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परिवार नियोजन दिवस पर अस्पतालों में लगा मेला, दंपति को किया गया जागरूक

परिवार नियोजन के अस्थाई संसाधनों का किया गया वितरण

छपरा। हर महीने की 21 तारीख को अब परिवार नियोजन दिवस मनाया जा रहा है। इसी सिलसिले में गुरुवार को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन दिवस मनाया गया। इसे लेकर सभी अस्पतालों में मेले का भी आयोजन किया गया। मेले में विभिन्न तरह के काउंटर लगाए गए थे। काउंटर पर परिवार नियोजन से संबंधित अस्थाई सामग्री का वितरण किया जा रहा था। लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा रहा था और इससे होने वाले फायदे के बारे में बताया जा रहा था। डीसीएम ब्रजेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि पिछले महीने परिवार नियोजन दिवस का आगाज हुआ। अब यह हर महीने मनाया जाएगा। इससे परिवार नियोजन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। परिवार नियोजन दिवस के मौके पर गुरुवार को कई तरह के आयोजन किए गए, जिससे लोगों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ी। ऐसा मुझे उम्मीद है। मेले में किसी काउंटर पर परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री का वितरण हो रहा था तो कहीं लोगों की काउंसिलिंग की जा रही थी। लोगों को परिवार नियोजन से होने वाले फायदे के बारे में भी बताया गया। उन्होंने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण है लोगों को परिवार नियोजन के प्रति अस्थाई संसाधनों पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करना। लोगों में इसके प्रति थोड़ा भ्रम रहता है। उसे दूर करने की जरूरत है। लोगों में यह सोच विकसित करनी पड़ेगी कि कंडोम, अंतरा जैसे अस्थायी संसाधनों के इस्तेमाल से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है।

दो बच्चों के बीच 3 साल का अंतराल जरूरीः

एसीएमओ डॉ एचसी प्रसाद ने बताया कि दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल जरूरी है। इसे लोगों को समझाना बहुत आवश्यक है। अगर दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल रहता है तो जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है। इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित रहने से बच्चा भविष्य में होने वाली किसी भी तरह की बीमारी से सुरक्षित रहता है। इन सब बातों को लोगों को समझाने की जरूरत है। काउंसिलिंग पर जोरः परिवार नियोजन दिवस पर योग्य दंपतियों की काउंसिलिंग पर फोकस किया जा रहा है। एक बच्चे वाले दंपती को दूसरा बच्चा के लिए तीन साल का गैप रखना, 20 साल के बाद ही पहला बच्चा और अगर दो बच्चे हो गए हैं तो दंपती को बंध्याकरण के लिए मार्गदर्शन करने पर फोकस किया जा रहा है। ऐसा करने से होने वाले फायदे के बारे में भी दंपती को समझाया गया। काउंसिलिंग वाले काउंटर पर एएनएम ने कई योग्य दंपतियों की काउंसिलिंग की। जरूरत पड़ने पर वहां पर डॉक्टर भी जाकर दंपती को समझाने का काम करते दिखे।

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