राष्ट्रनायक न्यूज

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प्रकृति को बचाने में सामाजिक भागीदारी सर्वाधिक महत्वपूर्ण – डॉ0 राजेन्द्र सिंह

  • हाल ही में श्रीसिंह को वाटर- हार्वेस्टिंग और जल प्रबंधन में समुदाय आधारित प्रयासों में अग्रणी कार्य के लिए रैमन मैगसेसे पुरस्कार किया गया है सम्मानित

राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण)। जलपुरुष डॉ0 राजेन्द्र सिंह प्रसिद्ध पर्यावरणविद्व की अध्यक्षता में जल-जीवन-हरियाली से संबंधित संवाद सभा का आयोजन समाहरणालय सभागार में आहूत किया गया। डॉ0 राजेन्द्र सिंह जल बिरादरी, आर्दश लोक कल्याण संस्थान एवं इंडियन हिमालयन रिवर बेसिन कांउसिंल के तत्वाधान में दिनांक 25 अप्रैल से शुरु हुए बिहार संवाद यात्रा के दूसरे दिन सारण जिला पहुंचे। बिहार संवाद यात्रा 25 अप्रैल से शुरु होकर 27 मई 2022 तक चलेगी। यात्रा का संयोजन पर्यावरण प्रेमी एवं जलप्रहरी मनोहर मानव जी के द्वारा किया जा रहा है।

संवाद सभा को संबोधित करते हुए डॉ0 राजेन्द्र सिंह ने कहा कि बढ़ती हुई भयानक गर्मी, असामयिक वर्षा, ग्लेषियर का पिघलना, कही बाढ़ तो कही सूखे की त्रास्दी, छोटी-बड़ी नदियों में भयंकर प्रदूषण, वन क्षेत्र का कम होना, भूगर्भ में जलस्तर की कमी, जल आपदा आदि से संपूर्ण मानव जाति के अस्तित्व व जीवन पर गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। इन परिस्थितियों में बिहार सरकार के द्वारा प्रारंभ किये गये वैश्विक महत्व की पहल जल- जीवन- हरियाली कार्यक्रम काबिले तारिफ है। बिहार के इस पर्यावरणीय पहल से आज देष ओैर दुनिया को प्रेरणा मिल रही है। जल- जीवन- हरियाली कार्यक्रम में जब तक राज्य के साथ समाज की भागिदारी नहीं होगी तब तक अभियाण पूर्णरुपेण सफल नही होगा।

यह यात्रा वसुधैव कुटुंबकम के विचार को केन्द्र में रखते हुए पर्यावरणीय चेतना को जगाने के लिए राज और समाज के बीच साथ सार्थक संवाद कर रही है। वैष्विक स्तर पर पर्यावरणीय असंतुलन ने पूरी दुनिया पर संकट लाकर खड़ा कर दिया है। बिहार में बाढ़ और सुखाड़ का स्थाई समाधान भी हमारे पंरपरागत ज्ञानतंत्र में छिपा हुआ है। इसलिए यह यात्रा राज्य और समाज में संवाद स्थापित कर रही है ताकि बिहार के स्थानीय ज्ञानतंत्र के माध्यम से हम बिहार को बाढ़ और सुखाड़ से मुक्त करने का प्रत्यन कर सके। आज भी हम अगर पंरपरागत जल स्त्रोतों, आहऱ, पईन, सोख्ता, ताल, पाल, झाल, पौधारोपण तथा प्रकृति संवर्धन के प्रति अपनी निजी तथा सामाजिक जवाबदेही बोध नही किये तो, हम आने वाली पीढ़ी पर एक भयंकर खतरा सौप रहे है। इसी कारण से यह यात्रा आमनागरिकों विषेषकर रचनात्मक संगठनों बुद्विजीवियों, सामाजिक-राजनैतिक कार्यकताओं, जनप्रतिनिधियों, मीडियाकर्मियों आदि से संपर्क, परस्पर विचार- विमर्ष, खुली चर्चा, जीवन्त बहस और सार्थक संवाद स्थापित कर रही है। उनके द्वारा बताया गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने कहा था कि पृथ्वी सबकी जरुरतों को पूरा कर सकती है। लेकिन किसी एक व्यक्ति के लालच की पूर्ति नहीं कर सकती है। यह मौलिक विचार ही प्राकति को सवंर्धित तथा समाज को शांति स्थापित करेगी। पर्यावरणविद्व डॉ0 राजेन्द्र सिंह को विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया है। 2001 ई0 में सामुदायिक नेतृत्व के लिए वाटर- हार्वेस्टिंग और जल प्रबंधन में समुदाय आधारित प्रयासों में अग्रणी कार्य के लिए रैमन मैगसेसे पुरस्कार, 2005 ई0 में ग्रामीण विकास के लिए विज्ञान और प्राधोगिकी के अनुप्रयोग के लिए जमनालाल बजाज पुरस्कार, 2008 ई0 में द गार्जियन ने उन्हें 50 लोगों की सूची में शामिल किया, जो ग्रह बचा सकते थे। 2015 में स्टाॅकटोम वाटर प्राइज से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार जल के लिए नोबल पुरस्कार के रुप में जाना जाता है। 2016 में यूके स्थित इंस्टीच्यूट ऑफ जैनोलॉजी द्वारा अहिंसा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अपने संबोधन में जिलाधिकारी सारण श्री राजेष मीणा ने कहा कि विष्वप्रसिद्व पर्यावरणविद्व जलपुरुष के सारण आगमन से पूरा जिला गौरान्वित महसूस कर रहा है। विलक्षण व्यक्तित्व के स्वामी डॉ0 राजेन्द्र सिंह जी के सुझाये गये सलाहों को गंभीरतापूर्वक जिला के जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम में लागू किया जाएगा। कार्यक्रम में डॉ0 राजेन्द्र सिंह के सहयोगीगण, उप विकास आयुक्त श्री अमित कुमार एवं बड़ी संख्या में जिला स्तरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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