पंकज कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
मशरक (सारण)। स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त- दुरुस्त बनाने के लिए सरकार चाहे जितनी भी कवायद कर ले, लेकिन जमीन पर उसका फलाफल शत- प्रतिशत नहीं दिख पा रही है। कही दवा के अभाव में मरीज परेशान हो रहे हैं तो कहीं अस्पतालों में चकाचक व्यवस्था नहीं दिख रही।वही मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर का सिलसिला तो जैसे रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा अस्पतालों को मुहैया करायी गई एम्बुलेंस भी ठीकठाक स्थिति में नहीं। कहने को तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मशरक में एक एम्बुलेंस हैं। वहीं वर्तमान समय में एक भी एम्बुलेंस कार्यरत नहीं हैं और लोगों को सेवा व सुविधा उपलब्ध नहीं करा रहा है। 102 नंबर का एम्बुलेंस एक सप्ताह से खराब पड़ा है। वही घायल या गर्भवती महिलाओं के एक भी वैकल्पिक तौर पर भी एंबुलेंस नहीं है।अस्पताल आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।खासकर गर्भवती महिलाएं एंबुलेंस नहीं होने के कारण सरकारी अस्पताल नहीं पहुंच पा रही है।उन्हें प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेना पड़ रहा है। वहां उन्हें एक मोटी रकम चुकानी पड़ रही है। यदि अस्पताल आना चाहे तो प्राइवेट गाड़ी लेना पड़ता है। वही सड़क दुघर्टना में घायलों को सदर अस्पताल छपरा ले जाना मरीजों के लिए मुश्किल है। शनिवार को खजुरी में ट्रैक्टर दुर्घटना में घायलों को सदर अस्पताल भेजने के लिए एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं होने पर मरीजों के परिजनों ने आक्रोश जाहिर किया वही मौके पर दुरगौली मुखिया प्रतिनिधि सत्येन्द्र सिंह ने कहा कि मरीज को सदर अस्पताल छपरा रेफर किया गया पर एम्बुलेंस सेवा नहीं हैं वही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोई भी सक्षम अधिकारी जबाब देने तक को नही है। प्रभारी, मैनैजर के कक्ष में ताला लटका हैं। मरीजों के परिजनों को महंगे दामों पर निजी एम्बुलेंस सेवा लेकर छपरा ले जाया जा रहा है।


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