- चमकी को धमकी शपथ पत्र को विद्यालयों की दीवारों पर लेखन के लिए दिया निर्देश
- दीवारों पर चमकी को धमकी शपथ पत्र लेखन सुनिश्चित करेंगे जिला शिक्षा पदाधिकारी
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। जिला में विद्यालयों की दीवारों पर मस्तिष्क ज्वर के संबंध में जानकारी देकर एईएस—जेई से बचाव के लिए जागरूकता लाने का काम किया जायेगा. इसके लिए मस्तिष्क ज्वर (चमकी बुखार) से संबंधित चमकी को धमकी का शपथ पत्र सभी विद्यालयों में दीवार लेखन के रूप में अंकित करने के लिए कहा गया है. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सह विशेष सचिव स्वास्थ्य विभाग संजय कुमार सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से आवश्यक निर्देश दिये हैं. निर्देश का यथोचित पालन करते हुए संबंधित रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजनी है.
20 मार्च तक दीवार लेखन कार्य पूरा करने का निर्देश:
कार्यपालक निदेशक द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि विगत वर्षों में बिहार के सभी जिलों से मस्तिष्क ज्वर के मरीज प्रतिवेदित हुए हैं. इसमें सामान्य रूप से एक से 15 वर्ष के बच्चे होते हैं. समय पर समुचित इलाज नहीं होने पर मरीज की जान भी जा सकती है. इसके लिए आवश्यक है कि आम जनता में मस्तिष्क् ज्वर (चमकी बुखार) से बचाव एवं प्रचार प्रसार के लिए सभी विद्यालयों में दीवार लेखन किया जाये. चमकी को धमकी शपथ पत्र की चर्चा करते हुए कहा गया है कि जिलाधिकारी द्वारा दीवारों पर लेखन के रूप में 20 मार्च तक अंकित करने संबंधी जिला शिक्षा पदाधिकारी को यथोचित निर्देश दिया जाये. इसमें होेन वाला व्यय समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत विद्यालयों को उपलब्ध करायी जाने वाली राशि से खर्च किया जाना है.
दीवार लेखन कर देनी है इन बातों की जानकारी:
मस्तिष्क ज्वर: यह एक गंभीर बीमारी है. अधिकतर एक से 15 वर्ष तक के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं.
लक्षण:
- चमकी के साथ तेज बुखार
- सिरदर्द
- अर्ध या पूर्ण बेहोशी
ये तीन धमकियां याद रखो:
- खिलाओ: बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलायें. यदि संभव हो तो कुछ मीठा भी खिलायें.
- जगाओ: रात के बीच एवं सुबह उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नहीं
- अस्पताल ले जाओ: बेहोशी या चमकी दिखते ही आशा दीदी को सूचित कर तुरंत नि:शुल्क 102एंबुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जायें.
सावधानिया:
- तेज धूप में जाने से बचें
- दिन में दो बार नहायें
- रात को पूरा भोजन करके सोंये
- लक्षण दिखते ही ओआरएस का घोल या चीनी नमक का घोल पिलायें.


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