- सुख रहे मक्के और धान का बिचड़ा।
संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। सावन के महीने में वैशाख और जेठ सा नजारा दिख रहा है। चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से मनुष्य से लेकर जीव- जंतु तक बेहाल है। सुबह में जो धूप निकल रही व शाम तक लोगों को परेशान कर रही है। इस बीच दस बजे के बाद से ही लोग घर से बाहर निकलने में गुरेज कर रहे है। बिगत एक पखवाड़े से बारिस नही होने से स्थिति और भी दयनीय हो गई है। पारा 38 डिग्री तक पहुँचने और उमस बढ़ने से लोग दिन और रात बेचैनी में ब्यतीत कर रहे है। इधर आषाढ़ महीना सूखे में बीतने के बाद सावन में भी बारिस नही होने से किसानों के चेहरे पीले पड़ने लगे है।खरीफ मौषम की प्रमुख फसल धान और मक्का दोनों फसल बारिश के अभाव में बुरी तरह से प्रभावित हुई है। एक तरफ मक्के के पौधे सुख रहे है, तो दूसरी ओर धान का बिचड़ा पीले पड़ने लगे है। हालांकि इस बीच बिचरों को बचाने के लिये किसान पटवन में जुटे है। मगर भीषण गर्मी की वजह से पटवन नाकाफी साबित हो रहा है। इधर तपती गर्मी के बीच लोड शेडिंग, ब्रेकडाउन एवं अन्य तकनीकी कारणों से घंटो बिजली का गुल होना कोढ़ में खाज का काम कर रही है।
बढ़ रही है, मरीजों की संख्या:
मौसम प्रतिकूल होने से मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।सर्दी, खांसी, बुखार,पेट दर्द आदि के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसमें बुजुर्गो और बच्चों की संख्या अधिक है। रेफरल अस्पताल बनियापुर के प्रभारी चिकित्सा डॉक्टर ए पी गुप्ता ने बताया कि बिगत एक सप्ताह से मरीजों की संख्या में तेजी से बृद्धि हुई है। इस बीच अस्पताल प्रबंधन द्वारा उचित परामर्श और दवा उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे ज्यादातर मरीज जल्द ही ठीक हो जा रहे है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने मौसम को देखते हुए एहतियात बरतने की सलाह दी है।
फोटो(अस्पताल परिसर में जुटी मरीजों की भीड़)
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