राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। स्वच्छ गाँव समृद्ध गाँव के उद्देश्य से जिले के लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पंचायत स्तर पर कचड़ा प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण कराया जाएगा। इसके बाद डोर-टू-डोर ठोस एवं तरल कचड़ा का उठाव करने के लिए डस्टबिन लगाया जाएगा। साथ ही बाजार, हाट, मेला, धार्मिक स्थल/ अनुष्ठान एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों इत्यादि स्थानों से कचड़ा उठाव के लिए उपकरण लगाया जाएगा। इसको लेकर जिले में प्रथम चरण के तहत करीब 76 पंचायतों को चयनित किया गया है। कचड़ा प्रबंधन को लेकर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। गांव में डोर-टू-डोर कचड़ा उठाव करने के लिए वार्ड स्तर पर मानदेय के आधार पर दो स्वच्छता कर्मी का चयन किया जाएगा। इसको लेकर उप विकास आयुक्त अमित कुमार ने जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं ग्राम पंचायतों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। जानकारी के अनुसार जिले में चयनित 76 पंचायतों में कचड़ा प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण मनरेगा के तहत किया है। डब्लूपीयू के निर्माण करने के लिए अचंलाधिकारी के स्तर से प्रत्येक पंचायतों में जमीन उपलब्ध कराया जाएगा। जिस पर मनरेगा के तहत डब्लूपीयू निमार्ण कराया जाएगा। जिसको लेकर मापदंड निर्धारित किया गया है। निर्माण के बाद चयनित पंचायत के ठोस एवं तरल कचड़ा का उठाव करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसको लेकर जिला जल एवं स्वच्छता समिति के कार्य योजना के क्रियान्वयन के लिए चिन्हित ग्राम पंचायतों के स्वीकृत कार्य योजनाओं के अनुरूप स्वच्छ भारत मिशन मद की राशि का करीब 60 प्रतिशत प्रथम किस्त की राशि ग्राम पंचायतों भेज दिया है।
4.70 लाख की लागत से बनेगा कचड़ा प्रोसेसिंग यूनिट:
जिले में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सभी पंचायतों में कचड़ा प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण किया जाएगा। जानकारों की माने तो कचड़ा प्रोसेसिंग यूनिट मनरेगा के तहत करीब 4.70 लाख की लागत से निर्माण किया जाएगा। साथ हीं प्रखंड एवं कलस्टर स्तर पर भी बड़ा प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण कराया जाएगा। जिसके लिए अंचलाधिकारी द्वारा जमीन उलब्ध कराया जाना है।
उपकरणों की मानक जांच के लिए गठित होगा कमिटी:
ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन के लिए प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर कमिटी का गठन किया जाएगा। प्रखंड स्तर की कमिटी पंचायतों में हो रहे कचड़ा प्रबंधन एवं कचड़ा उठाव की निगरानी एवं अनुश्रवण करेगी। और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ग्राम पंचायतों द्वारा खरीदे गये सामग्री एवं उपकरणों के गुणवता एवं मानक की जांच कर प्रमाण पत्र निर्गत करेगी। वहीं ग्राम पंचायत स्तर की कमिटी सभी वार्डो में सुखा एवं गिला कचड़ा को अलग-अलग उठाव के कार्य को कार्यान्वित करेगी। साथ हीं ग्राम पंचायत अन्तर्गत घर, बाजार, हाट, मेला, धार्मिक स्थल, अनुष्ठान एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों इत्यादि से उत्पन्न ठोस एवं तरल अपशिष्ट का आकलन, सर्वे की सूची तैयार कर कार्य योजना में वर्णित गतिविधियों व कार्यों का क्रियान्वयन करायेंगी।
कचड़ा उठाव के लिए डस्टबिन एवं उपकरण का होगा वितरण:
जिले के ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के चयनित 76 पंचायतों में ग्राम पंचायत के द्वारा डस्टबिन, सामग्री एवं अन्य उपकरणों की खरीदारी मानक के अनुरूप करेगी। सभी उपकरण बिहार वित्तीय नियमावली के अनुसार क्रय किया जाएगा। इसके बाद कचड़ा उठाव के स्थान में रखा जाएगा। इसके लिए सुखा एवं गिला कचड़ा अलग-अलग उठाव कराया जाएगा। ग्राम पंचायत घर, बाजार, हाट एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों इत्यादि से ठोस अपशिष्ट को अलग-अलग करने के लिए दो कुड़ेदान जैविक अपशिष्ट के लिए हरा रंग एवं अजैविक अपशिष्ट एवं नीला रंग का कुड़ेदान का उपयोग किया जायेगा।
प्रखण्ड परियोजना अनुश्रवण इकाई का होगा गठन, ये होंगे पदाधिकारी होंगे शामिल:
जिले के सभी प्रखंडों ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन को क्रियान्वित करने के लिए कमिटी का गठन किया जाएगा। जिसका प्रखंड विकास पदाधिकारी सह प्रखंड स्वच्छता पदाधिकारी अध्यक्ष, प्रखंड समन्वयक सदस्य सचिव होंगे तथा सदस्य के रूप में अंचलाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड परियोजना प्रबंधक जीविका, परियोजना अधिकारी मनरेगा एवं सहायक, कनीय अभियन्ता मनरेगा को नामित किया जाएगा। इसके अलावे सदस्य के रूप में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को भी शामिल किया जा सकता है।
कचड़ा प्रबंधन को ले ग्रामीणों को किया जाएगा जागरूक:
जिले में कचड़ा प्रबंधन को लेकर चयनित पंचायतों में प्रखंड विकास पदाधिकारी के नेतृत्व के जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान ग्रामीणों को स्वच्छता के बारें में जानकारी दिया जाएगा। साथ हीं सुखा एवं गिला कचड़ा के प्रबंधन को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा तथा सामुदायिक व्यवहार परिवर्तन हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा। घर से निकलने वाले अधिकतम अपशिष्ट को घरेलु स्तर पर निपटान के लिए उत्प्रेरित किया जायगा।
डोर-टू-डोर कचड़ा का होगा उठाव:
चयनित ग्राम पंचायत के सभी वाडों में प्रतिदिन डोर-टू-डोर स्वच्छता कर्मियों द्वारा कचड़ा का उठाव किया जाएगा और निर्धारित स्थल पर रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार गांव के निर्धारित स्थानों से ग्राम पंचायत द्वारा निर्धारित किये गये दिन ई-रिक्शा बेस अपशिष्ट को ग्राम पंचायत स्तरीय अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई में लाया जायगा। जहाँ गीला एवं सूखा अपशिष्ट को उपयोगिता के अनुसार पुनः पृथक्करण किया जायेगा एवं पुनः अपशिष्ट को रिसाइकिलिंग के लिए प्रखण्ड स्तर या क्लस्टर स्तर पर स्थापित होने वाले प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई में स्थानान्तरित किया जायेगा।
वार्ड स्तर पर ठोस अपशिष्ट संग्रहण एवं प्रबंधन के लिए प्रतिमाह राशि की होगी वसूली:
ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत क्रियान्वित पंचायतों में प्रत्येक घरों से राशि की वसूली किया जाएगा। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत अंतर्गत बाजार, हाट, दुकान, मार्केट, व्यवसायिक कॉम्पलेक्स, व्यवसायिक गतिविधि करने वाले संस्थानों आदि से ग्राम पंचायत द्वारा न्यूनतम 60 रूपये एवं अधिकतम 200 प्रति प्रतिष्ठान प्रति माह लिया जा सकता है। शुल्क की दर का निर्धारण में ग्राम पंचायत का निर्णय सर्वमान्य होगा। वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के सुझाव पर ग्राम पंचायत द्वारा उपयोगिता शुल्क का निर्धारण किया जा सकता है। घरेलु स्तर पर प्रति घर न्यूनतम 30 रुपया प्रति माह तक उपयोगिता शुल्क लिया जा सकता है।
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