- निचले इलाकों में बसे लोगों की परेशानी, सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें हो गई बर्बाद
राष्ट्रनायक न्यूज।
तरैया (सारण)। तरैया में एक सप्ताह बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी घटने लगा है। जिसके बाद लोगो को थोड़ी राहत महशुस हो रही है। बताते चले कि नेपाल द्वारा वाल्मिकी नगर बराज से पिछले दिनों से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी उफान पर थी और सारण तटबंध के निकली इलाकों में बसे लोगों के बीच बाढ़ जैसे हालात हो गये थे। वे लोग नाव के सहारे अपने दिनचर्या का कार्य कर रहे थे तथा मवेशियों के लिए औने पौने दाम पर चारे खरीदकर खिला रहे थे। बाढ़ पीड़ितों के रहने का एक मात्र स्थान सारण तटबन्ध था। लेकिन शुक्रवार को गंडक नदी के जलस्तर में कमी देखी गई तथा बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी लगभग दो फिट पानी घटा हुआ है। जिसके बाद उनलोगों को थोड़ी राहत मिलती दिख रही है। पिछले 24 घंटे के अंदर गंडक के जलस्तर में एक फुट की कमी हुई है जिस कारण आम जनजीवन धीरे धीरे पटरी पर लौटने लगी है। पिछले एक सप्ताह से सारण तटबंध पर विस्थापन की जिंदगी जी रहे बाढ़पीड़ित अब घर वापसी की तैयारी में जुटे हैं। सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे सगुनी, राजवाड़ा, शामपुर, अरदेवा, जिमदाहा, हसनपुर बनिया, फरीदनपुर, शीतलपुर, चंचलिया दियरा आदि गांवो के सैकड़ो घरो से पानी निकलना शुरू हो गया है। लेकिन तेज गर्मी के कारण महामारी फैलने की आशंका बढ़ गयी है। एक सप्ताह के जलप्रलय से सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें जहां बर्बाद हो गयी है। वही मवेशियों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गयी है। वही जदयू पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव सुशील कुमार सिंह ने स्थानीय प्रशासन से जांच कर निचले इलाकों में बसे बाढ़ पीड़ितों के बीच जीआर राशि व फसल मुआवजे की मांग की है।


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