राष्ट्रनायक न्यूज।
पटना (बिहार)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बाढ़ क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान उत्तर बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों के लोगों का हाल जानने की कोशिश की। इस दौरान सीएम नीतीश ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया। बता दें कि उत्तर बिहार के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। तिरहुत और मिथिलांचल में बाढ़ का कहर जारी है। तीसरे दिन भी मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेलखंड पर ट्रेनों को परिचालन ठप है और बदले रूटों पर ट्रेनें चल रही हैं। मोतिहारी ढाका रोड पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। भरौलिया पुल के पास रोड पर तीन फीट तक पानी बह रहा है। वहीं मधुबनी के हनुमाननगर में बाढ़ की स्थिति बिगड़ती जा रही है। कई प्रमुख सड़कों पर पानी का दबाव बढ रहा है। दरभंगा के सिंहवाड़ा का कटरा प्रखंड से सीधा सड़क संपर्क टूट चुका है। भड़वाड़ा-पिपरा पथ पर बागमती का पानी चढ़ गया है।
पश्चिम चम्पारण में बारिश थमने से नदियों में उफान कम हो गया है। हालांकि नदियों कटाव जारी है। रामनगर के दोन क्षेत्र में गोवर्द्धना- गोबरहिया पथ मसान की बाढ़ में ध्वस्त हो गयी है। इससे आवागमन मुश्किल हो गया है। इधर, सिकरहना और गंडक के जलस्तर में कमी से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति सुधर रही है। सोमवार को वाल्मीकिनगर बराज से भी मात्र 1.52 लाख क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया।
पूर्वी चम्पारण के दस प्रखंडों की पांच लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित है। इन प्रखंडों में कुछ पूर्ण तो कुछ आंशिक रूप से प्रभावित हैं। इधर, मोतिहारी शहरी क्षेत्र के वार्ड नम्बर एक, सोलह, तेरह के निचले इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सुगौली- रक्सौल एनएच 28 पर दो जगह बाढ़ का पानी चढ़ गया है। सुगौली स्टेशन के रेल ट्रैक पर तीसरे दिन भी पानी चढ़ा है। डीआरएम ने रेल पुल व सुगौली स्टेशन का जायजा लाया। ढाका फुलवरिया रोड पर पानी चढ़ने से आवागमन बाधित है। जिले के मधुबन, तेतरिया, फेनहरा, तुरकौलिया, बंजरिया, केसरिया, अरेराज, चिरैया, पताही आदि प्रखंडों में बाढ़ से लोग तबाह हैं। डुमरिया घाट में गंडक व लाल बकेया गुवाबारी में बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मधुबनी जिले के तीन प्रखंडों मधवापुर, बेनीपट्टी व बिस्फी में धौंस नदी का पानी फैलने लगा है। वही मधवापुर में एनएच104 पर थाना रोड को धौंस नदी का पानी क्रॉस कर गया है। बेनीपट्टी के सोइली पुल में कटाव हो रहा है। किसी भी समय पुल ध्वस्त हो सकता है। इधर, जयनगर रेलवे यार्ड में पानी से ट्रेन सेवा प्रभावित हुई है। जयनगर से खुलने ली ट्रेने ढाई से तीन घंटे विलंब से चली। वहीं समस्तीपुर की ओर से आने वाली सभी ट्रेनों को मधुबनी, पंडौल व सकरी स्टेशन तक परिचालन किया गया।
बागमती नदी में लगातार उफान जारी रहने से जिले के नए क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है। शिवहर शहर के भी कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है। बाढ़ के पानी से शिवहर मंडल कारा, जिला शिक्षा कार्यालय, जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय सहित कई सरकारी कार्यालय घिर गए हैं। जिले की अधिकांश प्रमुख सड़कों पर बाढ़ का पानी बहने के कारण आवागमन की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। इधर बागमती के जलस्तर में अब धीरे-धीरे कमी आने से बाढ़ की स्थिति में सुधार होने की संभावना है। जिले के पिपराही प्रखंड के बेलवा के पास टूटे सुरक्षा तटबंध का मरम्मत कार्य तेजी से चल रहा है।
सीतामढ़ी जिले से गुजरने वाली नदियों के जलस्तर में कमी हुई है। इसके बावजूद दो जगहों पर छोड़ बागमती व अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पुपरी, बेलसंड, सुरसंड, चोरौत सहित अन्य जगहों पर बाढ़ के पानी से कई गांव घिरे हैं। सुरसंड, चौरौत का जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क भंग है। सुरसंड के कुम्मा में डायवर्सन बह गया है। वहीं शहरी इलाके में लखनदेई नदी का पानी कई निचले मोहल्ले में फैला है। पुनौरा गोशाला रोड पर भी पानी का बहाव है।
अशोक पेपर मिल-हायाघाट सड़क पर बागमती का पानी फैल जाने से हायाघाट का सीधा सड़क संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। हालांकि जटमलपुर और हथौड़ी पुल होकर सड़क संपर्क अभी बहाल है, लेकिन इस रास्ते से दूरी अधिक है। उधर, बागमती के जलस्तर में वृद्धि होने से हनुमाननगर प्रखंड के निचले इलाकों में पानी फैलने लगा है। पोअरिया पावर सब स्टेशन के चारों ओर पानी फैल जाने से विद्युत सेवा चरमराने की आशंका बढ़ गयी है। उधर, कमला-बलान के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने से घनश्यामपुर प्रखंड के डूब क्षेत्र में बसे 10 गांवों की स्थिति गंभीर होती जा रही है। सड़कों पर पानी बहने से लोगों के लिए नाव ही आवागमन का एकमात्र सहारा है। वहीं, कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में भी बाढ़ की स्थिति दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है। उधर, केवटी में अधवारा नदी ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। पिंडारूच से कोठिया पंचायत तक जगह-जगह बांध में रिसाव शुरू हो गया है।
मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ की स्थिति और भयावह होती जा रही है। बागमती नदी के जलस्तर में हल्की गिरावट आई है, लेकिन यह अभी खतरे के निशान से करीब दो मीटर ऊपर बह रही है। इसके कारण औराई, कटरा व गायघाट के सैकड़ों लोग विस्थापित हो गए हैं। नदी के दोनों तटब्ंध के बीच बसे गांवो में अब गिने चुने लोग ही बचे हैं। वहीं पारू व साहेबगंज में गंडक के नदी में करीब 30 सेमी की बढ़ोत्तरी से चिंता पैदा हो गई है। तटबंध क अंदर बसे गांवों में पानी फैलने लगा है, जबकि बूढ़ी गंडक के जलस्तर में 37 सेमी की बढ़ोत्तरी के बाद शहर पर दबाव अचानक बढ़ गया है। बांध के किनारे बसे दर्जनों मोहल्लों में पानी फैलने लगा है व जल संसाधन विभाग ने एहतियात स्लुईस गेट बंद कर दिए हैं।
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