नई दिल्ली, (एजेंसी)। कोरोना संकट के कारण बीते करीब दो सालों में छोटे-टिकट वाले लोन की मांग में वृद्धि देखी गई है। लोन लेने वालों में सबसे अधिक तादाद मिलेनियल्स (युवा आबादी) की रही है। ट्रांसयूनियन सिबिल और गूगल के अनुसार, 2020 की चौथी तिमाही में जितने लोगों ने पर्सनल लोन लिया उनमें 60% से अधिक ?ने 25,000 रुपये से कम की रकम ली। वहीं, पहली बार कर्ज लेने वालों में से 49% की आयु 30 साल से कम, 71% गैर-महानगरों में रह रहने वाले थे। लोन लेने वालों में महिलाओं की हिस्सेदारी 24% थीं।
छोट साइज के लोन की मांग को देखते हुए वित्तीय जानकारों का कहना है कि अब समय आ गया है कि हर व्यक्ति अपनी सिबिल स्कोर की अहमियत को समझें। अगर वह सिबिल स्कोर को समझेगा तो बैंक से आसानी से और कम ब्याज पर लोन लेने में मदद मिलेगी। ऐसा इसलिए कि बैंक हमेशा व्यक्ति का सिबिल स्कोर चेक कर के ही लोन देते हैं। बैंक कर्जधारक के क्रेडिट स्कोर की मदद से यह देखते हैं कि वे समय पर लोन को चुकाते हैं या नहीं। साथ ही यह भी चेक करते हैं कि क्या व्यक्ति ने किसी लोन की पेमेंट पर डिफॉल्ट किया है।
अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर है तो यह आपको कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन प्राप्त करने में मदद कर सकता है। आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर तभी होगा जब आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी होगी। इसलिए आपको लगातार अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर करने की कोशिश करते रहना चाहिए। आपको इसके लिए अपने क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान सही समय पर करना चाहिए और सभी लोन की ईएमआई का भुगतान तय समय पर करते रहने चाहिए।
अगर आप किसी लोन की ईएमआई चुकाने में डिफॉल्ट करते हैं तो इसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है। इससे आपका सिबिल स्कोर घट जाता है। अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है तो आपने बिल समय पर नहीं चुकाया है तो क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर है। क्रेडिट मापने वाली कंपनियां आपका स्कोर कम कर देंगेी। क्रेडिट स्कोर खराब होने पर आापको भविष्य में लोन लेने में आपको दिक्कत आएगी।


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