नीरज शर्मा। राष्ट्रनायक न्यूज।
अमनौर (सारण)। प्रति दिन हो रही भीषण वर्षा के कारण कई गांव बाढ़ के चपेट में आ गए है। प्रखण्ड के धर्मपुरजाफर पंचायत स्थित जिरात गांव हर वर्ष बरसात के समय पानी मे डूबी रहती है,आजादी के 75वा वर्ष बीत गया,गांव में सड़क नही बरसात के दिनों में गांव के चारो तरफ पानी ही पानी दिख रहा है। पानी के बीच अनुसूचित जाति के एक छोटा सा गांव टापू के समान दिखते है। इस गांव में प्राथमिक स्कूल भी है, सामुदायिक भवन है पर मुख्य मार्ग पर निकलने के लिए कोई सड़क नही है।गांव में जाने के लिए लोग फोम के नाव बनाकर गांव से मुख्य सड़क पर आ रहे है और जा रहे है। कई दिनों से ग्रामीण बाढ़ के पानी मे फसे है कई घरों में भी पानी प्रवेश कर चुका है।लेकिन इन गरीबो को देखने सुनने नही कोई जन प्रतिनिधि गए नही कोई अधिकारी, ग्रामीणों में काफी आक्रोस है। गांव के राज बल्ली राम,रीता देवी, दिनेश राम, मुकेश राम, संयु देवी, हरेंद्र राम, रमेश राम, सचिन कुमार, परमा राम समेत दर्जनों लोगों का कहना है कि पंचायती राज लागू होने के बाद कई मुखिया बने,सड़क के नाम पर मत ले लेते है लेकिन जितने के बाद पूछने तक नही आते, हर वर्ष बरसात के दिनों में तीन महीने तक सीना भर पानी के बीच रहना पड़ता है। गांव में सड़क नही है। कई बार बिधायक मुखिया को लिखित दी गई कोई पहल तक नही हुआ। हमलोग मजदुरा है पानी हेलकर किसी तरह दूसरे गांव में काम करने जाते है, रात्रि में लौटने के दौरान ईश्वर के भरोसे पानी पार कर घर पहुँचने को मजबूर है। क्षुब्ध होकर सभी ने कहा कि अगर दलित बस्ती नही होती तो यहाँ हर ब्यवस्था हो जाती,हम गरीबों के लिए भला कोई क्या करेगा।
बाढ़ के पानी के कारण बच्चे नही जा रहे बिद्यालय
ग्रामीणों ने बताया कि भय के कारण बच्चों को बिद्यालय भी नही जाने दे रहे है, सीना भर पानी है, कैसे भेजे,गांव में प्राथमिक स्कूल में भी पानी भर जाने की विजय से पढ़न पाठन बाधित है।
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