- ईविन एप से होती नियमित टीकाकरण वैक्सीन की निगरानी
- दो-दो कोल्ड चेन हैंडलरों को दिया गया प्रशिक्षण
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (सारण)। कोल्ड चेन हैंडलरों के प्रशिक्षण से नियमित टीकाकरण में उपयोग की जाने वाली वैक्सीन के बेहतर प्रबंधन व रख-रखाव में आसानी होगी। वैक्सीन की रख-रखाव में इनकी भूमिका काफी अहम है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने सदर अस्पताल में आयोजित प्रशिक्षण शिविर का उदघाटन करते हुए कही। सीएस ने कहा कि भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ई-विन कार्यक्रम (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) के तहत जिले के कोल्ड चेन हैंडलर को वर्ष में एक बार विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी प्रखंडों के दो-दो कोल्ड चेन हैंडलर्स को वैक्सीन की रखरखाव, तापमान निगरानी, वैक्सीन स्टॉक, वैक्सीन वेस्टेज रोकने आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। सीएस डॉ. झा ने कहा कि प्रशिक्षण के बाद जहां वैक्सीन की बर्बादी में कमी आएगी, वहीं प्रबंधन की गड़बड़ी से किसी प्रखंड में टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित नहीं होने पाएगा। उन्होंने बताया कि ईविन के उपयोग से जिले में किसी वैक्सीन की कोई कमी नहीं होती है जिससे टीकाकरण का कार्य सुचारू रूप से चलता रहता है।
वैक्सीन के तापमान की ऑनलाइन निगरानी:
यूएनडीपी के प्रतिनिधि संतोष कुमार पांडेय ने कोल्ड चेन हैंडलर्स को बताया कि सभी कोल्ड चेन उपकरण आईएलआर, डीप फ्रीजर, कोल्ड बॉक्स, वैक्सीन कैरियर, आइस पैक, थर्मामीटर, आदि का उपयोग कैसे करना है। वैक्सीन की रखरखाव व सही तापमान की निगरानी के लिए आईएलआर में टेंपरेचर लॉगर लगा है, जिनके जरिए ऑनलाइन तापमान की निगरानी की जाती है। ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से वैक्सीन के तापमान, स्टॉक, वेस्टेज आदि पर हर समय ऑनलाइन निगरानी की जा रही। इससे कोल्ड चेन मैनेजमेंट सहित अन्य जानकारियां भी आसानी से मिल रही हैं। यूएनडीपी के भीसीसीएम ने वैक्सीन से संबंधित रिपोर्टिंग आदि के बारे में बारीकी से बताया। कहा कि प्रतिदिन की ऑनलाइन रिपोर्टिंग पर ध्यान दें। सिस्टम में रहकर काम करने से टीकाकरण कार्यक्रम संचालित करने में सुविधा होगी।
तापमान अधिक होने पर मोबाइल से आता है संदेश:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. अजय कुमार शर्मा ने बताया कि कोल्ड चेन में टीके रखने के डीप फ्रीजर में थर्मामीटर लगाया गया है । ऐसे में फ्रीजर के बंद या खराब होने पर इसकी जानकारी संबंधित स्टाफ के पास चली जाती है। फ्रिज का तापमान 2 से 8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा जाने पर मोबाइल से मैसेज या अलार्म बजने लगता है। ऐसे में स्टाफ तुरंत जाकर टीके को देख लेता है एवम उसे खराब होने से बचा लेता है। ईविन से टीके के स्टॉक की जानकारियां भी आसानी से मिल जाती हैं । इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार, यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी, यूएनडीपी के संतोष कुमा पांडेय, अंशुमान पांडेय समेत अन्य मौजूद थे।


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