नई दिल्ली, (एजेंसी)। अगर आप ऑनलाइन ‘क्विज शो’ में दिलचस्पी रखते हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि, साइबर जालसाज इसकी आड़ में आपके डाटा तक सेंध लगा रहे हैं। जी हां! देश की नामी कंपनियों के नाम पर फर्जी ‘क्विज शो’ आयोजित करने की बात कहते हुए एक फीशिंग यूआरएल का लिंक भेज लोगों को अपने झांसे में लिया जा रहा है। खासबात यह है कि डाटा तक पहुंच बनाने का यह खेल चाइनीज सर्वर के जरिये खेला जा रहा है। इसलिए ऐसे ‘क्विज शो’ में ईनाम जीतने के लालच में लिंक को क्लिक नहीं करें, नहीं तो आप भी जालसाजी करने वाले साइबर हैकरों के शिकार हो सकते हैं। दरअसल दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ऐसे कई लिंक को फीशिंग यूआरएल करार देते हुए इससे बचने की सलाह दी है।
लोगों के डाटा तक पहुंच बनाने के लिए ये जालसाज देश की नामी-गिरामी कंपनियों के नाम पर ‘क्विज शो’ एक्टविटी को लेकर इंटरनेट के विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म पर आते हैं और लुभावने ऑफर देकर आपका ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं। जब आप इन ऑफर को देखते हैं तो उसमें विभिन्न श्रेणी के तहत अलग-अलग ईनाम दिए जाने की बात होती है। ऐसे में आप जैसे ही इन ठगों द्वारा बिछाए गए जाल में फंसते हैं तो ये आपको इस ‘क्विज शो’ में हिस्सा लेने के लिए अपना पंजीकरण कराने का निर्देश देते हैं।
इसके लिए ही ये ‘फीशिंग यूआरएल’ का लिंक देते हैं, जिसपर क्लिक करके आपको अपनी डिटेल भरते हुए अपना पंजीकरण कराना होता है। बस इस लिंक को क्लिक करते ही जालसाजों की आपकी डाटा तक पहुंच हो जाती है। इसके बाद आपसे जुड़ी सभी डिटेल वे आसानी से ले लेते हैं। इतना ही नहीं आपके डिवाइस पर एक तरह से इनका कंट्रोल हो जाता है, जिससे आपकी हर आॅनलाइन गतिविधि से जुड़ी एक्टविटी पर उनकी नजर भी होती है।
इनकी नजर आपकी ऑनलाइन गतिविधि पर रहती है। साथ ही यह आपके नेटवर्क तक अपनी पहुंच बनाने में सफल हो जाते हैं। क्योंकि, आपको ये अपने झांसे में ले चुके होते हैं तो ये आपको अपने जानकारों को भी इस ‘क्विज शो’ का हिस्सा बनने के लिए ‘फीशिंग यूआरएल’ लिंक को भेजने के लिए कहते हैं। इस तरह से चीनी सर्वर के जरिये साइबर जालसाजों का यह खेल धीरे-धीरे करके देश के सभी यूजर की डाटा तक अपनी पहुंच बनाने में जुटा है। इसके लिए अन्य दूसरी तरह के भी मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कीम का लालच देकर भी ये आपको और आपके नेटवर्क से जुड़े लोगों को झांसे में लेते हैं। साइबर सेल की अबतक की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि देश के करीब 10 इलाकों के यूजर पर सेंध लगाने के लिए इस गिरोह ने अबतक संचालन किया है। इसमें आसाम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बेंगलुरू, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, राजस्थान, सूरत और दिल्ली-एनसीआर शामिल है।
‘फिशिंग यूआरएल’ दरअसल एक फ्रॉड लिंक, ई-मेल व संदेश होता है, जिसकी मदद से आपसे जुड़ी कुछ डिटेल मांगी जाती है। आप जैसे ही ‘फिशिंग यूआरएल’ को क्लिक करते हैं तो वह आपको नकली वेब पेज पर ले जाता है। अगर आप उनके झांसे में आकर खुद का पंजीकरण कराते हैं तो यह सबकुछ हैकर के सर्वर में चला जाता है। वहीं, दूसरा तरीका यह होता है कि फीशिंग यूआरएल के जरिये आपको भेजे गए ई-मेल में एक अटैचमेंट भी भेजा जाता है, जिसे डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है। आप जैसे ही इसे डाउनलोड करते हैं और खोलते हैं तो आपके सिस्टम में एक मालवेयर इंस्टाल हो जाता है। यह आपके डिवाइस और आंकड़ों तक हैकर की पहुंच बना देता है, जिससे वह आपके डिवाइस को एक्सेस कर सकता है।


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