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कोठियों के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के पुजारी का देहांत, संत समाज एवं ग्रामीणों में शोक की लहर, अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की उमरी भीड़

कोठियों के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के पुजारी का देहांत, संत समाज एवं ग्रामीणों में शोक की लहर, अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की उमरी भीड़

बिपिन कुमार की रिपोर्ट
दरियापुर(सारण)। गड़खा प्रखंड के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के पूजारी का देहांत हो गया है। इससे संत समाज एवं ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई। सूर्य मंदिर प्रबंधन समिति एवं सूर्य मंदिर सेवा समिति व कोठिया-नरांव के समस्त ग्रामीणों के तरफ से पुजारी श्री श्री 108 श्री मनोहर दास जी महाराज के निधन से गहरी संवेदना व्यक्त की है। पिछले 5 वर्षो के अन्दर ही सूर्यमंदिर के दो पूजारी का निधन हो जाने से मंदिर से जुड़े हर सदस्य व संत समाज शोकाकुल है। इनका उम्र लगभग 60 वर्ष था। ये पिछले कुछ महीनो से बीमार थे जिनका इलाज पटना मे चल रहा है।ज्ञात हो कि 6 सितंबर 2016 दिन मंगलवार को वयोवृद्ध सप्तऋषि श्री श्री 1008 श्री सीताराम दास जी महाराज 101 वर्ष के उम्र में भगवान को प्यारे हो गए थे। उनके बाद उनके प्रिय शिष्य श्री श्री 108 श्री मनोहर दास जी महाराज को सूर्यमंदिर के प्रधान पूजारी की गद्दी मिली और उन्हें प्रधान पूजारी के रूप मे हजारो भक्तो व संत समाज के बीच चादर देकर सम्मानित किया गया और मंदिर की जिम्मेवारी सौंपी गयी। लेकिन पाॅच वर्ष के अन्दर ही शुक्रवार को उनका निधन हो गया। उनके निधन की सूचना पर लगभग दर्जनो गाॅवों के पुरुष-महिला, श्रद्धालु व बच्चों का उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगो का आने का सिलसिला शुरू हो गया और रात भर किर्तन भजन चलता रहा। भक्त कतारबद्ध हो सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए उनका अंतिम दर्शन करते रहे। शनिवार की दोपहर तक भक्तो के दर्शन और भजन किर्तन का सिलसिला चलता रहा। इसके बात कोरोना वायरस के प्रकोप का मध्य नजर रखते हुए उनको ब्रम्हलीन होने के लिए उनके पार्थिव शरीर को जल समाधि देने हेतु गंगा तट ले जाया गया। इस यात्रा मे कोरोना के वजह से बहुत ही अल्प सदस्यों व सेवक समाज ने हिस्सा लिया।विदित हो कि हो कि 2016 मे दिवंगत संत के पार्थिव शरीर को जल समाधि देने हेतु अंतिम यात्रा में करीब एक लाख से अधिक भक्तो ने हिस्सा लिया था। जिसमे एक दर्जन संतो के साथ रथ, हाथी, घोड़ा, ऊॅट, बैण्ड भी शामिल हुए थे।

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