 माह के1 प्रतिशत बच्चों को 3 डोज पेंटा और डीपीटी का टीका लगाया जा रहा
  • 12-23 माह के9 प्रतिशत बच्चों को प्रथम डोज मिजिल्स- कंटैनिंग का टीका लग रह
  • 12-23 माह के2 प्रतिशत बच्चों को 3 डोज रोटा वायरस टीका लगाया जा रहा
  • 12-23 माह के1 प्रतिशत बच्चों को 3 डोज पेंटा व हेपटाइटिस-बी का टीका लगाया जा रहा

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