राष्ट्रनायक न्यूज

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एईएस/जेई की रोकथाम के लिए आवश्यक तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक

  • सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को जेई टीकाकरण के शतप्रतिशत आच्छादन के लिए दिये निर्देश
  • जेई टीकाकरण के कम आच्छादन को लेकर टिकारी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ प्रबंधक एवं टीकाकरण प्रभारी पदाधिकारी से स्पष्टीकरण

गया (बिहार)। एईएस/जेई के मामलों को लेकर जिला एवं प्रखंड स्तर के स्वास्थ्य, आइसीडीएस, शिक्षा, जीविका, प्रखंडों के बीडीओ, मगध मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक व प्राचार्य सर्तक एवं अलर्ट मोड में रहें. चमकी बुखार की रोकथाम संबंधी आवश्यक तैयारियों की प्रतिदिन समीक्षा करें. पूर्व में चमकी बुखार से हुई मौतों के कारणों की समीक्षा कर उनमें रही कमी के अनुसार आवश्यक तैयारी रखें. जेई टीकाकरण के शतप्रतिशत आच्छादन के लिए आशा, एएनएम, सीडीपीओ के माध्यम से लाइ​नलिस्ट तैयार कराया जाये. बीडीओ के स्तर से सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर प्रतिदिन जेई की रोकथाम व टीकाकरण को लेकर समीक्षा बैठक की जाये. सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, ग्रामीण चिकित्सकों की लाइनलिस्टिंग करते हुए अद्यतन प्रतिवेदन जिला आपदा पदाधिकारी को भेजेंगे और उनका जेई रोकथाम को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा. बीडीओ, सीडीपीओ, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समन्वय स्थापित कर जेई वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देते हुए शतप्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करायें.

यह बातें जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने वृहस्पतिवार को समाहरणालय स्थित सभागार में एएईएस—जेई की रोकथाम को लेकर तैयारियों की ऑनलाइन समीक्षा बैठक में कही।  इस दौरान सिविल सर्जन डॉ कमल किशोर राय, डीपीएम नीलेश कुमार, डीवीबीडीओ डॉ एमई हक, डीआईओ डॉ राजीव अंबष्ट, एनसीडीओ डॉ फिरोज अहमद, सीडीओ डॉ पंकज सिंह, सभी प्रखंडों के बीडीओ, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, सीडीपीओ, जीविका योजना प्रबंधक, अधीक्षक एवं प्राचार्य मगध मेडिकल कॉलेज सहित विश्व स्वास्थ्य संगठन, केयर इंडिया, पाथ, पीरामल स्वास्थ्य तथा सीफार के प्रतिनिधि शामिल रहें.

समीक्षा बैठक के दौरान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमई हक ने जिलाधिकारी को एईस

चमकी बुखार की रोकथाम को लेकर हुई आवश्यक तैयारियों की अद्यतन जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सभी प्रखंडों में चिकित्सा पदाधिकारी, जीएनएम तथा फार्मासिस्ट को आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है. साथ ही उन्हें चमकी बुखार की रोकथाम के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिड्यूर (एसओपी) के पालन करने के लिए कहा गया है. सभी सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एईएस—जेई को लेकर स्पेशल वार्ड तैयार किये गये हैं. जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक के दौरान कम वैक्सीनेशन वाले प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा. वहीं जेई वैक्सीनेशन कम होने पर कार्रवाई करने के लिए कहा. इस दौरान जिलाधिकारी ने उनसे जेई की रोकथाम को लेकर विभिन्न सवाल भी पूछे। इमामगंज एमओआइसी से पूछा कि उनके क्षेत्र में कितना प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ है और शत प्रतिशत वैक्सीनेशन के लिए प्रखंड स्तर से उनकी क्या तैयारियां हैं. साथ ही सुअरपालन वाले क्षेत्रों में वैक्सीनेशन की अद्यतन जानकारी ली. जेई टीकाकरण के कम आच्छादन को लेकर टिकारी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम तथा चिकित्सा पदाधिकारी के वेतन बंद कर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है.

बीडीओ की अध्यक्षता में करनी है टास्क फोर्स की बैठक:

समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी बीडीओ को निर्देश दिया है कि वे अपनी अध्यक्षता में टास्क फोर्स की बैठक करें. अभियान चला कर सर्वे करायें और आंगनबाड़ी सेविका तथा सुपरवाइजर के माध्यम से जेई टीकाकरण से छूटे बच्चों का लाइनलिस्टर तैयार करा कर शतप्रतिशत टीकाकरण आच्छादन सुनिश्चित करें. बीडीओ को निर्देश दिया कि हर पंचायत में दो- दो वाहन को चिन्हित करें जिसका इस्तेमाल एंबुलेंस के रूप में किया जा सके. इसके लिए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत वाहन को प्राथमिकता दें. यदि ऐसे वाहन नहीं हों तो दूसरा वाहन भाड़े पर लिया जा सकता है. सभी पंचायतों में चिन्हित वाहन की सूची जिसमे नाम, मोबाइल नम्बर एवं पता 3 दिनों के अंदर ज़िला आपदा कार्यालय को उपलब्ध करवाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी आशा व एएनएम की भूमिका तय की जाये. एईएस के मामले सुबह के समय आते हैं. इसलिए चार बजे से सुबह से छह बजे सुबह तक चिकित्सक रोस्टर के अनुसार मौजूद रहेंगे. ज़िला स्तर से रेंडमली इसकी जांच करते रहे कि सुबह के दौरान चिकित्सक अपने मुख्यालय या अस्पताल में मौजूद हैं या नही। सुअर पालन वाले जगहों में प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करवाने का कार्य करे। सुअर पालन वाले जगह या जल जमाव वाले जगह पर लगातार फोगिंग या कैमिकल का छिड़काव करवाते रहे।