संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। देश के विभिन्न राज्यों में जिल्लत और अपमानजनक जिंदगी जी रहे लाखों बिहारी मज़दूरों का जिम्मेवार नीतीश सरकार है। उक्त बातें राजद के जिला प्रवक्ता हरेलाल यादव ने कही। राजद प्रवक्ता ने बिहारी मजदूरों की दुर्दशा के लिए सीधे केंद्र और बिहार की एनडीए हुक़ूमत को जिम्मेवार ठहराया है।विगत लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने सारण और मुजफ्फरपुर की जनसभाओं में ये घोषणा की थी कि बिहार के लोगों को कमाई, पढ़ाई और दवाई के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। जो सिर्फ जुमला बन कर रह गया है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि विगत के वर्षो में कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के क्रम बिहारी मज़दूर गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब हरियाणा और दिल्ली इत्यादि प्रदेशों से अपने घर आने के लिए छटपटा रहे थें तो यही सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी बोले थें कि हम किसी बिहारी को बिहार की सीमा में घुसने नहीं देंगे जो इनकी संवेदनहीनता को दर्शाता है। जब बिहारी मज़दूर असहनीय पीड़ा को झेलते हुए पैदल अपने घरों को लौटे तो सीएम नीतीश कुमार और इनके कैबिनेट के मंत्री बोले थे कि जितने बिहारी मज़दूर आये हैं उन्हें उनके घर के आसपास ही रोज़गार देने की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी, अब किसी बिहारी को दूसरे राज्यों में रोजी रोज़गार के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा जो सिर्फ हवा हवाई साबित हुई। राजद प्रवक्ता ने सीएम की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिर्फ कुर्सी से प्यार है, ये हमेशा दुविधा की भाषा बोलते हैं और अपनी सुविधा की राजनीति करते हैं। बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग किससे कर रहे है। जबकि केंद में इन्हीं की सरकार है। अपने सत्रह वर्षों के शासन में बिहार से शिक्षा और स्वास्थ्य को गर्त में पंहुचाने का काम नीतीश कुमार ने किया है। डबल इंजन की सरकार चलाने वाले नीतीश कुमार ने बिहार में बंद पड़े न् तो कारखानों को ही खुलवाए और न ही उधोग- धंधा स्थापित करवाये। इनकी महत्वकांक्षी योजनाएं शराब बंदी, हरघर नलजल, शौचालय, बालविवाह, जल जीवन हरियाली, भ्रष्टाचार और लूट खसोट की भेंट चढ़ चुकी है।


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