• हार्ट की बीमारी से 4 वर्षों से पीड़ित सीताराम का हुआ ऑपरेशन
• गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए जीवनदान साबित हो रहा है आयुष्मान भारत
छपरा(सारण)- आयुष्मान भारत जन-आरोग्य योजना गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है। सारण जिले के गड़खा प्रखंड के अवतारनगर बोधा छपरा निवासी सीताराम राम को एक नयी जिंदगी मिली है। करीब 4 वर्षों से हार्ट की बीमारी से पीड़ित सीताराम ने पैसों की तंगी के कारण ईलाज की सम्भावना लगभग छोड़ ही दी थी. लेकिन आयुष्मान भारत योजना से सीताराम को आयुष प्राप्त हुआ. योजना के तहत पटना के इंदिरा गांधी हृदय अस्तपाल में उनके हार्ट का निःशुल्क ऑपरेशन हुआ. आज वह बिलकुल स्वस्थ हैं एवं इस योजना को अपने लिए संजीवनी मानते हैं.
छोड़ चुके थे उम्मीद:
सीताराम को करीब 4 वर्षों से हार्ट की समस्या थी. इससे सीने में काफ़ी दर्द होता था. चिकित्सकों ने ऑपरेशन की सलाह दी थी. लेकिन उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वह ऑपरेशन करा सके. ऐसे हालात में उन्होंने ठीक होने की उम्मीद भी छोड़ दी थी। ‘‘अगर आयुष्मान भारत योजना नहीं होता तो मैं भी जिन्दा नहीं रहता। आज इस योजना के बदौलत हीं मैं जिंदा हूं। आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकार के द्वारा भुगतान किये गए पैसे के कारण ही मेरा ऑपरेशन हो सका. गार्ड की नौकरी कर अपना परिवार चलता हूँ. मेरे पास ऑपरेशन कराने के बिलकुल भी पैसे नहीं थे. लेकिन इस योजना के कारण मेरा एक रूपया भी खर्चा नहीं हुआ। मेरा ऑपरेशन भी सफल रहा और आज मैं स्वस्थ हूँ’’ सीताराम ने बताया.
कर्ज लेकर खा रहे थे दवा:
आयुष्मान भारत योजना के तहत उनका कार्ड नहीं बना था। जिससे वह अपना ऑपरेशन नहीं करा पा रहे थे। लेकिन अपनी जिन्दगी को बचाने के लिए सीताराम दवाओं का सेवन कर रहे थे। जो दवा काफी किमती था। एक माह की दवा करीब 4 हजार रूपये की होती थी. जिससे उन्हें कई बार पड़ोस के लोगों व रिश्तेदारों से कर्ज लेना पड़ता था। ऐसे में आयुष्मान भारत योजना उनके लिए वरदान साबित हुआ. सीताराम की ही तरह जिले में कई अन्य लोगों ने भी योजना का लाभ उठाया है. आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए यह योजना काफ़ी फायदेमंद साबित हुयी है.
आपरेशन के बाद 15 दिन की दवा मुफ्त:
सीताराम ने बताया उन्हें ऑपरेशन के साथ दवा भी नि:शुल्क दिया गया। साथ हीं ऑपरेशन के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद 15 दिन की दवा भी दिया गया। साथ हीं साथ उनका कई जांच किया गया जो काफी महंगा था। एन्जीयोग्राफी और इको जांच किया गया।
उम्र की कोई बंदिश नहीं:
वर्ष 2011 के सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना में चिह्नित गरीब परिवारों को इस योजना का पात्र बनाया गया है। योजना के तहत चिन्हित परिवार को 5 लाख तक की निःशुल्क ईलाज की सुविधा देने का प्रावधान किया गया है. योजना का लाभ उठाने के लिए उम्र की बाध्यता एवं परिवार के आकार को लेकर कोई बंदिश नहीं है। योजना को संचालित करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसके जरिये लाभार्थी यह जान सकते हैं कि उनका नाम लिस्ट में शामिल है या नहीं। लिस्ट में नाम जांचने के लिए mera.pmjay.gov.in वेबसाइट देख सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल कर जानकारी ली जा सकती है।


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