प्रो0 संजय पाण्डेय। राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। आर एस ए के द्वारा जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रोफेसर फारूक अली से विश्वविद्यालय के गेट के सामने ही जोरदार बहस हो गया। कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रदर्शन भी किया गया। मालूम हो कि पिछले दिनो आंदोलन हुआ था। संगठन के द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा आश्वासन देकर कोई करवाई नहीं किया गया। इसको लेकर कुलपति से संगठन के कार्यकर्ता जैसे मेन गेट पर अपनी बात रखनी चाहि। तो कुलपति भड़क गए। कार्यकर्ताओं को गुंडा मवाली कहने लगे। इसके बाद संगठन के कार्यकर्ताओं के द्वारा जोरदार प्रतिक्रिया दिया गया। उसके बाद कुलपति बैकफुट पर आ गए। विश्वविद्यालय के मेन गेट बंद होने पर आपत्ति दर्ज किया गया। जिसे तुरंत कुलपति ने मानते हुए गेट को खुलवा दिया। अंकपत्र जल्द छात्र- छात्राओं को हार्ड कॉपी में मिल जाएगा सुधार करके कुलपति ने पुनः आश्वासन दिया। मालूम हो कि भ्रष्टाचारी कंपनी यूएमआईएस के द्वारा सारण प्रमंडल के छात्र- छात्राओं को उच्च शिक्षा से वंचित करने के लिए लगातार कुकृत्यप्रयास किए जा रहे हैं। स्नातक प्रथम खंड सत्र 2019- 22 एवं स्नातक प्रथम खंड स्पेशल का रिजल्ट प्रकाशन 1 माह पूर्व हो गया था। संगठन के द्वारा जब अंकपत्र की हार्ड कॉपी की मांग की गई आंदोलन किया गया ।तब जाकर ऑनलाइन जारी किया गया। उसमें भी कई तरह के दांव पेंच लगाया गया। स्नातक प्रथम खंड सत्र 2019- 22 का अंकपत्र ऑनलाइन जारी किया गया। उसमें भी भारी गड़बड़ी की गई। अंकपत्र में जिसको फेल होना चाहिए उसको पास दिखाया जा रहा है जबकि जिसको पास होना चाहिए उसको फेल दिखा रहा है। अभी तक स्नातक प्रथम खंड स्पेशल परीक्षा का अंकपत्र वेबसाइट पर लोड नहीं किया गया। जिसके कारण स्नातक तृतीय खंड का परीक्षा प्रपत्र नहीं भर पा रहा है। स्नातक, स्नातकोत्तर का सत्र लेट होने का कारण यू एम आई एस है।
स्नातक, स्नातकोत्तर, B.Ed, पीएचडी का अंकपत्र, प्रवेश पत्र ,सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी अभी तक छात्र- छात्राओं के द्वारा इस कंपनी के द्वारा नहीं दिया गया। नामांकन के समय मेघा सूची में गड़बड़ी, पंजीयन कार्ड में गड़बड़ी, रिजल्ट में गड़बड़ी इतने गड़बड़ी होते हुए भी इस कंपनी पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी इस कंपनी से मोटी रकम कमीशन के रूप में लेते हैं। इसलिए इस कंपनी पर कोई भी कार्रवाई नहीं होती है। कुलपति से केवल इस कंपनी का शिकायत एक बार कर दीजिए तो ऐसा लगता है कि वह जान मार देंगे। पैसा में कितना ताकत होता है उसको वह प्रमाणित करते हैं। आर एस ए ऐसे भ्रष्टाचारी कंपनी को नकेल कसना जानती है। विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द छात्र- छात्राओं को अंक पत्र, प्रवेश पत्र एवं सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी उपलब्ध कराएं अन्यथा आर पार की लड़ाई के लिए तैयार रहें। रिजल्ट में जितनी भी गड़बड़ियां हुई है। उसको सुधार किया जाए। साथ ही इस कंपनी पर प्राथमिकी दर्ज कर दंडित किया जाए। छात्र- छात्राओं को कैरियर बर्बाद करने को लेकर आंदोलन में प्रमुख रूप से संरक्षक आरएस ए मनीष पांडे मिंटू, कुणाल सिंह, आशीष यादव उर्फ गुलशन यादव ,आरएसए सह संयोजक विकास सिंह सेंगर, संगठन प्रवक्ता सौरभ कुमार गोलू, अंजलि पांडेय, संगीता कुमारी, संध्या कुमारी समेत सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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