राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

दरभंगा महाराज के राज्य से अपहरण कर लाया गया भगवान गौरी शंकर के नाम से गांव का नाम अपहर पड़ा

  • टोडरमल के बनाये गए नक्सा में भी इस मंदिर का जिक्र था।
  • यहा हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त पहुचते हैं जलाभिषेक के लिए।

नीरज शर्मा। राष्ट्रनायक न्यूज।
अमनौर (सारण)। अमनौर के अपहर शिवालय गौड़ी शंकर मंदिर ऐतिहाशिक व पौराणिक है, जहा  दो दो शिव लिंग स्थापित है।एक शिव लिंग में एक साथ माता पार्वती व शिव का है स्वरूप, महाशिवरात्री के दिन यहाँ हजारो हजार की संख्या में श्रद्धालु भक्त जलाभिषेख के लिए पहुँचते है।इस दिन भगवान गौरी शंकर का भब्य श्रृंगार किया जाता है। सोना चांदी के बने मुकुट व फूल माला से सजाकर भवन गौरी शंकर का भब्य श्रृंगार किया जाता है। जिसे देखने के लिए भक्त रात्रि में भी यहा रुक जाते है। कहा जाता है कि जो भक्त यहा अपनी जो मुरीदे मन में रख गौड़ी शंकर का आराधना करते है उनका हर मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर के सम्बन्ध में छः पटिया के आनन्द किशोर वर्मा का कहना है कि अकबर के जमाने में टोडरमल ने जिस नक्शा का पैमाइस किया था,उस नक्सा में भी यह मंदिर व तलाब अंकित है, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितनी पुराणी मंदिर है। इन्होंने बताया कि पहले यह गांव तख्त विश्वम्भर पुर के नाम से जाना जाता था। यहा के हरीनंदन सहाय दरभंगा महराज के तःशीलदार हुआ करते थे।दरभंगा महराज ने अपने महलों में भगवान शिव का मंदिर स्थापित करांने के लिए शिव लिंग रखे हुए थे, वहा के आचार्य का कहना था कि इस लिंग को जहाँ स्थापित किया जाएगा उस गांव में कभी आपदा, महामारी, अशांति, नहीं आएगी, जिसे सुन हरिनन्दन सहाय शिव लिंग का अपहरण कर हाथी पर सवार होकर रातों रात गांव लेकर आये, यहा राजा के डर से एक ब्राह्मण के घर तहखाना में ग्यारह वर्षो तक इनकी पूजा अर्चना होती रही, बाद में दरभंगा महराज खोज करना बंद कर दिए तब जाकर मंदिर में इनको स्थापित किया गया तब से यह गांव अपहर के नाम से प्रशिद्ध हो गया।

यहा महाशिवरात्रि के दिन व सावन के अंतिम सोमवारी को भगवान गौड़ी शंकरअमनौर के अपहर  शिवालय गौड़ी शंकर मंदिर ऐतिहाशिक व पौराणिक है, जहा  दो दो शिव लिंग है बिराजमान, एक शिव  लिंग में एक साथ माता पार्वती व शिव का है स्वरूप, सावन के तीसरी सोमवारी पर यहा शिव भक्त भारी संख्या में पहुँचकर भगवान गौड़ी शंकर पर किया जलाभिशेख, कहा जाता है कि जो भक्त यहा अपनी जो मुरीदे मन में रख गौड़ी शंकर का आराधना करते है उनका हर मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर के सम्बन्ध में छः पटिया के आनन्द किशोर वर्मा का कहना है कि अकबर के जमाने में टोडरमल ने जिस नक्शा का पैमाइस किया था, उस नक्सा में भी यह मंदिर व तलाब अंकित है, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितनी पुराणी मंदिर है। इनका कहना है कि पहले यह गांव तख्त विश्वम्भर पुर के नाम से जाना जाता था।यहा के हरीनंदन सहाय दरभंगा महराज के तःशीलदार हुआ करते थे। दरभंगा महराज ने अपने महलों में भगवान शिव का मंदिर स्थापित करांने के लिए शिव लिंग रखे हुए थे, वहां के आचार्य का कहना था कि इस लिंग को जहाँ स्थापित किया जाएगा उस गांव में कभी आपदा, महामारी, अशांति, नहीं आएगी, जिसे सुन हरिनन्दन सहाय शिव लिंग का अपहरण कर हाथी पर सवार होकर रातों रात गांव लेकर आये, यहा राजा के डर से एक ब्राह्मण के घर तहखाना में ग्यारह वर्षो तक इनकी पूजा अर्चना होती रही, बाद में दरभंगा महराज खोज करना बंद कर दिए तब जाकर मंदिर में इनको स्थापित किया गया तब से यह गांव अपहर के नाम से प्रशिद्ध हो गया। आज इस मंदिर का देख रेख छः पटिया के लोगों द्वारा किया जाता है, पर प्रसाशनिक कोई सुबिधा नहीं मिलती हैै।

You may have missed