कशिश भारती की रिपोर्ट
मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल का जल योजना का पूरा लाभ जिले के सभी घरों में नहीं मिलता दिख रहा है। गांवों के सभी घरों में स्वच्छ जलापूर्ति करने को लेकर मुख्यमंत्री ने सात निश्चय योजना के तहत ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना को संचालित किया गया। जिसके तहत पंचायती राज विभाग के अंतर्गत जिले के पंचायतों के करीब 4580 चयनित वार्डो में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति द्वारा जलापूर्ति योजना के तहत पाइपलाइन बिछाकर जलमीनार के माध्यम से गांव के हर घरों में जलापूर्ति किया जाना है। लेकिन अभी तक जिले में करीब 4545 वार्डो में हीं कार्य पूरा किया गया है, जबकि अभी तक करीब 35 वार्डो में जलापूर्ति का कार्य बाधित है। जिससे इन वार्डों में निवास करने वाले लोगों को स्वच्छ जल नसीब नहीं हो रहा है। आलम ये है कि भीषण गर्मी में भी इन 35 वार्डों के लोग बिना किसी सरकारी योजना के सहायता से स्वयं के भरोसे पीने का पानी का व्यवस्था कर रहे है। जानकारों की माने तो जिन वार्डो में अभी तक मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना का कार्य नहीं किया गया, वहां के अधिकांश वार्डो में पंचायत के मुखिया एवं वार्ड सदस्य के बीच समन्वय नहीं होने के कारण कार्य नहीं कराया गया है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों में भुगतना पड़ रहा है। कई प्रखंडों के वार्डो में जिला प्रशासन पंचायतों एवं वार्डें का भौतिक निरीक्षण कर मुखिया एवं वार्ड सदस्य के बीच समन्वय स्थापित करने का प्रयास किया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उन्हें उनके भरोसे हीं छोड़ दिया। जिससे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना इन वार्डो में पुरी तरह फेल साबित हो रही है।
ग्राम पंचायत 90 फीसद राशि वार्ड के खाते में हस्तांतरित कर शुरू कराते है कार्य
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना के तहत कार्य कराने को लेकर ग्राम पंचायत द्वारा वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में योजना के प्राक्कलन के 90 फीसद राशि एक मुस्त हस्तांतरित कर कार्य प्रारंभ कराने का प्रावधान किया गया है। समिति के खाते में राशि भेजने के बाद मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा हर घर नल का जल योजना का प्रशासनिक स्वीकृति देते है। इसके बाद कार्य प्रारंभ कर जलापूर्ति का कार्य सम्पन्न कराया जाता है। लेकिन कई पंचायतों द्वारा पुरी राशि नहीं देकर 50 फीसद राशि दी गई और प्रशासनिक स्वीकृति देने में विलम्ब किये जाने पर वार्ड क्रियान्वयन समिति द्वारा वार्ड समिति की बैठक कर अन्य योजना में राशि को व्यय कर दिया गया। इसके बाद मुखिया व वार्ड सदस्य में वाद-विवाद होने के बाद अधिकांश वार्डों में नल-जल का कार्य नहीं हो पाया है। वहीं कई पंचायतों में नल-जल का कार्य नहीं होने के कारण पीजीआरओ, हाईकोर्ट सहित अन्य सक्षम प्राधिकार में परिवाद लंबित है।
जलापूर्ति की निगरानी करने को ले लगाया गया है आईओटी डीवाइस
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री के महत्वकांक्षी योजना को हर घर नल का जल योजना के तहत प्रतिदिन समय से जलापूर्ति करने को लेकर सभी वार्डो में आईओटी डीवाइस लगाया है। जिसके माध्यम से निगरानी किया जाता है कि कितने समय तक प्रत्येक घरों में जलापूर्ति किया जा रहा है। अगर आईओटी डीवाइस में जलापूर्ति की ट्रेकिंग नहीं होने पर पंचायती राज विभाग में पदस्थापित तकनीकी सहायकों द्वारा योजना का स्थलीय निरीक्षण का समस्या का निराकरण किया जाता है। ताकि लोगों को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो सके।
मुख्यमंत्री के प्रमंडलीय जनता दरबार में नल-जल का उठेगा मुद्दा
मुख्यमंत्री का प्रमंडलीय जनता दरबार की शुरूआत सारण से किया जाएगा। इसको लेकर जिला प्रशासन अभी से ही तैयारी में जुट गया है। जानकारों की माने तो मुख्यमंत्री का पहला कार्यक्रम लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मस्थली से शुरूआत किया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री सूबे के सभी प्रमंडलों में जाकर जनता दरबार लगायेंगे और लोगों की फरियाद को सुनेंगे, जिसके बाद ऑन द स्पॉट निबटारा किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में हर घर नल का जल योजना के तहत जिन वार्डो में अभी तक कार्य नहीं कराया गया है, वहां पर हर हाल में कार्य प्रारंभ कराने को लेकर मामाल उठेगा। जिसकी मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा भी किया जाएगा। ऐसे में विभागीय पदाधिकारी मुख्यमंत्री जनता दरबार में आये परिवादों को निष्पादित करने में जुटे हुए है।
प्राथमिकता के आधार पर जनकल्याणकारी योजनाओं का किया गया जांच
जिले में सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने को लेकर अधिकारियों द्वारा विगत माह से प्रत्येक सप्ताह सामाजिक अंकेक्षण के अंतर्गत जांच किया गया है। जिसके तहत योजनाओं का भौतिक निरीक्षण का वास्तविक स्थित का प्रतिवेदन जिलाधिकारी को दिया गया है। जानकारों की माने तों प्रत्येक सप्ताह के बुधवार को जनकल्याणकारी योजनाओं का जांच किया गया है। इनमें हर घर नल का जल योजना का प्राथमिकता के आधार पर जांच किया गया है। जांच के दौरान योजना का लाभ प्राप्त होने को लेकर पांच व्यक्तियों से पुछ-ताछ कर जायजा लिया गया है। ताकि आम लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके। हालांकि ये जांच कितना प्रभावी तरीके से हुआ है, ये आम लोगों को भली भांति समझ में आ रहा है।


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