प्रो0 संजय पाण्डेय। राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के सीनियर डीन प्रोफेसर डॉ लक्ष्मण सिंह, पूर्व विधायक विनय सिंह, डॉ पीएन सिंह डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल एवं भारतीय शिक्षण मंडल उत्तर बिहार के प्रांत सह मंत्री विश्वजीत सिंह चंदेल जी ने “सुभाष स्वराज सरकार” शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता के पोस्टर का विमोचन किया।
“सुभाष – स्वराज – सरकार”
शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता भारतीय शिक्षण मंडल युवा आयाम एवं रिसर्च फॉर रिसर्जेंस फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जा रही हैं।पंजीयन की अंतिम तिथि:20सितंबर 2022 हैं।शोध पत्र के विषय:
- आत्मनिर्भर भारत : सुभाष की दृष्टि से।
- आजाद हिंद सरकार : महत्व एवं संरचना।
- स्वाधीनता के अज्ञात वीर।
- अंतर्राष्ट्रीय संबंध दृष्टि : नेताजी से आज तक।
- अमृतकाल से सुभाष संकल्प: 2022 से 2047।
- अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण की आवश्यकता।
पंजीयन : www.bsmbharat.org पर किया जा सकता है । इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ लक्ष्मण सिंह ने कहा कि आज यदि सुभाष चंद्र बोस जीवित होते तो विदेश नीति किस प्रकार की होती, रक्षा नीति किस प्रकार की होती, शिक्षा नीति किस प्रकार की होती, स्वराज स्वतंत्र में कैसे परिवर्तित हो गया होता।इन सारे सपनों को अपने अंदर जीवित कीजिए, अपने अंदर के सुभाष को जगाइए,भारत माता का चिंतन कीजिए और इन सारे विचारों को व्यवस्थित रूप से एक बौद्धिक योद्धा की तरह शोध पत्र में परिवर्तित कर दीजिए।सुभाषचंद्र बोस जी का जीवन, उनका जीवन दर्शन, स्वाधीनता संघर्ष में उनका योगदान, आजाद हिंद फ़ौज की संरचना, उसकी स्थापना और भारत के विकास के लिए उनकी सोच- आर्थिक विकास को लेकर उनकी सोच, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को लेकर उनकी सोच, शिक्षा को लेकर उनकी सोच – इन सभी को उजागर करना हैं। प्रांत सह मंत्री विश्वजीत सिंह चंदेल ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस जी के जीवन के अध्ययन से ही अपने अंदर एक ऊर्जा का निर्माण होता हैं, व्यक्तित्व विकास इसके माध्यम से हो जाता हैं। स्वाधीनता तो हमें प्राप्त हुई हैं हमें स्वतंत्र की ओर देश को आगे बढ़ाना हैं।स्वतंत्र का निर्माण करने से ही भारत – भारत के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत करने में सफल होगा।
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