राष्ट्रनायक न्यूज।
मांझी (सारण)। छपरा जिले के मांझी प्रखण्ड के मांझी पश्चिमी पंचायत के हलखोरी साह उच्च विद्यालय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मामला वितीय वर्ष 2016 से 2019 का बताया जाता है। सरकारी रिपोर्ट या जहां हमारे और आप सबों के जानकारी के अनुसार केवल लड़की और महिलाएं ही महावारी के उन दिनों में सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग करते है पर सारण जिले के मांझी प्रखण्ड के तत्कालिन प्रधानाध्यापक के कालगुजारी के नतीजा बताता है कि अब सारण जिले के लड़के भी सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग कर रहे हैं। मामला मांझी प्रखण्ड के मांझी पश्चिमी पंचायत के हलखोरी साह उच्च विद्यालयके सरकारी स्कूल का है। जहां दर्जनों लड़कों को सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग करने के लिए बकायदा राशि का आवंटन किया गया है। इसका खुलासा तब हुआ है, जब स्कूल के हेडमास्टर साहब रिटायर हो गए। जब दूसरे हेडमास्टर ने पदभार ग्रहण किया, तो पाया कि यहां लड़कियों की जगह लड़के सैनिटरी नैपकिन पहनते हैं। सैनिटरी नैपकिन के पैसे को लड़कों को आवंटित करने के इस पूरे खेल में करोड़ रुपये का घालमेल सामने आया है। नये हेडमास्टर जब विद्यालय में पदभार ग्रहण करने पहुंचे, तो उन्होंने स्कूल में चल रही सरकारी योजनाओं का उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा। उसके बाद जब नवनियुक्त शिक्षक को उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिला, उसके बाद उन्होंने सरकार की ओर से आवंटित एक करोड़ रुपये के राशि की जांच शुरू की विद्यालय के शिक्षक जब पैसों की जांच करते हुए बैंक पहुंचे। तो उन्हें ये जानकर आश्चर्य हुआ कि लड़कियों के नैपकिन की राशि लड़कों के एकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई है। लड़कियों को देने के लिए सरकार की ओर से आने वाली सैनिटरी नैपकिन की पूरी राशि लड़के उपभोग भी कर चुके हैं। कई और तरह की अनियमितता पाये जाने के लिए नव नियुक्त हेडमास्टर ने जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। उस पत्र में जिक्र किया गया है कि विद्यालय के बच्चों ने सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग किया। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
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