नई दिल्ली, (एजेंसी)। अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिकी सेना के शीर्ष अधिकारी यूनान में इस सप्ताहांत नाटो के समकक्षों के साथ बैठक करने वाले हैं। इस बैठक का मकसद आतंकी संगठनों से अमेरिका और क्षेत्र को संभावित खतरों के संबंध में सहयोग बढ़ाने, खुफिया सूचनाएं साझा करने और अन्य समझौतों पर बातचीत होगी। ज्वाइंट चीफ्स आॅफ स्टाफ के अध्यक्ष सैन्य जनरल मार्क मिले ने कहा कि नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) के सदस्य देशों के रक्षा प्रमुख अफगानिस्तान से गठबंधन के सैनिकों की पूर्ण वापसी के बाद आगे के कदमों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
मार्क मिले, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन, अमेरिकी खुफिया विभाग के अधिकारियों ने आगाह किया है कि अलकायदा या इस्लामिक स्टेट अफगानिस्तान में फिर से पैर पसार सकता है और यह एक या दो वर्षों में अमेरिका के लिए खतरा पैदा कर सकता है। अमेरिकी सेना ने कहा है कि आतंकवाद रोधी निगरानी की व्यवस्था की जा सकती है और जरूरत पड़ने पर दूसरे देशों के सैन्य अड्डों से अफगानिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि फारस की खाड़ी में सैन्य अड्डों से टोही विमानों की लंबी उड़ान की क्षमता सीमित है।
ऐसे में अफगानिस्तान के पास के देशों के सैन्य अड्डों को लेकर समझौते, एक-दूसरे के क्षेत्र में विमानों को उड़ान का अधिकार देने, खुफिया सूचनाओं को साझा करने पर चर्चा की जा सकती है। हालिया महीनों में सैन्य अड्डों को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है। मार्क मिले ने कहा कि वह अपने समकक्षों के साथ इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यूनान के रक्षा मंत्री निकोलस पनागियोटोपोलोस ने कहा कि समूह को सबसे पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान में रह रहे लोग सुरक्षित रहें और वहां मानवीय संकट न हो।
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