तैयारी: गांवों में कालाजार के मरीजों की खोज के लिए चला खोजी अभियान
पंकज कुमार सिंह। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
मशरक (सारण)। प्रखंड क्षेत्र के कवलपुरा पंचायत के एकावना गांव में कालाजार मरीजों के खोज के लिए अभियान चलाया गया।यह अभियान पिछले 15 जनवरी से चल रहा है जो 21 जनवरी तक चलेगा।कालाजार के मरीजों की तलाश में हर घर के दरवाजे पर आशा कार्यकर्ताओं की मदद से दस्तक हो रही है। एकवना गांव में वर्ष 2020 में कुल 4 कालाजार रोगी मिलें थें जिसको देखते हुए जिले से मिले आदेश के आलोक में दवा छिड़काव एकवना गांव में चलाया जा रहा है। निरीक्षण में डॉ अनंत नारायण कश्यप,नेसाब आलम भीबीडी पर्यवेक्षक ,बीसीएम लवकुश कुमार आदि ने भाग लिया। मौके पर पीएचसी प्रभारी डॉ अनंत कुमार कश्यप ने बताया कि रोगी खोज के दौरान 15 अथवा 15 दिनों से अधिक दिनों से बुखार से पीड़ित व्यक्ति जिन्होंने बुखार के दौरान मलेरिया की दवा अथवा एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन किया हो और उसके बाद भी बुखार ठीक न हुआ हो साथ ही उन्हें भूख की कमी व पेट का बड़ा होना जैसे लक्षण दिखाई दें। उनको किट से जांच करवाने के लिए पीएचसी भेजा जाएगा। किसी में कालाजार का इलाज करवाया हो फिर भी उनमें बुखार के साथ कालाजार के अन्य लक्षण पाए जा रहे हों तो बोन मैरो या स्पलीन एस्पिरेशन जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि कालाजार धीरे-धीरे विकसित होने वाला बीमारी है जो मादा फ्लैबोटामस अर्जेंटाइप्स (बालू मक्खी) के काटने से होता है. मक्खी के काटने के 15 से 20 दिन बाद व्यक्ति में कालाजार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। उन्हें बार-बार बुखार आने लगता है. इसके साथ-साथ भूख में कमी, वजन का घटना, थकान महसूस होना, पेट का बढ़ जाना आदि इसके लक्षण के रूप में दिखाई देने लगते हैं। ऐसे व्यक्ति को तुरंत नजदीक के अस्पताल में जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए।


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