संचयन के लिए चार हजार सैंपल लक्ष्य
नवादा (बिहार)। जिला में विभिन्न प्रखंडों में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को गति देने के लिए तीन दिवसीय नाइट ब्लड सर्वे के तहत लोगों का रक्त सैंपल लिया गया। 17 मई से प्रारंभ नाइट ब्लड सर्वे कार्य 19 मई तक चलाया गया। इस तीन दिवसीय अभियान में जिला के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के तहत आने वाले चिन्हित क्षेत्रों में रात्रि 8 से 12 बजे तक रक्त सैंपल एकत्रित किया गया। इनमें गोविंदपुर के बुद्धवारा, नरहट के खनवां, सिरदल्ला, शहरी क्षेत्र नवादा का मिर्जापुर तथा वार्ड नंबर 15, 16 तथा 17, काशीचक के भवानी बिगहा मुसहरी, रोह के नदौरा, नारदीगंज के शादीपुर मुसहरी और विजय नगर आदि शामिल हैं।
चार हजार लक्ष्य, अब तक लिये गये 2200 सैंपल:
जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया रात्रि रक्त संचयन के तहत चार हजार ब्लड सैंपल लिये जाने हैं। इसमें 2200 सैंपल लिया गया है। लगभग 45 प्रतिशत बचे सैंपल भी अभियान के तहत ले लिये जायेंगे। बताया कि नाइट ब्लड सर्वे अभियान से पहले सभी चिह्नित प्रखंडों में व्यापक तौर पर जनसंपर्क अभियान चलाया गया। लोगों को फाइलेरिया से बचाव तथा नाइट ब्लड सर्वे की जरूरत के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। इन चिह्नित क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समुदाय को जागरूक किया गया। नाइट ब्लड सर्वे अभियान को संचालित करने में केयर इंडिया व अन्य सहयोगी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही। बताया कि नाइट ब्लड सर्वे की मदद से लोगों के रक्त में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। इसके बाद आवश्यक पड़ने पर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए आवश्यक दवा सेवन के लिए अभियान चलाया जाता है। अभियान के तहत अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा दी जाती है। फाइलेरिया से संक्रमित हो जाने पर लंबे समय तक इलाज चलने और दवा की खुराक पूरी करने पर रोगी सामान्य जीवन जी सकता है। दवाई की खुराक पूरी नहीं करने पर यह रोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक है। सभी सरकारी अस्पताल पर डीईसी दवा नि:शुल्क उपलब्ध है। जिसे 5 सालों तक साल में एक बार लेना जरूरी है।
डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि नवादा अर्बन के वार्ड नंबर 15 साइट पर नवादा विधायक बिभा देवी द्वारा नाइट ब्लड सर्वे का मंगलवार को उद्घाटन करते हुए फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सभी प्रकार से सहयोग देने की बात कही गई। कहा कि इस गंभीर रोग को जड़ से मिटाने के लिए लोगों को इस रोग के बारे में विस्तार से जानकारी वार्ड पार्षदों तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा भी दी जानी चाहिए। यदि अपने आसपास फाइलेरिया के मरीज मिलते हैं तो उन्हें आवश्यक इलाज के लिए मदद प्रदान करें।


More Stories
आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर 10 फाइलेरिया के मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का हुआ वितरण
कालाजार उन्मूलन को लेकर की-इनफार्मर का होगा उन्मुखीकरण
आयुष्मान भारत योजना के राज्यस्तरीय रैंकिंग में सारण को मिला पहला स्थान