राष्ट्रनायक न्यूज

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स्वास्थ्य संस्थानों पर मनाया गया परिवार नियोजन दिवस,स्थायी और अस्थायी साधनों पर हुई काउंसलिंग

  • प्रत्येक माह 21 तारिख मनाया जायेगा परिवार नियोजन दिवस
  • पुरूष नसबंदी है आसान उपाय, नहीं होती है शरीरिक कमजोरी
  • खुशहाल परिवार के लिए छोटा परिवार ही सही

राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण) जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग और सरकार प्रतिबद्ध है। इसको लेकर समुदाय स्तर पर तमाम कार्यक्रम चलाये जा रहें है। इसी कडी में विभाग के द्वारा अब प्रत्येक माह के 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस मनाया जायेगा। मंगलवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं के साथ परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधानों पर स्वास्थ्यकर्मियों को द्वारा चर्चा की गयी।

बच्चों के जन्म में अंतराल के लिए कॉपर-टी अस्थायी विधि:

सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने बातया कॉपर-टी एक अस्थायी विधि जिससे बच्चों के जन्म में अंतर रखा जा सकता है।कॉपर- टी विधि 10 वर्षों एवं 5 वर्षों के लिए अपनायी जा सकती है।कॉपर-टी निकलवाने के बाद प्रजनन क्षमता तुरंत वापस आ जाती है।  गर्भनिरोधक गोली माला-एन एक सुरक्षित हार्मोनल गोली है जिसे महिला को एक गोली प्रतिदिन लेनी होती है। माहवारी शुरू होने के 5 वें दिन से गोली की शुरुआत करनी चाहिए| स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रसव के 6 माह तक इस गोली का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए| अंतरा एवं छाया दोनों परिवार नियोजन की नवीन अस्थायी विधियाँ हैं। अंतरा एक सुई है जो तीन माह तक प्रभावी रहती है। लंबे समय तक सुरक्षा के लिए हर तीन महीने में सुई लगवानी होती है| जबकि छाया एक गोली है जिसे सप्ताह में एक बार तीन महीने तक, फिर सप्ताह में केवल एक बार जब तक बच्चा न चाहें।

साधन अपनाने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि:

नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को 3000 रुपये और उत्प्रेरक को 400 रुपये दिए जाते हैं. इसी तरह प्रसव के तुरंत बाद बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी महिला को 3000 रुपये और उत्प्रेरक को 400 रुपये देने का प्रावधान है. पीपीआईयूसीडी बंध्याकरण पर लाभार्थी को 2000 रुपये, एएनएम को 150 रुपये और आशा कार्यकर्ता को 150 रुपये दिए जाते हैं. इसी तरह सभी अन्य साधनों को अपनाने पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशी देने का प्रावधान है। महिला नसबंदी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 15 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा किया जाता है| या विधि प्रसव/ गर्भपात के 7 दिन के अंदर या 6 सप्ताह बाद अपनाया जा सकता है। पुरुष नसबंदी भी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 10 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा बिना चीड-फाड़ के किया जाता है जिसमें 1 घंटा बाद लाभार्थी की छुट्टी भी हो जाती है। यह विधि कभी भी अपनायी जा सकती है एवं इससे किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है।

जिले में 25 सितंबर तक मनेगा मिशन परिवार विकास अभियान:

डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए जिले में 13 से 25 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत समुदाय स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा दंपतियों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही अस्थायी साधनों का भी वितरण किया जा रहा है।

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