राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

कुपोषित व्यक्तियों में टीबी होने की अधिक संभावना, इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध

  • टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभाग प्रयासरत
  • मरीजों को दी जाती है प्रोत्साहन राशि
  • प्राइवेट डॉक्टर और ट्रीटमेंट सपोर्टर को भी दी जाती है प्रोत्साहन राशि

राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण)। टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इसके खिलाफ हमें  लड़ाई लड़ने की जरूरत है। अक्सर यह देखा जाता है कि टीबी, गरीब परिवार  या कुपोषित व्यक्तियों या बच्चों में होती  है, क्योंकि अगर कोई एक व्यक्ति टीबी से ग्रसित हो गया तो वे सभी लोग एक छोटी  झोपड़ी में रहते हैं  जिस कारण एक दूसरे में टीबी फैल जाती  है। सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि  टीबी फैलने के मुख्य कारण हैं,  रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना। इसके बाद अत्यधिक भीड़, कच्चे मकान, घर के अंदर प्रदूषित हवा, प्रवासी, डायबिटीज, एचआईवी, धूम्रपान भी टीबी के कारण होते हैं। टीबी मुक्त करने के लिए सक्रिय रोगियों की खोज, निजी चिकित्सकों की सहभागिता, मल्टीसेक्टरल रेस्पांस, टीबी की दवाओं के साथ वैसे समुदाय के बीच भी पहुंच बनानी होगी, जहां अभी तक लोगों का ध्यान नहीं जा पाया है। जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। जहां पर वह अपना इलाज करा सकते हैं । इसके साथ उनको नि:शुल्क दवा भी दी जाती है। जो नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। इससे टीबी के मरीजों को काफी सहूलियत  होती है। टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है और इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न  उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए  लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया है।

निजी सरकारी दोनों अस्पताल के मरीजों को लाभ :

सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि निक्षय पोषण योजना का लाभ सभी प्रकार के मरीजों जिनका इलाज सरकारी अस्पताल या प्राइवेट डॉक्टर के यहां चल रहा हो को मिलता है | इलाज की  अवधि तक 500 रुपए प्रति महीने पौष्टिक आहार के लिए दिया जाता है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए टीबी मरीज के पास डॉक्टर का पुर्जा, आधार कार्ड या कोई भी सरकारी पहचान पत्र एवं बैंक पासबुक की  छाया प्रति अपने अस्पताल या प्राइवेट डॉक्टर के यहां जहां टीबी मरीज का इलाज चल रहा हो वहां जमा करना होता है ताकि मरीज के नाम का नोटिफिकेशन जारी हो सके और उसे डीबीटी का लाभ मिल सके।

प्राइवेट डॉक्टर और ट्रीटमेंट सपोर्टर को भी जाती है प्रोत्साहन राशि :

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि “निक्षय योजना” के तहत टीबी मरीजों के अलावा  प्राइवेट डॉक्टर को टीबी मरीज का नोटिफिकेशन कराने पर 500 रुपये और इलाज के बाद इलाज पूरी होने या आउटकम मिलने पर 500 रुपये कुल 1000 रुपये की  आर्थिक प्रोत्साहन राशि डीबीटी के माध्यम से सरकार द्वारा दी जाती है। इसके साथ ही ट्रीटमेंट सपोर्टर के रूप में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका के साथ ही एनओआईसी से प्रशिक्षित वोलेंटियर को ड्रग सेंसेटिव फर्स्ट लाइन मरीज की  पहचान कर नोटिफिकेशन करवाने पर 1000 रुपये और ड्रग रेस्टेन्ट सेकेंड लाइन मरीज की  पहचान कर नोटिफिकेशन करवाने पर 5000 रुपये तक की  सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से सरकार के द्वारा दी जाती है।