डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद बोले- कार्बन उत्सर्जन घटाकर बनाएंगे हरित बिहार
पटना: बिहार ने निम्न कार्बन उत्सर्जक विकास की ओर शुक्रवार को महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। राज्य सरकार ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के समर्थन से जलवायु परिवर्तन अनुकूल और निम्न कार्बन उत्सर्जन की रणनीति पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। इस संबंध में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद और यूएनईपी के बीच नई दिल्ली में एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला राज्य है। कहा कि राज्य जलवायु परिवर्तनअनुकूल और कम कार्बन उत्सर्जक होने के मार्ग पर चलकर टिकाऊ पर्यावरण के लिए संकल्पबद्ध है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन विश्वभर के लिए खतरे की घंटी है। इससे निपटने के लिए तत्काल ध्यान देने और कार्रवाई करने की आवश्यकता है। कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा यूएनईपी के सहयोग से कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में उठाया गया कदम महत्वपूर्ण है। इससे राज्य सरकार के हरित प्रयासों जैसे जल-जीवन-हरियाली, कृषि रोड मैप, नवीकरणीय ऊर्जा नीति, स्वच्छ ईंधन नीति आदि को बल मिलेगा। विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने स्वच्छ पर्यावरण के प्रति बिहार सरकार का संकल्प दोहराया।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि पर्यावरण सततता के साथ जलवायु परिवर्तन का असर कम करना और उसके अनुरूप ढलना केंद्र सरकार की कार्रवाई का प्रमुख क्षेत्र है। कहा कि बिहार को जलवायु परिवर्तन अनुकूल और निम्न कार्बन उत्सर्जक बनाने के लिए उठाया गया कदम सराहनीय है। इससे जलवायु परिवर्तन का असरदार ढंग से सामना करने और समय के अनुकूल कारगर कदम उठाने में मदद मिलेगी।
बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि सतत जीवन शैली भारत की परंपरा में रची-बसी है। कहा कि दुनिया में अब तक 126 देशों ने शून्य उत्सर्जन लक्ष्य पाने का औपचारिक अनुमोदन किया या उस पर विचार कर रहे हैं। कहा कि ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन का 51 प्रतिशत इन्हीं देशों में होता है। संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव ने कहा कि यूएनईपी निम्न उत्सर्जन अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत का मार्ग प्रशस्त करने में सहायक होने के लिए बिहार के साथ सहयोग करने को उत्सुक है। इस मौके पर पर्षद के अध्यक्ष डॉ. एके घोष, सदस्य सचिव एस. चंद्रशेखर मौजूद रहे।


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