234 पैक्सों ने 11735 किसानों से 59598.517 एमटी हुई खरीदारी, 30 जून तक हीं एसएफसी में भेजना था चावल
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।छपरा
जिले के सहकारिता विभाग ने किसानों से धान की खरीदारी समाप्त कर दिया है। इसबार सहकारिता विभाग ने जिला स्तर पर 234 पैक्स एवं 10 व्यापार मंडलों ने करीब 59 लाख 598.517 मीट्रिक धान की खरीदारी किया है। किसानों से खरीदे गये धान को चावल बनाने को लेकर पैक्सों को करीब 32 राइस मिलों से टैग किया गया। इन राइस मिलों से चावल तैयार कर पैक्सों को राज्य खाद्य निगम यानी एसएफसी में 30 जून 2022 तक आपूर्ति करने को लेकर निर्देश दिया गया। लेकिन आश्चर्य की बात है कि विभागीय निर्देश के बाद भी अभी तक एसएफसी गोदामों के धान अधिप्राप्ति के अनुपात में चावल की आपूर्ति नहीं किया जा सका है। जानकारी के अनुसार जिले के करीब 11735 किसानों ने ऑनलाइन निबंधन कराया था। जिनसे पैक्स एवं व्यापार मंडल ने धान की खरीदारी की है। खरीदे धान को पैक्सों ने चावल बनाने के लिए निबंधन राइस मिलों में भेज दिया है। इन राइस मिलों द्वारा चावल बनाने के बाद पैक्सों के माध्यम 39931.00639 मीट्रिक टन चावल राज्य खाद्य निगम यानी एसएफसी को आपूर्ति की जानी है। लेकिन अभी तक 37 हजार 192.830 एमटी हीं एसएफसी में आपूर्ति किया गया है। यानी कुल मिलाकर अभी तक 2738.176 मीट्रिक टन चावल की आपूर्ति पैक्सो ने एसएफसी को नहीं किया है। जानकारों की माने तो जिले के मांझी, एकमा, अमनौर एवं बनियापुर प्रखंड में किसानों से अधिक धान की खरीदारी की गई है। इनमें से बनियापुर के मरीचा पैक्स ने 562.9 एवं मानिकपुर पैक्स ने 566.8 मीट्रिक धान की खरीदारी किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिले के करीब-करीब सभी प्रखंडों में थोड़ा-बहुत सीएमआर बकाया है। जहां से एसएफसी गोदामों के चावल की अपूर्ति बकाया है।
एक क्विंटल धान के बदले 67 किलो चावल का होता है सप्लाई
धान अधिप्राप्ति करने के बाद पैक्स उसे चावल बनाने के लिए एसएफसी से निबंधित राइस मिलो में भेजते है। इसके बाद राइस मिलर एक क्विंटल धान के बदले में करीब 67 किलो चावल देते है। जिन्हें पैक्स राइस मिलरो के माध्यम से एसएफसी गोदाम में सप्लाई करते है।
चावल आपूर्ति के बाद होता है राशि का भुगतान
जिले के किसानों से पैक्स एवं व्यापार मंडल धान की खरीदारी करते है। इसके बाद उसे चावल बनाने के लिए निबंधित राइस मिलों में भेजा जाता है। इसके बाद राज्य खाद्य निगम द्वारा आपूर्ति किये गये बोरा में चावल की पैकिंग किया जाता है। फिर पैक्स के टैग से एसएफसी के गोदामों के चावल की आपूर्ति किया जाता है। चावल की आपूर्ति के पश्चात हीं एसएफसी द्वारा राशि का भुगतान किया जाता है।
एक नजर में धान की खरीदारी
लक्ष्य 90 हजार एमटी
धान बेचने वाले किसानों की संख्या- 11735
खरीदारी 59598.517 एमटी
चावल की अपूर्ति- 37192.830 एमटी
बकाया चावल- 2738.176 एमटी
धान बेचने वाले 11735 गैर रैयत व 4369 रैयत किसानों ने धान बेचने के लिए कराया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
जिले के किसानों को ऑन लाईन रजिस्ट्रेशन कराने वाले से ही धान की खरीदारी करने का प्रावधान किया गया है। जो किसान अपने धान की उपज को बेचना चाहेंगे उन्हें ऑनलाइन निबंधन कराना अनिवार्य है। इसको लेकर डीसीओ ने जिले के सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी एवं पैक्सों को धान बेचने वाले इच्छुक किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रशन कराने का निर्देश दिया था। जिसके आलोक में अभी तक 15 हजार 795 किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, इनमें करीब 11735 गैर रैयत व 4369 रैयत किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इन किसानों से जल्द से जल्द धान अधिप्राप्ति करने का निर्देश दिया गया है।


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