राष्ट्रनायक न्यूज

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गर्भवती महिलाओं हीटवेव से बचें, शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें

  • हल्के भोजन व मौसमी फलों का करें सेवन, कॉफी चाय से करें परहेज
  • ठंडक वाले कमरों का करें चयन, कड़ी धूप में बाहर निकलने से बचें

राष्ट्रनायक न्यूज।

गया (बिहार)।  जिला में लगातार तापमान बढ़ रहा है. गर्मी में लू का असर काफी खतरनाक होता है. ऐसे समय में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है. गर्मी में गर्भवती महिलाएं अधिक असहज महसूस करती हैं. इस मौसम में मतली, उल्टी और अपच के साथ गैस की समस्या बढ़ जाती है. इसके कारण भूख में कमी महसूस करती हैं और उनका भोजन सामान्य से भी कम हो जाता है. ऐसे में आहार का विशेष ध्यान रखे जाने की जरूरत है। मगध मेडिकल कॉलेज की गाइनेकोलॉजिस्ट तेजस्वी नंदन ने बताया कि गर्भवती के रहने के लिए ऐसे कमरों का चयन किया जाना चाहिए जहां सूरज की सीधी रोशन नहीं पड़ती हो. कमरे को अत्यधिक गर्म होने से बचाने के लिए बालकनी, दरवाजों तथा खिड़कियों पर पर्दा डालें तथा उन्हें दोपहर के समय बंद रखें. गर्भवती महिलाओं डिहाइड्रेशन यानि शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें. दिन भर में कम से कम तीन लीटर पानी जरूर पियें. गर्भवती महिलाएं भूखे पेट नहीं रहें. सुबह उठने के साथ ही हल्का भोज्य पदार्थ जैसे सत्तू का शरबत आदि लें. थकान के साथ दिल की धड़कन बढने, चक्कर और उल्टी की समस्या या पसीना नहीं आने पर चिकित्सक से संपर्क करें क्योंकि ये लू लगने के लक्षण हो सकते हैं.

हरी सब्जी व मौसमी फलों का सेवन रखता है तरोताजा:

गर्मी में गर्भावस्था के कारण थकान भी बढ़ जाती है. वजन और बीपी की समस्याएं होती हैं. ऐसे में सही खानपान जरूरी है. गर्भवती महिलाएं पानी के अलावा नारियल पानी ले सकती हैं. खानपान में मौसमी फलों जैसे तरबूज, खीरा, ककड़ी, खरबूजा, संतरा तथा घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नमक-चीनी का घोल, छाछ, नींबू-पानी, आम का पन्ना इत्यादि का सेवन करें. बहुत अधिक तले भुनी व बाहर के बने खाद्य पदार्थ आदि के सेवन से परहेज करें. हल्के भोजन करें. कोल्ड ड्रिंक्स या बहुत अधिक आइसक्रीम आदि का सेवन नहीं करें. चाय कॉफी का सेवन कम से कम करें. मांस मछली व अंडा का सेवन कम करें. इसकी जगह हरी सब्जी की मात्रा को आहार में बढ़ायें.

गर्भवती गर्मी में सूती ढ़ीले ढ़ाले आरामदायक कपड़े पहनें:

गर्भावस्था के दौरान घर से बाहर निकलने के दौरान विशेष ध्यान रखें. सुबह 11 बजे से चार बजे घर से बाहर नहीं निकलें। घर से बाहर निकलने के दौरान सिर को तौलिया से ढंके. धूप से बचाव के लिए छाता आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है. गर्भवती महिलाएं समय समय पर स्नान जरूर करें. इससे शरीर को ठंडक मिलती हैं. नहाने के लिए सुबह का समय बेहतर है. गर्भवती पालिस्टर या सिंथेटिक फाइबर वाले कपड़े पहनने से बचें. उनके लिए ढीले ढ़ाले सूती कपड़े आरामदायक होते हैं. इससे त्वचा को आराम मिलता है. साथ ही पसीनों को सूखने का मौका मिलता है. हल्के रंग के कपड़े गहरे रंग के कपड़ों की तुलना में कम गर्मी अवशोषित करते हैं. पैरों के लिए आरामदायक चप्पल आदि का चयन ​करें. दोपहर में कम से कम आधे घंटे जरूर सोयें. इससे उर्जा मिलती है.

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